प्रतियोगिता परीक्षा वाले REET रूपी इस महा कुम्भ में सफलता का झण्डा गाड़ने की जुगत में लगे युवाओं के अगले 7 दिन बड़े महत्वपूर्ण है । हमने रणनीति, परीक्षा कक्ष, पेपर गाल करने, के बारे विशेषज्ञों से जाना तो उन्होंने अपने तजुर्बे और ज्ञान से विद्यार्थियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिये है । अपने जीवन में कई परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं प्रतियोगी परीक्षाओं के एक्सपर्ट और विशेषज्ञों से बात करने पर रीट की परीक्षा दे रहे विद्यार्थी के लिए अगले 7 दिनों की एक रणनीति के तहत कार्य करने के बारे में पूछे जाने पर विशेषज्ञों ने जैसा बताया । उन्होंने एक रणनीति अपनाई जाने पर उन्होंने बल दिया ।

हमने प्रतियोगिता परीक्षाओं के एक्सपर्ट और केरियर काउंसलर श्री मुकेश जी वैष्णव से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने रीट की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने का मार्गदर्शन किया प्रस्तुत है जैसा कि श्री मुकेश कुमार जी वैष्णव ने हमें बताया। आशा और विश्वास करता हूं की प्रतियोगी परीक्षाओं के एक्सपर्टट द्वारा बताए गए टिप्स और मार्गदर्शन रीट की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होंगे।

  • रिवीजन का शेड्यूल बनाये

इस अंतिम समय का सदुपयोग करने की छोटी सी रणनीति बनाए… 19 से 22 सितम्बर यानि 4 दिन के रिविजन का एक छोटा सा शेड्यूल बनाए… आपके पेपर में जो 4 खण्ड है- मनोविज्ञान, प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा एवं सब्जेक्ट… इनमें से आज प्रत्येक खण्ड से कठिन बिन्दुओं का चयन करके 4 दिन के रिविजन का एक शेड्यूल बनाए… मेरे अनुसार मनोविज्ञान और शिक्षण विधियों का चयन करना चाहिए… ध्यान रखें कि यह रिविजन उसी सामग्री से करे, जो आपने अब तक पढा है और यह शेड्यूल बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि केवल 4 दिन के बिन्दु सलेक्ट करे, क्योंकि इस समय कितनी भी मजबूत तैयारी हो लेकिन आपको यह महसूस होगा कि यह भी दुबारा देख ले ।

यह भी देख ले……. लेकिन ऐसा नहीं करना है, क्योंकि इससे आपका शेड्यूल पूर्ण नहीं होगा और आप तनाव की स्थिति में आ जाओगे…. इन 4 दिन में जो आप रिविजन करो तो इसमें केवल उन बिन्दुओं को पढने का ही काम करें, इस ओर ज्यादा दिमाग न लगाए कि यह याद नहीं हो रहा है…क्योंकि ज्ञान अनन्त है, ना ही सब कुछ सभी को आता है एवं ना ही सब कुछ परीक्षा में आता है और ना ही आपको शत प्रतिशत अंक लाने है।

  • धैर्य बनाये रखने की आवश्यकता

अध्यापक बनने के सपने संजोय हुए प्रतियोगिता परीक्षा दे रहे प्रदेश के बेरोजगार युवा रीट परीक्षा में अब आपके पास केवल 7 दिन शेष है और यह 7 दिन आपके जीवन की दशा और दिशा परिवर्तित कर सकते हैं। आपको ध्यान रखना भी आवश्यक है आपके लिए आपकी सफलता के लिए… यह समय धैर्य एवं संयम बनाए रखने का है…इसलिए इस समय आप यह आंकलन करने का बिल्कुल भी प्रयास न करें कि इस संघर्ष की कङी में आप कहाँ पर है। यह परीक्षा में केवल ज्ञान और अनुभव की परीक्षा होती है बल्कि आपके धैर्य की परीक्षा भी होती है धैर्य नहीं होने के कारण सवाल का उत्तर ज्ञात होने के बाद भी वह गलत होने की संभावना रहती है आखिर जब हॉल से बाहर आते हैं तब कहते हैं अरे यह तो मुझे आता था और गलत हो गया यह गलत क्यों हुआ कि आपने धैर्य नहीं रखा।

  • सवाल को पूरा पढ़कर ही जवाब दें

किसी भी सवाल का जवाब देने से पूर्व उस सवाल को पूरा जरूर पढ़ें आधा अधूरा पढ़कर जवाब देने की जल्दबाजी बिल्कुल नहीं करें क्योंकि सवाल की भाषा में है और नहीं है क्या जो अंतर देखा गया है उसमें नहीं है तक तो लोग पहुंचते नहीं है और पहले ही उसके सवाल का जवाब दे देते हैं सवाल पूछा गया है नहीं है और आप उत्तर दे रहे हो है का तो निश्चित रूप से वह उत्तर आपका गलत होगा इसलिए धैर्य के साथ सवाल को पूरा पढ़े एक बार में समझ में नहीं आए तो दो बार पड़े लेकिन पूरा पढ़ कर जवाब दें।

  • अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखें

किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के लिए आवश्यक है प्रतियोगी छात्र अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखें । इस 4 दिन के शेड्यूल को पूर्ण करने के बाद 23-25 सितम्बर यानि अंतिम 3 दिन आपका कोई शेड्यूल तैयारी का नहीं होना चाहिए… इस समय तनाव बिल्कुल भी न रखें और मानसिक मजबूती बनाए रखें, क्योंकि मानसिक मजबूती सफलता का आधार स्तम्भ है… आपको बार- बार यह लगेगा कि वो फैक्ट याद नहीं है, वो तो दुबारा देखा भी नहीं …इन सभी को दिमाग पर हावी न होने दे , क्योंकि कोई कितना भी बङा ज्ञानी क्यों न हो एवं चाहे कितनी भी लम्बे समय से तैयारी हो लेकिन सब कुछ कंठस्थ नहीं होता है… पढा हुआ सब कुछ अचेतन मन में रहता है और प्रश्न का ऑप्सन पढते ही याद आ जाएगा ।

  • सोशल मीडिया पर अनावश्यक ध्यान ना दें

इस समय अफवाहों का बाजार भी गर्म रहेगा… सोशल मीडिया का प्रचलन ज्यादा होने के कारण यह अफवाहे लगभग झूठी होती है, बाकि 5-7% हो सकता है कि सच हो लेकिन यह सच है कि 90% मैदान मेहनत वालों का होता है और मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है… यदि आपने अंतिम 3 महिनें ईमानदार से किताबों को दिए है तो ईश्वर आपके साथ जरूर न्याय करेगा

  • परीक्षा केंद्र पर समय से पूर्व पहुंचे

आपके परीक्षा केंद्र लगभग अभ्यर्थियों के घर से दूर ही आए है, इसलिए यदि आपका परीक्षा केंद्र 50 किलोमीटर से अधिक है तो आप 25 सितम्बर की शाम तक अपने परीक्षा केंद्र के शहर पंहुच जाए… परीक्षा वाले दिन जाने की रिस्क बिल्कुल भी नहीं ले और कुछ अभ्यर्थी यह प्लान बनाते है कि 4-5 अभ्यर्थी मिलकर गाङी करके सुबह 3 बजे या 4 बजे रवाना हो जाएगें , ऐसा बिल्कुल भी न करें…आजकल प्रत्येक शहर में लगभग 1000 रू तक रहने – खाने की व्यवस्था हो जाती है , आपने पिछले 1 या 2 वर्ष से घर से बाहर रहकर तैयारी की है, कोंचिग भी की है, ऑनलाइन कोर्स भी लिया है तो रिस्क की बजाए यह छोटा सा खर्चा भी कर लो ।

  • पेपर के स्तर को देखकर निर्णय करें

परीक्षा देने से पूर्व और परीक्षा हॉल में उपस्थित होने के दौरान मानव मस्तिष्क में कई प्रकार के सवाल उत्पन्न होते हैं और वह सवाल मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकते हैं कितने प्रश्न सही होगें, कितने नम्बर आने पर सलेक्शन होगा,इतने नम्बर तो आने ही चाहिए… यह सब घर से तय करके न चले, क्योंकि कितने सवाल सही बोले हैं कितने सही करने हैं कितने नहीं करने हैं कौन से सवाल करने हैं इनका पूर्व आंकलन या अनुमान नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह सब कुछ प्रश्न पत्र पर निर्भर करता है ।

  • ओ एम आर सीट को बड़ी सतर्कता से भरें

परीक्षा की पहली रात को पर्याप्त नींद ले और सुबह अपने परीक्षा केंद्र पंहुच जाए…. जब प्रश्न पत्र मिल जाए तो सबसे पहले उस पर लिखें निर्देशों को ध्यान से पढें और इसके बाद अपने रोल न. एवं विषय आदि जानकारी ओएमआर शीट में सावधानी से भरें , इसमें बिल्कुल भी जल्दीबाजी न करें… क्योंकि इस समय आपको लगेगा कि अभी समय निकल जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, पेपर समय के अनुसार ही बनाए जाते है…

  • सबसे पहले अपनी पकड़ वाले सवाल हल करें

आप सर्वप्रथम सरल प्रश्न हल करें एवं ओएमआर शीट में गोले भरे… इसके बाद शेष प्रश्न करें… ओएमआर शीट में गोले सावधानी से भरे, क्योंकि एक बार गलत गोला भरने पर आप किसी भी दशा में नहीं बदल सकते… प्रश्न सरल आने पर उत्साहित एवं कठिन आने पर हताश न हो… एकाग्रता बनाकर आगे बढते रहे।

  • कितने सवालों की रिस्क ले कितने की नहीं

पेपर दे रहे विद्यार्थी की मन मस्तिक में कई बार इस सवाल उत्पन्न होता है कि सवाल कितने किए जाएं। इस बारे में ध्यान देने योग्य बात यह है कि सर्वप्रथम पेपर का स्तर देखें, उसका लेवल जाचे, सर्वप्रथम जो सवाल आपको कन्फ़र्म रूप से सही लगे उनको ही करें, उसके बाद आप दूसरा चरण ले जिन सवालों के दो विकल्पों में से कोई एक सही उत्तर हो उनको करे। विद्यार्थी की संख्या को देखते हुए रिस्क लिया जाना लाजमी होगा कुछ सवालों की रिस्क लेना ही है ध्यान रहे तीसरे चरण में किए जाने वाले सवाल की संख्या अत्यधिक ना हो क्योंकि इनमें से सवालों के गलत होने की आशंका रहती है।

  • अपना आत्मविश्वास बनाए रखें

किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए आवश्यक है कि आप अपना आत्मविश्वास बनाए रखें पिछले लंबे समय से इतने आपने जो तैयारी की है आपने जो मेहनत की है उस पर विश्वास बनाए रखें और परीक्षा कक्ष में बड़ी सतर्कता के साथ निर्णय करते हुए प्रश्न पत्र को हल करें किसी प्रकार की जल्दबाजी ना करें साथ ही आप जो प्रशन हल कर रहे हैं उस पर अपना आत्मविश्वास रखें अपने आत्मविश्वास और मनोबल को बिल्कुल भी कमजोर ना होने दें क्योंकि यह आपको परीक्षा हॉल में कमजोर कर सकता है।

स्रोत- जैसा कि श्री मुकेश वैष्णव के द्वारा बताया गया

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