तपती धरती करें पुकार
@ गोविंद नारायण शर्मा तपती धरती करें पुकार सुनो नर और नार,वृक्ष लगाकर तपती धरती का करो शृंगार! तुझको बचाने की भरसक कोशिश करता हूँ,हरपल तेरे जलते दामन की चिंता…
करना जरा सोच विचार
@ गोविन्द नारायण शर्मा बैठो जो खाली कभी, करना सोच विचारखुराफात मत सोचना, जायेगा बेकार। कलियुग का यह श्राप है, भागेगा मन तेजरोक सको तो रोक लो, इतना हो परहेज।…
शायरी/काव्य – पंछी/ पखेरू
@ गोविन्द नारायण शर्मा भोर भई चमका पूरब दिशि में शुक्र तारा,पखेरुओ ने आंखे खोली छोड़ा रेन बसेरा! आपस में बतियाते सुबह सुबह दो परिन्दे ,इंसान हो गये कितने बेशर्म…
काव्य / शायरी – निग़ाहें क़त्ल !!
@ गोविंद नारायण शर्मा ग़म का ये आलम कोई खबर नही,तू कब रुख़सत हुई कोई खबर नही! जाम गटके गिनती नही की रात से ,बोतलें कितनी रीती कोई खबर नही!…
संयोग शृंगार ! करवा चौथ,अमर सुहागन हूजे म्हारी
@ गोविंद नारायण शर्मा छत पे आजा गौरी सज धजकर सोलह सिणगार ,पहर झिलमिल तारा जड़ी साड़ीकर लयाँ चाँद का दीदार!१! अम्बर में चांदो छिप गयोकाळा बादलिया री ओट,रूप गोरडी…
काव्य – चारु चन्द्रिका
@ गोविंद नारायण शर्मा बारिश की पहली बूंदों से सौंधी महक सी !बसन्त में खिली नव पल्लवित कलिका सी ! शरद में खिले शतदल की गुलाबी पंखुरी सी,शबनमी नन्ही बून्द…
काव्य -ओल्यू थारी आवे क्यों !!
@ गोविंद नारायण शर्मा थारी ओल्यू चांदनी रातां म आवे क्यों !तू मने मनडे म मिलण को चितारे क्यों !! थारा नाम स्यूँ हिचकी रुक जावे क्यों !चांद सरिको मुखड़ो…
काव्य – मुफलिसी ईमान
@ गोविंद नारायण शर्मा मुफलिसी में ईमान खोने की नीयत नही की, अपनी शर्तों पर जिन्दगी जी हुजूरी नही की ! आसान था ईमान को कोढियों में डगमगाना, कभी किसी…
तेरे सतरंगी आगोश में
@ गोविंद नारायण शर्मा तेरे अक्ष से निकले हर अश्क को हलक में उतार लिया, ज्यो समुद्र मुन्थुन से निकले गरल को शम्भू ने पी लिया ! खुली अल्को से…
हिन्दू एवं मुस्लिमो की आस्था का केंद्र है पोकरण का बाबा रामदेव मंदिर
जैसलमेर जिले के पोकरण के पास विश्व प्रसिद्ध बाबा रामदेव का मंदिर स्थित है जहां पर प्रतिवर्ष भादवा की दूज पर मेला भरता है जिसमें देश प्रदेश से करोड़ों श्रद्धालु…