राजस्थान 16 वीं विधान सभा की प्रमुख समितियां ,अध्यक्ष और सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने किया इनका गठन।
राजस्थान में 16 वी विधानसभा अध्यक्ष वासु देवनानी द्वारा हाल ही में 17 मई 2024 (शुक्रवार) को विभिन्न समितियो का गठन किया है। जिनमे सत्ता पक्ष,विपक्ष, सहित लगभग सभी दलों…
काव्य:आलोकित
लाल देह ले भासित हुए अरुण भगवन,शीतल मकरन्द घुली सुगन्धित बहे पवन! दिनकर उदित ले प्रथम कस्तूरी किरण,दरख्तों पर खिले नव कुसुमित पल्लव! भानु प्रकटे प्राची दिसि नव प्रखरता से,सब…
राजस्थान की पहली मंत्री और एक मात्र महिला उपमुख्य मंत्री का निधन, डॉ.कमला बेनीवाल का जीवन परिचय(विधायक, मंत्री,उप मुख्यमंत्री, राज्यपाल के रूप में)
डॉ.कमला बेनीवाल: राजस्थान ही नही बल्कि भारत की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली और राजस्थान की एकमात्र महिला उप मुख्यमंत्री श्रीमती कमला बेनीवाल का हाल ही में…
‘परिवार दिवस’ पर काव्य /शायरी
यह मेरा वह दूसरा,ओच्छा यह व्यवहार lवसुधैव कुटुबं की भावना,आज दिवस परिवार ll संयुक्त में ताकत भरी,एकल एकल खार lसंगठन में शक्ति कही,आज दिवस परिवार ll हिल मिल कर चलती…
गांधी जी का अंतिम आंदोलन : भारत छोड़ो आंदोलन /अगस्त क्रांति 1942, वर्धा प्रस्ताव क्या है?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन का अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन था जो अगस्त 1942 में किया गया था इस कारण इसे “अगस्त क्रांति” भी कहा जाता है। इस मैदान…
दांडी यात्रा : सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930, दूसरा सविनय अवज्ञा आंदोलन 1932,क्यों और कैसे ?,दांडी यात्रा की दूरी, यात्रा में कितना लगा समय
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन में जैसे असहयोग आंदोलन(1920),भारत छोड़ो आंदोलन (1942)और सविनय अवज्ञा आंदोलन(1930) महत्वपूर्ण है जिसे नमक…
लोग सच्चे,प्यारे दिखते अब किस्से और कहानी में !
नफरत ,झूंठ फ़रेब दिखता कपटी दुनिया में,लोग सच्चे प्यारे दिखते किस्से और कहानी में! सच झूँठ अतीत के स्याह कोरे पन्ने होते हैं ,फ़रेबी लोग सच का मुखोटा पहने होते…
काव्य – आखा तीज/ अक्षय तृतीया
बैशाख शुक्ल की तृतीया,कहते आखा तीज lकृषि कार्य शुरुआत हो,बो ओ धर्म के बीज ll 1 मांगलिक फलदायिनी,हो मंगल सब काज lऋषि कृषि की संस्कृति,हम सबको है नाज ll 3…
काव्य – रुसवाईयाँ !!
कैसे जीता हूँ तेरे दिये दर्द को तुम क्या जानो,बिन तेरे कितनी नश्तर राते, तुम क्या जानो ! चहरे पर बिखरी हुई बेबस बेजुबां मुस्कान,दिल की उदासी का आलम तुम…
काव्य – कच्ची कलियाँ
खत नही वो लब्ज़ हैं जुबां जो कह न सकी,कली जो फूल बसन्त का कभी बन न सकी! वो सिसकियां नही सांसे हैं मेरी जो मरी नही,कच्ची कली न तोड़…