गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई

   फ़ोटो में दिख रही है  इस छोटी सी  चिड़िया से  खास हो या आम शहरी हो या ग्रामीण कोई अनजान नहीं है इस छोटी सी नन्ही सी प्यारी सी और मन को मोह लेने वाली समाज में ही इंसानों के आसपास रहने वाली चिड़िया को गौरैया के नाम से जाना जाता है  अक्सर यह चिड़िया इंसानों के बीच रहना पसंद करती थी गांव हो या शहर हर जगह सही से देखा जाता था विशेषकर गांव में जब घर परिवार के लोग खुले में घर के आंगन में बैठकर खाना खाया करते थे तो यह गोरिया चिड़िया आसपास चहचहाने  लगती थी रोटी के कुछ टुकड़े उसे  डाल देते इसे वह खाकर क्या अपने घोसलों में ले जाकर बच्चों को खिलाया करती थे   

घर आंगन में जहां देखो वहीं छोटी-छोटी जगहों पर उनके घोसले देखे जा सकते थे घर के नन्हे  बच्चे चिड़िया के साथ  इस प्रकार खेला करते थे मानो उसे सारे जहां की खुशियां मिल गई हो लेकिन आधुनिकता का ऐसा दौर आया कि वह संस्कृति वह वातावरण न जाने कहां खो गया और यह नन्ही सी गौरैया चिड़िया देखने को आज के बच्चे तरस गए हैं प्रकृति के साथ इंसानों ने छेड़खानी की लेकिन भुगतना पड़ा है ऐसे बेजुबान पशु पक्षियों को इसलिए आज के बच्चे ऐसी पशु पक्षियों से अनजान है । ऐसी संस्कृति से अनजान है ।

कब और क्यो मनाया जाता है गौरेया दिवस


चिड़िया/ गौरेया को बचाने उसके संरक्षण के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिये  प्रतिवर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है । इसीलिए आपके आसपास जहां कहीं भी गौरैया चिड़िया दिखे उसे खाना और दाना डालें उसको अपनापन दे उनको पानी के लिए घर में परिंडे बनाएं और ऐसे बेजुबान पशु पक्षियों की जान बचाकर उन्हें संरक्षण दे ताकि आज के बच्चे एक बार फिर वही वातावरण वही संस्कृति वही गुरैया की चहचाहत  का माहौल दे ।

2 thoughts on “गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई”

Leave a Reply to farmasi üye ol Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page