Day: June 27, 2024

काव्य/शायरी: तलब

है वो गजब की बला मिर्ची से तीखी बहुत, फिर भी वो हर अंदाज में मुझे भाती बहुत! अब उससे कोई उम्मीद नही किया करता, करके कुछ उपकार मुझ पे…

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