Month: April 2024

काव्य – तेरी चाहत दिल मे दबी

@ गोविंद नारायण शर्मा तेरी चाहत दिल मे दबी पालूँ मिलन री प्रीत,खेलूँ तुझ संग बाजी प्रेम की तू हारे मैं जाऊं जीत! चाहत में तेरी सजन बंधी मन मिलन…

काव्य – जय श्री राम राघवेन्द्र !!

@ गोविंद नारायण शर्माभय प्रकट दशरथ सुत राम भव भयहारी,सुमङ्गल जनमनहारी कौशल्या हितकारी! कानन कुंडल मकराकृत घनी शोभित भौहे;पीत झगुलिया कटि छुद्र घन्तिका मन मोहे! भाल चन्दमा किरीट सोहे अधर…

उलटफेर -जिंदगी का ककहरा

@ गोविंद नारायण शर्मा मैंने जिसको जिंदगी का ककहरा सिखाया,वो मुझसे इलाज की फ़ीस मांगने आया! अंगुली पकड़कर जिसको चलना सिखाया ,उसने धक्का देकर सड़क पर मुझे गिराया ! खून…

काव्य – वो मिलने आये और

@ गोविंद नारायण शर्मा वो मिलने आये नारियल सिर पर फोड़ गये ,किसी से न कहने को हाथ मेरा मरोड़ गये! बातें उल्फ़त की बहुत मीठी की पास बैठकर,बहला कर…

काव्य – बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,

@गोविंद नारायण शर्मा अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए, कब कहाँ कैसा लहजा हो ये आना…

‘ प्रेयसी’ – शायरी,काव्य

@ गोविंद नारायण शर्मास्वप्न सुन्दरी भाग्योदय प्रेयसी हो तुम मेरी ,विधि की सर्वोत्कृष्ठ कृति तुम प्रियतमा मेरी ! बिखरी जुल्फे,मुख चन्द्र पर अवलम्बित घनी,बाहें परिधि कंठ पर शम्भू के गल…

काव्य / शायरी – प्रभात वन्दन

@गोविंद नारायण शर्मा ब्रह्म सृष्टि प्रादुर्भाव सृजित हुआ नूतन वर्ष ,काल गणना आरंभ हुई भयो अपरम्पार हर्ष ! प्रकृति नित उठ नूतन फूलों से करे शृंगार,मङ्गल गावे मोद मनावे सकल…

शायरी – वो मिलने आये

@गोविंद नारायण शर्मा वो मिलने आये नारियल सिर पर फोड़ गये ,किसी से न कहने को हाथ मेरा मरोड़ गये! बातें उल्फ़त की बहुत मीठी की पास बैठकर,बहला कर दिल…

मुक्तक/काव्य – जंगल में एक सभा बुलाई

@ गोविंद नारायण शर्मा देखो भाई आज जानवरों ने सभा बुलायी हैं,मोर पपीहा गिलहरी चश्मा पहन आयी हैं ! पिपीलिका ब्रांडेड हाई हील चप्पल में आयी हैं,चींटे को डोनाल्ड ट्रम्प…

शायरी/काव्य- अभिमान

@ गोविंद नारायण शर्मा अभिमान में सब गया धन वैभव और वंश ,न मानो तो देख लो रावण कौरव और कंस! ईश दाता नही विपत्ति का वो विदारण हार,विप्र अजामिल…

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