Category: साहित्य,कविता,काव्य,शायरी,मुक्तक

काव्य – बावरा मन !

दिल भरा सा है फिर भी तेरे बिन खालीपन,अज़ीब सन्नाटा ना जाने क्या चाहे यह मन! रोना बहुत चाहता बैचेन उद्विग्न नादाँ मन ,क्या खता हुई हमसे ना समझे बावरा…

भूली बिसरी बातें -गांव में अब यह नही

गाँवां में वो पहले जैसी चौपाल अब नही,बरगद छांव नीचे ठहरती अब बारात नही! बींद बिंदोला जिमें नी जुआजुई खेल नही,बींदणी न लेबा पहला पावणां आवे नही! पनघट पर पनिहरिणों…

काव्य – तुझ बिन विरहन

तेरी चाहत दिल मे दबी पालूँ सेजाँ मिलन री प्रीत,खेलूँ तुझ संग बाजी प्रेम की तू हारे मैं जाऊं जीत! चाहत में तेरी सजन बंधी मन मिलन एक तरंग,तू कब…

काव्य – ज़ालिम यादें

तड़पती मेरे ख़ातिर पर मुझे खबर होने नही देती,वो मेरी उल्फत में हैं पर उजागर नही होने देती! ज़ालिम ऐसी सजाएँ कौन देता हैं आशिकों को ,जिसकी ताउम्र अदालत में…

विद्रोह

सर्वहारा की बात जब अनसुनी की जाये !बहरो के आगे ढोल नगाड़े बजाये जाये !! अमीरों की कोठियों से धन निकाला जाये!भूखों को उनके हक को उकसाया जाये !! कब…

काव्य – मावठ की बूंदे

शिशिर मावठ ठिठुरन हाड़ कँपाती लहूँ जमाती,खुले अम्बर के नीचे चिथड़ों में गरीबी रात बिताती! डगमग डगमग गरदन हाले दांत बजे ज्यों खरताल,नासा रन्ध्र जम गई मुखविवर भट्टी सा सुलगे…

शायरी – नजर से नजर तक

महफ़िल में बार बार किसी पर नजर गयी ,हमने बचाई लाख मगर फिर भी उधर गयी ! नजरबन्द जालिम नजर हमारी बहक गयी,उनसे मिली नजर,नजर हम पर ठहर गयी !…

शायरी – मधुपर्क

वो नासमझ समन्दर को मीठा करने आया है,मुट्ठी भर शक्कर पुड़िया में बांधकर लाया है! कत्ल करके अस्थियां गंगा में बहाने लाया हैं,रंगकर हाथ खून से पापों को धोने आया…

काव्य – मित्रता का संदेश

मित्र हो तो सुदामा बनकर तांडुल खिलाओ !कृष्ण बन कर नंगे पैर दौड़ द्वार पर आओ !! फूल खुशबू वाले चाहिए बाग खूब लगाओ!भरी दोपहरी में पसीना बहा पानी पिलाओ…

चाँद सा सलोना मुखड़ा

अधर मोन हो गये पलक चिलमन बात,ना तू सुने ना मैं ये नैना भीतर मुलाकात ! चाँद सलोना मुखड़ा चितवन तिरछी चाल,पुष्पसर के वेग से बिन्धा मन पंछी बेहाल! उगते…

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