दिल्ली के निर्भया कांड की तरह पिछले दिनों राजस्थान के अलवर जिले में भी एक करीब 15 वर्षीय बालिका के साथ दरिंदगी की घटना विभिन्न समाचार पत्रों और मीडिया की सुर्खियां बनी । इस हैवानियतपूर्ण घटना ने समाज के हर व्यक्ति को सोचने को मजबूर कर दिया कि आखिर समाज किस दिशा में जा रहा है ।आखिर इस घटना ने समाज के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा कर रख दी हैं। इसे क्या समझा जाए यह समाज में जागरूकता की कमी या फिर कानून की कमजोरी जो समाज में ऐसी घटनाएं आये दिन क्यों हो रही है यह एक सोचने बिंदु है।
- राजस्थान सरकार ने लिया बड़ा संवेदनशील निर्णय
हाल ही में अलवर में घटित एक मासूम के साथ दरिंदगी की इस घटना को देखते हुए राजस्थान की संवेदनशील सरकार ने रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक जी गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में बड़ा ही संवेदनशील निर्णय लिया गया है।
ज्ञात हो कि रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह बैठक आयोजित हुई,जिसमें राज्य सरकार ने अलवर में विमंदित बालिका के प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई ) को सौंप जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्दी ही केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक में राजस्थान राज्य के गृह मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री एम एल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध शाखा श्री आरपी मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा श्री एस सेंगथिर, s.m.s. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी और जे के लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार शुक्ला सहित अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जी राजस्थान न्यूज़ चैनल ने भी इस खबर की पुष्टि की है और इसे एक स्वागत योग्य कदम बताया है।