Day: April 26, 2024

शायरी: जब वो चली ही गई

मोहब्बत के सारे निशां मिटाकर गयी हैं वो ,चीरकर दिल तड़पता ठुकराकर गयी हैं वो! घोंपकर खंजर दिल में मरा जानकर गयी है,हाथों से कत्ल के सबूत मिटाकर गयी हैं…

शृंगार पर काव्य : गोविन्द नारायण शर्मा

शृंगार पर सार्थक काव्य इस रचना के रचनाकार गोविन्द नारायण शर्मा है यह इनकी मौलिक रचना है। ____________________________ अधर मोन हो गये पलक चिलमन बात,ना तू सुने ना मैं ये…

काव्य- जेठ मास की तपन : गोविंद नारायण शर्मा

जेठ मास की तपन : काव्य के रचनाकार गोविंद नारायण शर्मा जेठ मास की भीषण गरमी लू चाले ताती,ऊपर फलक झुलसे तपती जमीं की छाती! उगता सूरज अगन बरसावे निष्ठुर…

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