दांडी यात्रा : सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930, दूसरा सविनय अवज्ञा आंदोलन 1932,क्यों और कैसे ?,दांडी यात्रा की दूरी, यात्रा में कितना लगा समय

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन में जैसे असहयोग आंदोलन(1920),भारत छोड़ो आंदोलन (1942)और सविनय अवज्ञा आंदोलन(1930) महत्वपूर्ण है जिसे नमक…

लोग सच्चे,प्यारे दिखते अब किस्से और कहानी में !

नफरत ,झूंठ फ़रेब दिखता कपटी दुनिया में,लोग सच्चे प्यारे दिखते किस्से और कहानी में! सच झूँठ अतीत के स्याह कोरे पन्ने होते हैं ,फ़रेबी लोग सच का मुखोटा पहने होते…

काव्य – आखा तीज/ अक्षय तृतीया

बैशाख शुक्ल की तृतीया,कहते आखा तीज lकृषि कार्य शुरुआत हो,बो ओ धर्म के बीज ll 1 मांगलिक फलदायिनी,हो मंगल सब काज lऋषि कृषि की संस्कृति,हम सबको है नाज ll 3…

काव्य – रुसवाईयाँ !!

कैसे जीता हूँ तेरे दिये दर्द को तुम क्या जानो,बिन तेरे कितनी नश्तर राते, तुम क्या जानो ! चहरे पर बिखरी हुई बेबस बेजुबां मुस्कान,दिल की उदासी का आलम तुम…

काव्य – कच्ची कलियाँ

खत नही वो लब्ज़ हैं जुबां जो कह न सकी,कली जो फूल बसन्त का कभी बन न सकी! वो सिसकियां नही सांसे हैं मेरी जो मरी नही,कच्ची कली न तोड़…

काव्य/शायरी – अधूरे ख्वाब

कजरा लगा के बाग में न अकेले जाया करो !अल सुबह सोये फूलों को न जगाया करो!! कलियों के हसीन ख्वाबों को न तोड़ा करो !कलियों पर बैठे भँवरों को…

काव्य – साजन

साजन मेरे मेरी रगों में दौड़ते लहू तुम,तेरी सनसनाहट बदन में पाऊँ बलम !१ हवा में सन सन जल में तरंग साजन,बिजली में चमक पत्थर में आग हो !!२!! ठहरे…

काव्य : अवनी अम्बर

कभी नयन देखता हूँ कभी नक्श देखता हूँ ,तेरी शोख अदाएं तसल्ली भर निहारता हूँ! मैं लिखने को तुझ पर वक्त से वक्त चुराता हूँ,अल्फाज़ो में बदन की नक्काशी लिखता…

काव्य – दर्द भरी चींखें !!

छोटी छोटी बातों में मुझे पड़ना नही आता ,तू ये न समझ की मुझे लड़ना नही आता ! बेकार है तमाम तालीम उस शख्सियत की ,गमजदा लोगो के चेहरे पढ़ना…

काव्य – अब जमाना बदल गया

तंग गलियां तन पे बेहया लिबास देख रहा हूँ ,सच जमाना बदल गया आँखों देख रहा हूं ! प्यासी नदियां बिलखती नग जमी दोख हुए ,मधुवन में दावानल सुलगती आंखों…

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