Day: April 29, 2024

काव्य – बावरा मन !

दिल भरा सा है फिर भी तेरे बिन खालीपन,अज़ीब सन्नाटा ना जाने क्या चाहे यह मन! रोना बहुत चाहता बैचेन उद्विग्न नादाँ मन ,क्या खता हुई हमसे ना समझे बावरा…

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