भारत में संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद बड़े महत्व के पद है ।  जहां राष्ट्रपति को राष्ट्राध्यक्ष कहा जाता है वही प्रधानमंत्री को शासनाध्यक्ष कहा जाता है । पद क्रम के दृष्टिकोण से देखा जाए तो देश के राष्ट्रपति ही देश के प्रथम नागरिक होते हैं  ।राष्ट्रपति  की तरह संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार उपराष्ट्रपति का पद होगा इस बात का उल्लेख है । जिनका पद क्रम राष्ट्रपति के पश्चात दूसरे आता है । 
इसके अतिरिक्त दोनों ही पदों  के वेतन को लेकर भी में चर्चाएं आम बात है । हर किसी को यह जानने की जिज्ञासा रहती है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को कितना वेतन मिलता है । 

  • उप राष्ट्रपति  का वेतन

देश के राष्ट्रपति को जहां ₹5 लाख प्रति माह वेतन मिलता है तो मन मस्तिष्क में यह सवाल उत्पन्न होना लाजमी है कि उप राष्ट्रपति को कितना वेतन मिलता है  । आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति पद के लिए वेतन और भत्तों का कोई प्रावधान नहीं है या यूं कह सकते हैं कि उपराष्ट्रपति को उपराष्ट्रपति होने के कारण कोई वेतन नहीं मिलता है। बल्कि देश के उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभापतित्व करने के कारण ₹ 4 लाख प्रति माह वेतन मिलता है ।

ध्यातव्य

उपराष्ट्रपतिउपराष्ट्रपति (राज्यसभा सभापति )का वेतन संविधान की अनुसूची 2 के तहत दिया जाता है तथा इनका वेतन संविधान की संचित निधि से देय है ।

  • वेतन में बढ़ोतरी का अधिकार किसे ?

उपराष्ट्रपति के वेतन में बढ़ोतरी करने का अधिकार संसद को है और संविधान लागू होने से लेकर अब तक कई बार वेतन में बढ़ोतरी की गई है । 2008 में उप राष्ट्रपति के वेतन को बढ़ा कर 1.25 लाख किया गया था । इससे पूर्व उनका वेतन ₹40,000 प्रतिमाह था । सन 2018 में एक बार फिर से उपराष्ट्रपति का वेतन 1. 25 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख कर दिया गया ।

  • पेंशन कितनी मिलती है ?

वेतन के अतिरिक्त अन्य भत्ते व सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं । इसके अतिरिक्त पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात उपराष्ट्रपति को मूल वेतन का 50% नहीं कह सकते हैं कि ₹2 लाख प्रतिमा पेंशन प्राप्त होती है। 

ध्यातव्य
उपराष्ट्रपति के पास उपराष्ट्रपति पद से संबंधित कोई दायित्व नहीं है इसीलिए उनको उपराष्ट्रपति पद का वेतन प्राप्त नहीं होता है

  • क्या कहता है ? अनुच्छेद 97

ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापतित्व नहीं करता है तो अनुच्छेद 97 के अधीन राज्य सभा के सभापति को संदेय वेतन या भत्ते का हकदार नहीं होगा।

  • कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में वेतन

जब कभी भी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाए कि राष्ट्रपति का पद रिक्त हो तब उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना पड़ता है तब उसे वही वेतन (वर्तमान में 5 लाख) और भत्ते प्राप्त होते हैं जो एक राष्ट्रपति को प्राप्त होते हैं । इसके अतिरिक्त कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते समय उन्हें राज्यसभा के सभापति को मिलने वाला वेतन व भत्ते प्राप्त नहीं होगे।

ध्यातव्य

राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की बीमारी के कारण तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ.राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति के पद पर कार्य किया था । इसके अतिरिक्त डॉ.जाकिर हुसैन की मृत्यु के पश्चात तत्कालीन उप राष्ट्रपति वी.वी .गिरी ने  और फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के पश्चात उप राष्ट्रपति बी.डी .जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।

  • उपराष्ट्रपति को इनकम टैक्स देना होता है या नहीं?

देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे पद पर कार्य करने वाले व्यक्तियों के वेतन पर इनकम टैक्स लगता है या नहीं लगता है ,इस विषय पर लोगों में दो मत देखे जाते रहे हैं । कुछ लोग यह मानते है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन पर टैक्स नहीं लगता है और कुछ लोग यह कहना हैं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे पद पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी इनकम टैक्स देना होता है । सच्चाई क्या है आइये जानते है। 

  • क्या कहता है ? इनकम टैक्स अधिनियम 1961

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही एक आम नागरिक की तरह इनकम टैक्स देते हैं । इनकम टैक्स अधिनियम 1961 का सेक्शन 14 कहता है कि कौन-कौन सी सैलेरी इनकम टैक्स के  दायरे में आती है । 
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे पदों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को मिलने वाले वेतन पर छूट का उल्लेख इस अधिनियम  और सेक्शन 14 में  उल्लेख नहीं है। 

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे पदों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों की इनकम टैक्स में छूट दी गई होती तो सेक्शन 14 में उसका उल्लेख कर दिया जाता । लेकिन सच्चाई जानकर आपको आश्चर्य होगा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एक आम नागरिक की तरह इनकम टैक्स देते हैं।

  • इस परिस्थिति में मिल सकती है टैक्स में छूट

अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को टैक्स में कोई छूट मिल सकती हैं तो यहां यह कहा जा सकता है कि अगर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जी अपना वेतन संचित निधि में दे देते हैं या किसी जनहित के उपयोग में दे देते हैं तो उनको छूट मिल सकती है । आपको ज्ञात होगा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साहब अपना वेतन किसी चैरिटेबल ट्रस्ट को दे देते थे । इसलिए उनको टैक्स नहीं देना होता था । अब जब वेतन ही नहीं ले रहे हैं तो इनकम  टैक्स  कैसे दिया जा सकता है।

  • वेतन में कटौती नही की जा सकती 

सामान्यतया राष्ट्रपति की तरह उपराष्ट्रपति के वेतन में भी कटौती नहीं की जा सकती लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह कि जब देश में वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) लागू हो तो राष्ट्रपति , सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ,राज्यपाल के साथ-साथ इनके वेतन में भी कटौती की जा सकती है। कोविड-19 के दौर में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने अपनी स्वेच्छा से अपने वेतन में कटौती की थी ।

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