Category: Religious , Cultural & historical Issues

केकड़ी जिले के इस गांव में है,सूर वराह और नर वराह की अद्वितीय और ऐतिहासिक प्रतिमायओ का अनूठा संगम।

राजस्थान के केकड़ी जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित और ऐतिहासिक,पौराणिक धार्मिक कस्बा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है बल्कि इसकी ऐतिहासिकता, आध्यात्मिकता, और पौराणिकता को अपने…

“राजा भर्तृहरि की गुफ़ा”/भर्तृहरि की तपों स्थली कहां है ?

  “वीरो ओर पीरो की खान”  राजस्थान राज्य के केकड़ी जिले की उप तहसील मुख्यालय आज का बघेरा कस्बा  न केवल अपने विश्व प्रसिद्ध शूर वराह मंदिर और प्रेम के प्रतीक…

व्याघ्रपदपुर से बघेरा तक की यात्रा का पूरा इतिहास

हमारे गौरव ,शौर्य और स्वामीभक्ति की अमर कथाओ की  पर्याय हमारी धरा अपने आंचल में अनेक सभ्यताओं संस्कृतियों और इतिहास को  समेटे हुए हैं यह समय की गति ही कही…

जैन अतिशय क्षेत्र बघेरा जहां धरती की कोख से निकलती है प्रतिमाएं

इतिहास और पौराणिकता की दृष्टि से बघेरा ओर जैन धर्म का  संबध       केकड़ी जिले का बघेरा कस्बा पौराणिकता, आध्यत्मिकता, ऐतिहासिकता के दृष्टिकोण से अपनी अलग ही पहचान रखता है ।…

बघेरा में प्रेम का प्रतीक ढोला मरु का तोरण द्वार रखता है अलग ही पहचान ।

         एक किंवंदती के अनुसार ढोला-मारू का विवाह केकड़ी जिले में जिला मुख्यालय से कर 18 किलो मीटर दूर बघेरा कस्बे में हुआ था जहां आज भी…

बघेरा में है “मौलश्री का ऐतिहासिक पेड़” इसका धार्मिक महत्व क्या है?

ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व वाला बघेरा कस्बा जो कि केकड़ी जिले में ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इमारतों /मंदिरों/स्मारक  के दृष्टिकोण से महत्व  रखने वाला कस्बा है आज हम बात करते है…

बघेरा गाँव की धरती मूर्तियां और इतिहास उगलती है।

जहां जहां तहां रखी हुई ऐतिहासिक,धार्मिक वस्तुएं/कलाकृतियां हमारी अमूल्य धरोहर है ये हमें हमारी सभ्यता संस्कृति व धर्म और इतिहास को याद दिलाती है हमारा दायित्व है  कि हम उसे…

बघेरा में कहां है ? तारा देवी की प्रतिमा

ब्रह्माणी माता मंदिर में “तारा देवी”  की प्राचीन प्रतिमा भी विराजमान है जिसका नवरात्रा में पूजा और कथा सुनने की रही है परंपरा। ————————————————-  ऐतिहासिक और पौराणिक बघेरा  नगरी में ब्रह्माणी…

अनपूर्णा देवी बघेरा-जहाँ पहला भोग अनपूर्णा देवी को लगाए जाने की रही है परंपरा।

ब्रह्माणी माता मंदिर  परिसर बघेरा में अनपूर्णा देवी की प्रतिमा  होना रखती है आध्यात्मिक महत्व ,पहला भोग अन्नपूर्णा देवी के लगाए जाने की परंपरा रही है   ————————————————-     ऐतिहासिक…

अवसरवाद के भेंट चढ़ चुकी है मानवीय संवेदनाएं,

कोरोना काल :- मरती मानवीय संवेदनाओ और अवसरवाद की पराकाष्ठा ।       कहते हैं परिवर्तन प्रकृति का नियम है ।  लेकिन इतना भी क्या  परिवर्तन …….पिछले कुछ वक्त पूर्व जब…

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