अब इसे वक़्त की मार कहे या समय की आवश्यकता या फिर मजबूरी कि वक्त के अनुसार कुछ परंपराएं कुछ परिपाटियां बदल जाती है । कभी ये बदलाव मुश्किलों का कारण बन जाती है तो कुछ मुश्किलें आसान बन जाती है या फिर नवीन सुविधाओं का विकास होता है। भारतीय समाज में सनातन संस्कृति के तहत परिजन की मृत्यु के पश्चात उसके अस्थि कलश को पवित्र नदियों में पूरे विधि विधान के साथ विसर्जन करने की परंपरा रही है ।
जीवन के 16 संस्कारों में से है एक संस्कार
समाज मे जीवन के 16 संस्कारों का अपना महत्व है आज इस कोरोना महामारी की भीषण आपदा में जब सब कुछ बंध है । परिजन अपने प्रियजन की मृत्यु के बाद कर्मकाण्ड और अस्थि विसर्जन नही कर पा रहे है । अस्थियां या तो रखी हुई है और विसर्जन का इंतजार कर रही है । परिजनो के सामने भी समस्या है कि वो करे तो क्या करे ।
इस धार्मिक,सामाजिक संस्था ने समझा है अपना दायित्व
इस दौर में लोगो की समस्याओ और इनकी भावनाओ को देखते हुये भारतीय डाक विभाग ने ओम दिव्य दर्शन संस्था के साथ मिलकर आमजन को राहत देने के लिए घर बैठे अस्थि विसर्जन की सुविधा उपलब्ध कराने की पूण्य पहल की है । जिसके तहत कोई भी परिजन अपने दिवंगत परिजन या पूर्वज के अस्थियो को विसर्जन के लिये अस्थि कलश भारतीय डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सुविधा से विसर्जन स्थल पर भेज सकता है और उनका पूरी विधि विधान से करवा सकेगा ।
डाक विभाग के सहयोग से ओम दिव्य दर्शन संस्था ने की है पहल
डाक विभाग से डाक विभाग से जुड़े हुए एक व्यक्ति ने बताया कि भारतीय डाक विभाग के माध्यम से अस्थि विसर्जन की सुविधा ओम दिव्य दर्शन नामक सामाजिक, धार्मिक संस्था ने पहल की है । आपको बता दे कि ओम दिव्य दर्शन संस्था सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़ी संस्था है ।
इन चार जगहों के लिये है सुविधा
देश के चार स्थलों पर विसर्जन की सुविधा शुरू की है।वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और गया में । परिजन अस्थि कलश किसी भी तीर्थ के लिए भेजा जा सकता है वहां पर डाक विभाग ओम दिव्य दर्शन संस्था के माध्यम से अस्थि को पंडितों के सानिध्य में कर्मकांड और पूरे विधि विधान के साथ विसर्जन करवाएगा । देश के किसी भी कोने से अब अस्तियां डाकघरों से स्पीड पोस्ट के माध्यम से इन जगह पर भेजी जा सकेगी ।
इस तरह कराएं रजिस्ट्रेशन
देश की किसी भी जगह से परिजन अपने दिवंगत परिजनों की अस्तियां को डाकघरों से स्पीड पोस्ट के माध्यम से इन इन चारों जगह पर भेजी जा सकती है । जिनका विधिवत,कर्मकांड ओम दिव्य दर्शन द्वारा संपन्न किया जाएगा । इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए मृतक के परिजनों को ओम दिव्य दर्शन संस्था के पोर्टल htpp://omdivyasdarshan.org पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा ।
इस तरह भेजे अस्थि कलश संस्था के पास
रजिस्ट्रेशन के बाद अस्थि पैकेट को अच्छी तरह से पैक करके उस पर मोटे अक्षरों में ओम दिव्य दर्शन लिखना होगा साथ ही उस पर पूर्ण पत्ता लिखने के अलावा प्रेषक को पैकेट पर अपना पूर्ण नाम, पता ,मोबाइल नंबर लिखकर स्पीड पोस्ट पर बुक कराना होगा । स्पीड पोस्ट बुक करने के बाद प्रेषक को संस्था के पोर्टल पर स्पीड पोस्ट बार कोड नंबर सहित बुकिंग डीटेल्स अपडेट करने के बाद रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण होगा। डाक घर द्वारा पैकेट प्राप्त होने के बाद इसे ओम दिव्य दर्शन के पते पर भेजा जाएगा ।
विधि विधान से होगा विसर्जन
डाक विभाग द्वारा अस्थि कलश ओम दिव्य दर्शन संस्थान को सौंपा जाएगा। जिसे संस्था द्वारा पंडितों के माध्यम से विधिवत अस्थि विसर्जन एवं श्राद्ध संस्कार किया जाएगा । संस्थान मृतक के परिजनों को विधि विधान कर्मकांड को वेबकास्ट के माध्यम से दिखाने की सुविधा भी प्रदान करता है ।
विसर्जन के बाद गंगा जल की सुविधा भी
भारतीय समाज मे यह परंपरा रही है की अस्थि कलश के विसर्जन के बाद परिजन पवित्र गंगाजल साथ लेकर आते है । इस बात को विशेषकर ध्यान में रखे हुये जन भावनाओं,परम्परा को ध्यान में रखते हुए ओम दिव्य दर्शन संस्थान संस्कारों के बाद मृतक के परिवार वालो को डाकघर द्वारा एक बोतल गंगाजल भी भेजेगा ।
- ओम दिव्य दर्शन संस्थान के साथ मिलकर भारतीय डाक विभाग ने भी एक सामाजिक सरोकार का कार्य किया है ।
- अब वो लोग या वो परिवार भी अपने मृतक परिजनों की अस्थियों को विसर्जित कर सकते है जो किसी आर्थिक, शारीरिक, या अन्य मजबूरीवश जा नही सकते या जाने में सक्षम नही है।
- घर बैठे ही अस्थियों के विसर्जन के अनेक सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलेंगे ।
- अब कोई इस बात से असहज महसूस नही करेगा कि वह मजबूरियों में अपने परिजन की अस्थियां विसर्जन नही कर पाया ।
- ध्यातव्य – इस बारे में और अधिक जानकारी के लिये आपके नजदीकी पोस्ट ओफिस पर जाकर या फिर ओम दिव्य दर्शन संस्था की बेवसाइट पर विजिट करेें ।