Day: May 2, 2024

काव्य – दर्द भरी चींखें !!

छोटी छोटी बातों में मुझे पड़ना नही आता ,तू ये न समझ की मुझे लड़ना नही आता ! बेकार है तमाम तालीम उस शख्सियत की ,गमजदा लोगो के चेहरे पढ़ना…

काव्य – अब जमाना बदल गया

तंग गलियां तन पे बेहया लिबास देख रहा हूँ ,सच जमाना बदल गया आँखों देख रहा हूं ! प्यासी नदियां बिलखती नग जमी दोख हुए ,मधुवन में दावानल सुलगती आंखों…

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