आधुनिक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में जब जनता के द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन किया जाता है। इन जनप्रतिनिधि (राजनीतिक)और प्रशासनिक अधिकारियों(प्रशासनिक) के तालमेल से ही किसी शासन और प्रशासन का कार्य सुव्यवस्थित और संगठित रूप से संपन्न किया जाता है और इसी शासन और प्रशासन के दो प्रमुख आधार स्तंभ जिनमें एक को सामान्यज्ञ (राजनीतिक प्रमुख) कहा जाता है तो दूसरे को विशेषज्ञ (प्रशासनिक प्रमुख ।
- ग्राम पंचायत का प्रशासनिक ढांचा
राज्य सचिवालय, संभाग प्रशासनिक ढांचा, जिला स्तरीय प्रशासनिक ढांचा, उपखंड स्तरीय प्रशासनिक ढांचा और तहसील स्तरीय प्रशासनिक ढांचा के साथ-साथ ग्रामीण पंचायतीराज स्तरीय प्रशासनिक ढांचा होता है जिसमे सरपंच+ उपसरपंच+ सदस्य (वार्ड पंच)+ ग्राम सचिव होता है। इनमें सरपंच उपसरपंच और पंचायत सदस्य जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं जबकि ग्राम सचिव गवर्नमेंट बॉडी होता है जोकि ग्राम पंचायत का प्रशासनिक अधिकारी होता है ।आइए जानते हैं ग्राम पंचायत स्तरीय प्रशासनिक ढांचे संगठन के बारे में वह समस्त जानकारी जो आप जानना चाहते हैं।
- ग्राम पंचायत सचिव/ ग्राम सेवक
ग्राम पंचायत स्तरीय प्रशासनिक ढांचे में राजनीतिक मुखिया सरपंच और प्रशासनिक मुखिया ग्राम सचिव होता है। ग्राम पंचायत सचिव के अलावा पंचायत में सहायक सचिव भी होता है जो कि सामान्य है महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना( मनरेगा )से संबंधित मामलों का निर्वहन करता है।
- इस समिति के परामर्श पर किया था सचिव का पद सृजित
पंचायती राज से जुड़ी हुई एक अहम समिति गिरधारी लाल व्यास समिति 1973 के परामर्श पर पंचायतों के लिए ग्राम सेवक या सचिव की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान किया गया। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायतों में सहायक सचिव के पद का भी प्रावधान किया गया जोकि 2005 के पश्चात नरेगा के कार्यों या उनसे संबंधित कार्यों के निर्माण के लिए सृजित किया गया था।
- सचिव से VDO ( ग्राम विकास अधिकारी ) हुआ पदनाम
ग्राम सेवक के पदनाम को VDO ( विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर ) कई राज्यों की तरह राजस्थान में भी ग्राम सचिव के पदनाम को ग्राम विकास अधिकारी किए जाने की काफी लंबे समय से मांग की जा रही थी इसको मदद करते हुए सरकार ने अप्रेल 2018 में ग्राम पंचायतों में ग्राम सेवक के पदनाम को बदलकर ग्राम विकास अधिकारी कर दिया है। ध्यान रहे सरकार ने सिर्फ पदनाम बदला है लेकिन इसकी शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
- ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती
ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती प्रक्रिया RSSB (राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड )के द्वारा की जाती है। पूर्व में स्थित शैक्षणिक योग्यता सीनियर सेकेंडरी थी लेकिन हाल ही में इसकी योग्यता स्नातक और कंप्यूटर का ज्ञान होना आवश्यक कर दिया गया है। इसे सचिव, ग्राम सचिव, पंचायत सचिव और ग्राम विकास अधिकारी आदि नाम से भी जाना जाता है।
- ग्राम विकास अधिकारी के कार्य और दायित्व
० ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों की बैठक व ग्राम पंचायतों में गठित विभिन्न समितियों की बैठकोका आयोजन करना साथ ही पारित प्रस्तावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
० संबंधित ग्राम पंचायत के लिए वार्षिक आय-व्यय का बजट तैयार करना तथा ग्राम सभा बैठक में प्रतिवर्ष बजट का अनुमोदन कराना ।
० ग्राम पंचायत क्षेत्र के संबंधित विकास कार्यों के लिए व स्थानीय समस्याओं और आवश्यकताओ तथा संसाधनों के अनुरूप वार्षिक योजना अंतर्गत यथा आवश्यक योजनाओं का निर्माण और उन्हें प्रभावी तरीके से सरकारी दिशानिर्देशों के अनुरूप लागू करने का प्रयास करना ।
० ग्राम निधि का लेखा-जोखा रखना व ग्राम सभा के आय व्यय का ऑडिट कराना तथा ग्राम निधि के समस्त खातों का सरपंच के साथ सचिव के रूप में संयुक्त रूप से परिचालन कराना।
० ग्राम पंचायतों को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाले आय व व्यय तथा प्राप्त शासकीय अनुदान की धनराशि को निर्धारित तरीके से व्यय करना व उसका विवरण तैयार करना ।
० ग्राम पंचायतों से संबंधित कार्यों पर नियंत्रण करनाव उनका निरीक्षण करना।
० ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों का सेवा संबंधी अभिलेखों का तैयार करना व उसका रखरखाव रखना।
० ग्राम पंचायत के समस्त अभिलेखों का निर्धारण, संधारण करना व उनका रखरखाव करना।
० ग्राम पंचायत कार्यालय में परिवार पंजीयन पत्रिका बनाना तथा जन्म मृत्यु से संबंधित नामांकन का रिकॉर्ड रखना ।
० ग्राम पंचायत क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों ,सरकारी संसाधनों तथा सहकारी सुविधाओं एवं परिसंपत्तियों की सूची तैयार करना।
० पंचायत की स्थाई और अस्थाई धरोहर का स्टॉक रजिस्टर के रिकॉर्ड रखना करना तथा समय-समय पर उसको अपडेट करना।
० ग्राम पंचायत के कर निर्धारण तथा वसूली से संबंधित समस्त आवश्यक कार्य करना व उसका रिकॉर्ड रखना।
० ग्राम पंचायत सरपंच सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित कार्यवाही का संपादन करना तथा अपने कुछ अधिकारियों को इस बाबत सूचित करना और उनके दिशा निर्देशानुसार कार्यवाही कर उनका संपादन करना।
० चुनाव से संबंधित कार्यों में सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यों में सहयोग करना तथा ग्राम सभाओं की मतदाता सूचियों के तैयार करने एवं उनके संशोधन का कार्य करना इसके अतिरिक्त जनगणना से संबंधित कार्यों में सहयोग करना।
० सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सहायक लोक सूचना अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए अपने दायित्व का निर्धारण करना।
० ग्राम पंचायत क्षेत्र की जल प्रबंधन समिति के माध्यम से जल उपभोक्ता समूह का गठन करना तथा उसके कार्यों के संपादन में सहायता उपलब्ध करवाना।
० स्कूल आहार एवं पूरक पुष्टाहार कार्यक्रमों के प्रबंधन का सत्यापन करना तथा आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी रखना।
० अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार या उन पर अत्याचार से संबंधित शिकायतों का ग्राम पंचायत की शिकायत पंजिका में रिकॉर्ड संधारण करना ।
० किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के कार्यों में जिला प्रशासन की सहायता एवं दिशा निर्देशों के तहत समस्त योजनाओं को लागू करने में सहयोग करना।
० ग्राम पंचायत और संबंधित पंचायत समिति के बीच समन्वय और तालमेल बनाए रखना।
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