
पोक्सो एक्ट 2012 (POCSO ACT 2012) protection of children from sexual offences 2012 क्या है ?
आज के इस भौतिकवादी समय में जहां अपराधो का दायरा बढ़ता नजर आ रहा है,वही सरकार और समाज में चिंताओं और उत्तरदायित्व का दायरा भी बढ़ता जा रहा है, विशेषकर देश का भविष्य कहलाने वाले बालकों के प्रति आए दिन अमानवीय , यौन अपराध और गंभीरतम अपराध देखे जाते रहे हैं और ऐसी ही खबरे समाचार पत्रों और मीडिया की सुर्खियां बनती है । इन सब में यौन शोषण की समस्या आज समाज के लिए नासूर बनती जा रही है जो बालकों के शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध बनती जा रही है ।
- पोक्सो एक्ट 2012 ( लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 )
जब समाज में बालक सुरक्षित नहीं हो उनके प्रति गंभीर प्रकार के यौन अपराध एक आप बात हो रही हो तो ऐसे दौर में सरकार, समाज के शिक्षित वर्ग और अभिभावकों का चिंतित होना स्वभाविक है ।
सरकार के द्वारा सन 2012 में बाल अपराध पर रोक लगाने के लिए समुचित व्यवस्था की जाने की पहल की जिसके तहत भारतीय संसद के द्वारा 14 नवंबर( बाल दिवस) के दिन 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के यौन शोषण और लैंगिक अपराधों की रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधान किए जाने के क्रम में 29 जून 2012 को पोक्सो अधिनियम पारित किया । जिसमें अपराधों की शिकायत दर्ज कराने और न्यायिक प्रक्रिया को सरल और बालमैत्री पूर्ण बनाने का प्रयास किया।
इस कानून के अंतर्गत यौन अपराध, यौन शोषण, यौन उत्पीड़न और अश्लीलता को शामिल किया गया है तथा ऐसे अपराधों के लिए कठोरतम दंड का प्रावधान भी इनमें किया गया।
पोक्सो एक्ट का पूरा नाम क्या है? पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) protection of children from sexual offences 2012 (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 ) कहां जाता है।
- पोक्सो एक्ट के तहत क्या है कानूनी प्रावधान
इस अधिनियम के अंतर्गत यदि आरोपी किशोर है तो उस पर किशोर न्यायालय अधिनियम 2000 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा । पुलिस का यह कर्तव्य है कि यौन शोषण के मामलों में 24 घंटे के अंदर- अंदर बाल कल्याण समिति की निगरानी में प्रस्तुत किया जाएगा और इस मामले में पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच महिला डॉक्टर की उपस्थिति में की जाएगी। मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे की नजर में बच्चों के माता-पिता या अन्य बच्चों का कोई विश्वासपात्र हो उसकी उपस्थिति में किया जाना चाहिए।
- इस अधिनियम में 09 अध्याय तथा 46 धाराएं हैं ।
अध्याय 1 में धारा 1 से लेकर धारा 2 तक
अध्याय 2 में धारा 3 से लेकर धारा 12 तक
अध्याय 3 में धारा 13 से लेकर 15 तक
अध्याय 4 में धारा 16 से लेकर धारा 18 तक
अध्याय 5 में धारा 19 से लेकर धारा 23 तक
अध्याय शामिल धारा 24 से लेकर धारा 27 तक
अध्याय 7 में धारा 28 से लेकर धारा 32 तक
अध्याय 8 में धारा 33 से लेकर धारा 38 तक
अध्याय 9 में धारा 39 से लेकर धारा 46 तक उल्लेखित है।
- पोक्सो एक्ट 2012 की धाराएं
धारा 1 अधिनियम का संक्षिप्त नाम, विस्तार और उसका प्रारंभ।
धारा 2 में बालक,जेंडर,निरपेक्ष सांझी गृहस्थी की देखभाल और संरक्षण की जरूरतमंद बच्चे की परिभाषा ।
धारा 3 प्रवेशन लैंगिक हमला और उसका अर्थ
धारा 4 प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड का प्रावधान
धारा 5 गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला और उसका अर्थ
धारा 6 गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड का प्रावधान
धारा 7 लैंगिक हमला और उसका अर्थ
धारा 8 लैंगिक हमले के लिए दंड का प्रावधान
धारा 9 गुरुतर लैंगिक हमला और उसका अर्थ
धारा 10 गुरुतर लैंगिक हमले के लिए दंड का प्रावधान
धारा 11 लैंगिक उत्पीड़न और उसका अर्थ
धारा 12 लैंगिक उत्पीड़न के लिए दंड का प्रावधान
धारा 13 अश्लील प्रयोजन के लिए बालक का उपयोग का अपराध
धारा 14 अश्लील प्रयोजन के लिए बालक के उपयोग के संबंध में दंड का प्रावधान
धारा 15 बालक को सम्मिलित करने वाली अश्लील सामग्री के भंडारण के लिए दंड का प्रावधान
धारा 16 किसी अपराध का दुष्प्रेरण
धारा 17 दुष्प्रेरण के लिए दंड का प्रावधान
धारा 18 बच्चों के प्रति किसी अपराध को करने की कोशिश के संबंध में दंड का प्रावधान
धारा 19 अपराधियों की रिपोर्ट करने के संबंध में प्रावधान और प्रक्रिया का प्रावधान
धारा 20 मामले की रिपोर्ट करने के लिए मीडिया, स्टूडियो और फोटो चित्रण सविधाओं की बाध्यता
धारा 21 मामले की रिपोर्ट करने या अभिलिखित करने के विफल रहने के संबंध में दंड का प्रावधान
धारा 22 झूठे परिवाद व झूठी सूचना के संबंध में दंड का प्रावधान
धारा 23 मीडिया के लिए प्रक्रिया मीडिया में बालक की फोटो,उसका नाम , परिवार के संबंध में जानकारी, उसकी पहचान प्रकट नहीं करने के संबंध में प्रावधान और इसका उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान
धारा 24 बालक के कथन को अभीलिखित किया जाना और उसके बारे में प्रक्रिया का उल्लेख
धारा 25 मजिस्ट्रेट द्वारा बालक के कथन का अभिलेखन करना और उसके संबंध में विभिन्न प्रावधान
धारा 26 अभिलिखित किए जाने वाले कथन के संबंध में कुछ अतिरिक्त प्रावधानों का उल्लेख
धारा 27 पीड़ित बालक के चिकित्सीय सुविधा के संबंध में प्रावधान
धारा 28 विशेष न्यायालय को अभीहीत किया जाना
धारा 29 कुछ अपराधों के बारे में अवधारणा
धारा 30 आपराधिक मानसिक दशा की उप धारणा
धारा 31 विशेष न्यायालय के समक्ष कार्यवाही को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 का लागू होने के संबंध में प्रावधान
धारा 32 विशेष लोक अभियोजक और उसकी नियुक्ति के संबंध में प्रावधान
धारा 33 विशेष न्यायालयों की शक्तियां और प्रक्रिया के संबंध प्रावधान
धारा 34 बालक द्वारा अपराध किए जाने और विशेष न्यायालय द्वारा आयु की अवधारणा करने के संबंध में प्रक्रिया का निर्धारण
धारा 35 बालक के साक्ष्य को अभिलिखित करने और मामले का निपटारा करने के लिए समय अवधि के निर्धारण के बारे में प्रावधान
धारा 36 साक्ष्य देते समय बालक का अभियुक्त को दिखाना जैसे मामलों का प्रावधान
धारा 37 मामले की सुनवाई बंद कमरे में किए जाने के संबंध में प्रावधान
धारा 38 बालक का साक्ष्य अभिलिखित करते समय किसी दुभाषी या विशेषज्ञ की सहायता उपलब्ध करवाने के संबंध में प्रावधान
धारा 39 किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने के संबंध बालक के मार्गदर्शक के संबंध प्रावधान
धारा 40 किसी कानूनी काउंसिल की सहायता लेने का बालक का अधिकार और उसके संबंध में कतिपय प्रावधान
धारा 41 कुछ मामलों में धारा 03 से धारा 13 के बारे में उप बंधुओं का लागू होना 4
धारा 42 अनुकल्पित दण्ड
धारा 43 पोक्सो एक्ट के बारे में जन जागरूकता के संबंध उपाय किए जाने के संबंध में प्रावधान
धारा 44 पोक्सो एक्ट के लागू की जाने की मॉनिटरी के संबंध में प्रावधान
धारा 45 केंद्र सरकार के इस संबंध में नियम बना सकने के संबंध में प्रावधान
धारा 46 पॉक्सो एक्ट के उपबंधुओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के संबंध में उपबंद करने के बारे में प्रावधान।
- पोक्सो एक्ट 2012 कब हुआ लागू ।
यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा का अधिकार अधिनियम 2012 जिसे पोक्सो एक्ट 2012 भी कहा जाता है।यह अधिनियम 9 नवंबर 2012 को राजपत्र में प्रकाशित हुआ तथा 14 नवंबर 2012 को बाल दिवस के दिन में पूरे भारत में लागू हुआ ।
इस अधिनियम की धारा 1 के तहत बालक कौंन है उसको परिभाषित किया गया है। इस धारा के अनुसार ऐसा कोई व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है बालक की श्रेणी में आता है।
- पोक्सो एक्ट में हुआ यह हुआ बड़ा बदलाव
केंद्र सरकार ने बाल यौन शोषण अपराध संबंधी कानून को कठोर बनाते हुए बाल यौन अपराध संरक्षण नियम- पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences Rules- POCSO), 2019 लाया गया जो कि 9 मार्च 2020 को लागू हुआ । इसमें किये गए नए संशोधनों के तहत बाल उत्पीड़न से संबंधित प्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है। इन संशोधनों के तहत
समाज में बच्चों में जागरूकता कभी प्रदान किया गया इसके साथ ही अब स्कूल, केयर होम हॉस्टल बाल गृह और ऐसे अन्य संस्थानों में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिये पुलिस सत्यापन को अनिवार्य हैं।
समाज में बढ़ती हुई यौन अपराधिक घटनाओं और दरिंदगी को देखते हुए पोक्सो एक्ट में संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब 12 वर्ष तक की बच्चों के प्रति गंभीरतम अपराध दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा दिए जाने का प्रावधान किया है । ध्यान देने योग्य बात है की अपराध की गंभीरता को देखते हुए ही माननीय न्यायालय इस बात का निर्णय करता है।
- पहला राज्य जहां पोक्सो के तहत मृत्यु की सजा सुनाई गई
पॉक्सो एक्ट 12 वर्ष की आयु के बच्चों के साथ दरिंदगी के मामले में मृत्युदड के प्रावधान का सबसे पहला प्रयोग करने वाला मध्य प्रदेश पहला प्रदेश है ।