क्या आप एक श्रमिक है और आप अपने बच्चों की पढ़ाई और उसमे होने वाले खर्चे को लेकर चिंतित है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।आपकी चिंता को दूर करने की रामबाण औषधी है श्रमिक कार्ड
योजना । किसको कितनी छात्रवृत्ति मिलती है और कौन आवेदन कर सकता है ?कैसे आवेदन करें इसके बारे में इस आलेख के माध्यम से पूरी जानकारी मिलेगी।निश्चित रूप से यह आलेख आपके लिए उपयोगी और सार्थक साबित होगा। मजदूर और श्रमिक वर्ग के लिए श्रमिक कार्ड योजना के अनेक फायदे हैं।
ध्यातव्य : अपने आस-पास कोई भी महिला या पुरूष निर्माण श्रमिक हो तो कृपया उसकी मजदूर डायरी बनवा कर निम्नलिखित फायदे दिलवाएं,मजदूर को फायदा भी मिलेगा और सहयोग भी मिलेगा और जीवन भर आपका गुणगान करेगा।
• मजदूर कार्ड बनवाने का फायदा
• मजदूर कार्ड से होने वाला फायदा
• मजदूर के पुत्र-पुत्री को छात्रवृति योजना
स्कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को कितनी छात्रवृत्ति मिलती है ? इसकी पूरी जनकारी और इस सूची से आपको मिलेगी।छात्रवृति (शिक्षा सहायता)
1 कक्षा 6 -8
छात्र – रु 8000/-
छात्रा / विशेष योग्यजन – रु 9000/-
2 कक्षा 9 -12
छात्र – रु 9000/-
छात्रा / विशेष योग्यजन – रु 10000/-
3 आई टी आई
छात्र – रु 9000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 10000/-
4 डिप्लोमा
छात्र – रु 10000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 11000/-
5 स्नातक (सामान्य)
छात्र – रु 13000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 15000/-
6 स्नातक (प्रॉफेशनल)
छात्र – रु 18000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 20000/-
7 स्नातकोत्तर (सामान्य)
छात्र – रु 15000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 17000/-8 स्नातकोत्तर (प्रॉफेशनल)
छात्र – रु 23000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 25000/
पुरस्कार
1 कक्षा 8 से 10 – रु. 4000/-
2 कक्षा 11 से 12 – रु. 6000/-
3 डिप्लोमा – रु. 10000/-
4 स्नातक – रु. 8000/-
5 स्नातकोत्तर – रु. 12000/-
6 स्नातक (प्रॉफेशनल) – रु. 25000/-
7 स्नातकोत्तर (प्रॉफेशनल) – रु. 35000/
शुभ शक्ति योजना : इसके लिए श्रमिक कार्ड तीन महीने पुराना होना चाहिए। इस योजना के अन्तर्गत पात्र महिला(आठवीं पास होना अनिवार्य है) हिताधिकारियों तथा हिताधिकारियों की वयस्क व अविवाहिता (18 वर्ष पूर्ण होने पर) पुत्री को अधिकतम 55,000 रूपये (पचपन हजार रूपये) तक प्रोत्साहन/सहायता राशि उच्च अध्ययन/प्रशिक्षण हेतु।
टूलकिट योजना
निर्माण श्रमिक द्वारा अपने कार्य या व्यवसाय से सम्बंधित औजार/टूलकिट खरीदने पर 2 हज़ार रुपये अथवा वास्तविक औजार/टूलकिट का क्रय मूल्य, जो भी कम हो, का पुनर्भरण (मजदूर डायरी तीन साल पुरानी होने पर टूल किट का आवेदन होता है)
हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु अथवा दुर्घटना में (मृत्यु या घायल होने की दशा में) निम्नानुसार सहायता राशि दी जायेगीः- (1)दुर्घटना में मृत्यु होने पर रु. 5,00,000/- (2)दुर्घटना में स्थाई पूर्ण अपंगता होने पर रु. 3,00,000/-
स्थाई पूर्ण अपंगता से तात्पर्य दुर्घटना में दो आंख या दोनों हाथ या दोनों पांव के अक्षम होने से है।
(3)दुर्घटना में आंशिक स्थाई अपंगता होने पर रु. 1,00,000/- स्थाई आंशिक अपंगता से तात्पर्य एक आंख एक हाथ या एक पांव अक्षम होने से है।
(4) दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने पर रु 20,000/- तक दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने से तात्पर्य हिताधिकारी के कम से कम 5 दिन तक अस्पताल में अन्तरंग रोगी के रुप में भर्ती रहने से है।
गंभीर रुप से घायल होने का निर्धारण मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर किया जायेगा। हड्डी टूटने की दशा में भर्ती होना जरूरी नहीं है। केवल चिकित्सक द्वारा कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र ही पर्याप्त है।
(5)दुर्घटना में साधारण रुप से घायल होने पर रु 5000/- तक साधारण रुप से घायल होने से तात्पर्य 5 दिवस से कम अवधि तक अस्पताल में अन्तरंग रोगी के रुप में भर्ती होने से है।
(6)हड्डी टूटने पर 2000 रु कम से कम 3 दिन तक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(7)हड्डी टूटने पर 4000रु 4 -7 दिन तक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है।
(8)हड्डी टूटने पर 8000 रु 8 -14 दिन तक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है।
(9)हड्डी टूटने पर 12000 रु 15 -21 दिन तक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है।
(10)हड्डी टूटने पर 15000 रु 22 -29 दिन तक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है।
(11)हड्डी टूटने पर 20000 रु 30 दिन या इससे अधिक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है।
(12)निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु होने पर 2,00000/-
प्रसूति योजना : इस योजना में फायदा लेने के लिए प्रसूति से 180 दिन के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।मजदूर के प्रथम दो पुत्र-पुत्री होने पर पुत्र पर 20,000 व पुत्री पर 21,000 की सहायता।
आवास योजना: इस योजना में श्रमिक कार्ड बनाने के 6 महीने बाद आवेदन किया जा सकता है। मजदूर के पास स्वयं के नाम का मकान का पट्टा हो । सरकार द्वारा तीन किस्त में 1.50 लाख की सहायता दी जाती है।
सिलिकोसिस योजना: श्रमिक को अस्थमा की बीमारी होने पर सरकार द्वारा 1 लाख से 3 लाख तक की सहायता दी जाती है।