काव्य – चारु चन्द्रिका
@ गोविंद नारायण शर्मा बारिश की पहली बूंदों से सौंधी महक सी !बसन्त में खिली नव पल्लवित कलिका सी ! शरद में खिले शतदल की गुलाबी पंखुरी सी,शबनमी नन्ही बून्द…
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@ गोविंद नारायण शर्मा बारिश की पहली बूंदों से सौंधी महक सी !बसन्त में खिली नव पल्लवित कलिका सी ! शरद में खिले शतदल की गुलाबी पंखुरी सी,शबनमी नन्ही बून्द…
@ गोविंद नारायण शर्मा थारी ओल्यू चांदनी रातां म आवे क्यों !तू मने मनडे म मिलण को चितारे क्यों !! थारा नाम स्यूँ हिचकी रुक जावे क्यों !चांद सरिको मुखड़ो…
@ गोविंद नारायण शर्मा मुफलिसी में ईमान खोने की नीयत नही की, अपनी शर्तों पर जिन्दगी जी हुजूरी नही की ! आसान था ईमान को कोढियों में डगमगाना, कभी किसी…
@ गोविंद नारायण शर्मा तेरे अक्ष से निकले हर अश्क को हलक में उतार लिया, ज्यो समुद्र मुन्थुन से निकले गरल को शम्भू ने पी लिया ! खुली अल्को से…
जैसलमेर जिले के पोकरण के पास विश्व प्रसिद्ध बाबा रामदेव का मंदिर स्थित है जहां पर प्रतिवर्ष भादवा की दूज पर मेला भरता है जिसमें देश प्रदेश से करोड़ों श्रद्धालु…
@ गोविंद नारायण शर्मा तेरी चाहत दिल मे दबी पालूँ मिलन री प्रीत,खेलूँ तुझ संग बाजी प्रेम की तू हारे मैं जाऊं जीत! चाहत में तेरी सजन बंधी मन मिलन…
@ गोविंद नारायण शर्माभय प्रकट दशरथ सुत राम भव भयहारी,सुमङ्गल जनमनहारी कौशल्या हितकारी! कानन कुंडल मकराकृत घनी शोभित भौहे;पीत झगुलिया कटि छुद्र घन्तिका मन मोहे! भाल चन्दमा किरीट सोहे अधर…
@ गोविंद नारायण शर्मा मैंने जिसको जिंदगी का ककहरा सिखाया,वो मुझसे इलाज की फ़ीस मांगने आया! अंगुली पकड़कर जिसको चलना सिखाया ,उसने धक्का देकर सड़क पर मुझे गिराया ! खून…
@ गोविंद नारायण शर्मा वो मिलने आये नारियल सिर पर फोड़ गये ,किसी से न कहने को हाथ मेरा मरोड़ गये! बातें उल्फ़त की बहुत मीठी की पास बैठकर,बहला कर…
@गोविंद नारायण शर्मा अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए, कब कहाँ कैसा लहजा हो ये आना…
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