संविधान निर्माण के उद्देश्य से कैबिनेट मिशन योजना (तीन सदस्य) के तहत निर्मित संविधान सभा के गठन के उपरांत सर्वप्रथम पहली बैराज में उसके अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा और अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को बनाया गया था । अध्यक्ष के अतिरिक्त भारतीय संविधान सभा के अलग समय पर तीन उपाध्यक्ष भी रहे । 

  • सविधान सभा में रहे तीन उपाध्यक्ष

संविधान सभा के इन तीन उपाध्यक्षो में से दो  उपाध्यक्ष निर्वाचित और एक उपाध्यक्ष मनोनीत थे। संविधान सभा के गठन के बाद 25 जनवरी 1947 को बंगाल से संविधान सभा के सदस्य एचसी मुखर्जी को संविधान सभा का पहला उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया था । एच सी मुखर्जी का क्षेत्र बटवारे की भेंट चढ़ गया, इस कारण वो सदस्य और उपाध्यक्ष भी नही रहे । इस कारण 16  जुलाई 1947 में फिर से दो उपाध्यक्ष (एच सी मुखर्जी और राजस्थान से संविधान सभा के सदस्य वी.टी कृष्णामाचारी) बनाए गए। 

  • फ्रैंक एंथोनी थे पहले और अस्थाई उपाध्यक्ष

संविधान सभा के पहले उपाध्यक्ष भले ही एचसी मुखर्जी को बनाया गया हो लेकिन यह आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एचसी मुखर्जी के उपाध्यक्ष बनाए जाने से पूर्व ही संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 के दिन ही जिसमें डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था, उसी दिन संविधान सभा के पहले उपाध्यक्ष को भी मनोनीत किया था और जिनका नाम था फ्रैंक एंथोनी।  ज्ञात हो कि फ्रैंक एंथोनी एक आंग्ल भारतीय सदस्य थे जो कि अस्थाई उपाध्यक्ष थे। इसीलिए एचसी मुखर्जी संविधान सभा के पहले उपाध्यक्ष नहीं बल्कि आंग्ल भारतीय सदस्य फ्रैंक एंथोनी पहले मनोनीत और अस्थाई उपाध्यक्ष थे। 

  • कौन थे फ्रैंक एंथोनी

संविधान सभा के पहले मनोनीत उपाध्यक्ष रहे फ्रेंक एंथोनी  एंग्लो इंडियन समुदाय से थे जिनका जन्म 25 सितंबर 1908 को जबलपुर मध्य प्रदेश हुआ था । 

अपनी कॉलेज शिक्षा पूरी करने के पश्चात कानून/लॉ की पढ़ाई के लिए ये लंदन चले गए । जहां से लॉ(विधि स्नातक) की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात जबलपुर में अपनी प्रैक्टिस शुरू की । 

इसके अतिरिक्त एंथोनी “ऑल इंडिया एंग्लो इंडियन एसोसिएशन” के मुखिया भी रहे थे । संविधान सभा में  एक सदस्य के रूप में  इन्हीं के प्रयासों से भारतीय संविधान में एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए विशेष प्रावधान जोड़े जाने की मांग की ।

ध्यातव्य : (वर्तमान में लोक सभा और राज्य सभा में आंग्ल भारतीय सदस्य मनोनित करने का प्रावधान समाप्त कर दिया है )  ज्ञात हो कि फ्रैंक एंथोनी संविधान सभा के पहले अस्थाई और मनोनित उपाध्यक्ष रहे थे ।  स्वतंत्रता के पश्चात फ्रैंक एंथोनी संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पहले प्रतिनिधि भी बने ।

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