प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल (1966 से 1977) और राष्ट्रीय आपात काल के दौर में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष देवकांत बरुआ द्वारा गठित की गई थी ।इस समिति के परामर्श पर ही अब तक का सबसे बड़ा संविधान संशोधन (42 वे संविधान संशोधन1976) किया गया था।

इस उद्देश्य से किया गया गठन :

इसका उद्देश्य संविधान में प्रस्तावित संशोधन पर अपनी रिपोर्ट देनी थी। इस उद्देश्य से यह समिति गठित की गई थी और अगस्त 1976 में इस समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी । इस समिति के परामर्श पर ही मूल कर्तव्य जोड़े गए थे।

इनकी अध्यक्षता में किया गया गठन:

सरदार स्वर्ण सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति जिसका नाम सरदार स्वर्ण सिंह समिति (भारतीय संविधान में प्रस्तावित संशिधानो पर कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा नियुक्ति समिति है) के परामर्श पर जोड़े गए है।

संगठन और सदस्य संख्या :

सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अध्यक्षता में इस समिति में कुल 12 सदस्य थे 1.सरदार स्वर्ण सिंह (सभापति), 2.ए आर अंतुले(सचिव) सदस्य- 3.एस एस रे,4.रजनी पटेल, 5.एच आर गोखले, 6.वी ए. सैयद मुहम्मद, 7.वी एन गाडगिल, 8.सी एम स्टीफन, 9.डी पी सिंह, 10.डी सी गोस्वामी, 11.वी वी साठे, 12.बी एन मुखर्जी ।

ध्यातव्य: इस समिति ने 08 मूल कर्तव्य जोड़े जाने का परामर्श दिया था पर 10 मूल करते जोड़े गए थे।

सरदार स्वर्ण सिंह कौन है इनका जीवन परिचय

सरदार स्वर्ण सिंह का जन्म 19 अगस्त 1907 को पंजाब प्रांत के जालंधर जिले के एक छोटे से गाँव शंकर गाँव में हुआ था, उन्होंने कपूरथला के रणधीर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई के लिए लाहौर गए जहाँ से एमएससी की डिग्री प्राप्त की और व्याखायत के रूप में उन्होंने कार्य भी किया।

उन्होंने कानून की पढ़ाई भी की और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, सदा स्वर्ण सिंह ने 1946 में सर्वप्रथम राजनीति में प्रवेश किया था और पंजाब विधानसभा की सदस्यता निर्वाचित भी हुए थे।, सरदार श्रवण सिंह 1952 से लेकर 1957 तक राज्यसभा की सदस्यता रहे और दूसरी से पाँचवी लोकसभा तक पंजाब के जालंधर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य रहे।

1952 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल किया गया और 1975 तक तीन प्रधानमंत्री के कार्यकाल में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में काम किया।

जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में वह निर्माण,आवास और आपूर्ति मंत्री, इस्पात खान और खाद्य मंत्री, रेल मंत्री, खाद्य और कृषि मंत्री जैसे विभागों में कार्य किया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पश्चात सरदार स्वर्ण सिंह प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में मंत्रिमण्डल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री भी रहे।

1964 से 1966 तक लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया ,विदेश मंत्री के रूप में 2 वर्षों तक कार्य करने के बाद सरदार स्वर्ण सिंह ने 1966 से 1970 तक श्रीमती इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं और 1970 से 1974 तक दूसरे विदेश मंत्री बन गए ।

1974 से 1975 तक विदेश मंत्री रहे पर 1975 में इन्होंने त्यागपत्र दे दिया और इनके सभापतित्व में ही 1976 में संविधान की समीक्षा और प्रस्तावित संशोधनों को लेकर सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया गया था । इस महान विभूति का 30 अक्टूबर 1994 को देहांत हो गया

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