काव्य/शायरी/कविता: जिजीविषा (जीने की इच्छा)
नीरस तरुवर में निकली नन्ही कोंपल से ,उम्मीद की किरण पाकर खिलना सीखो! पिपीलिका का अथक परिश्रम तुम देखो,कठिन डगर पर चढ़ मंज़िल पाना सीखो ! मानव देह में शिवि…
(M.A. B.ED, NET, SET, Ph.d, LL.B)
नीरस तरुवर में निकली नन्ही कोंपल से ,उम्मीद की किरण पाकर खिलना सीखो! पिपीलिका का अथक परिश्रम तुम देखो,कठिन डगर पर चढ़ मंज़िल पाना सीखो ! मानव देह में शिवि…
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