लोकतंत्र में देश में लोकसभा के चुनाव हो या राज्य विधानसभाओं के चुनाव लगभग सभी पार्टियां सभी दल अपने अपने घोषणा पत्र अपने -अपने एजेंडे जारी करता है, लोकसभा चुनाव में जारी किये एजेंडे घोषणा पत्र पूरे राष्ट्रीय स्तर के होते हैं और राज्यों में विधान सभाओं के चुनाव के दौरान सभी दलों के द्वारा जारी की गई घोषणा पत्र और उनका एजेंडा पूरे राज्य स्तर का होता है
आज के समय की यह एक सबसे बड़ी आवश्यकता हो गई है कि जिस प्रकार पूरे देश और पूरे राज्य स्तर पर घोषणा पत्र जारी किए जाते हैं उसी प्रकार किसी भी विधानसभा में या किसी भी लोकसभा क्षेत्र में खड़े होने वाले उम्मीदवार उस क्षेत्र की प्राथमिकताओं को लेकर उनकी क्या-क्या योजनाएं और उनकी क्या क्या प्राथमिकता है उस क्षेत्र  एक  एक विकास कार्य को लेकर भी अपना अपना एजेंडा अपने क्षेत्र विशेष में आम जनता के सामने पेश करें ताकि मतदाता यह जान सके कि किस पार्टी का या किस दल का या कौन सा उम्मीदवार क्षेत्र के किन कार्य को प्राथमिकता देकर जनता के सामने वोट मांग रहा है और क्या वह आने वाले समय में जन जन की आकांक्षाओं को पूरा करता है या नहीं करता है यही उस नेता  का वास्तविक रिपोर्ट कार्ड होगा

15 वी विधानसभा के चुनाव 
    अभी राजस्थान में भी 15वीं विधानसभाओं के लिए 7 दिसंबर को चुनाव हुए सभी दलों और उम्मीदवारों का प्रचार प्रसार परवान पर होता है सभी आम जनता से प्रचार-प्रसार के माध्यम से व्यक्तिगत संपर्क करके या किसी और माध्यम से जनता तक पहुंच कर वोट मांग रहे हैं ताकि उनकी विजय हो सके लेकिन आम जनता को आज इस बात की मांग करनी होगी उस उम्मीदवार की उस क्षेत्र विशेष या उस विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं उनका क्या एजेंडा है उनका क्या घोषणा पत्र हो तभी आम जनता अपने मतदान का सदुपयोग कर सकती है

हर उम्मीदवार करें आवश्यकताओं के अनुसार घोषणा पत्र जारी
       धर्म जाति संप्रदाय या क्षेत्र या फिर व्यक्ति पूजा के आधार पर सिर्फ मतदान करना हमारे स्वयं के लिए दुखदाई हो सकता है आज भले हम खुश होले  लेकिन जब चुनाव हो जाने के बाद उम्मीदवार हमारी जन आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है तो हमारे पास सिर्फ पछतावे के अलावा कुछ नहीं हो सकता इसलिए हर गांव हर ढाणी हर शहर हर गली का व्यक्ति अपने अपने उम्मीदवार से क्षेत्र विशेष के लिए उस गांव विशेष के लिए उस शहर विशेष के लिए या उस पूरी विधानसभा क्षेत्र के लिए उस उम्मीदवार की क्या प्राथमिकताएं होगी यह जाने उनसे मांग करें और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने वाले उस उम्मीदवार का भी यह  नैतिक दायित्व है कि वह हर गांव हर ढाणी हर शहर और पूरे विधानसभा क्षेत्र की आम जनता से यह राय के परामर्श करें कि उनकी क्या आवश्यकता है उनके विकास कार्य की क्या प्राथमिकताएं है तब होगा वास्तविक बदलाव तब होगा हमारे अमूल्य मत दान का सदुपयोग तब होगी जन आकांक्षाओं की पूर्ति और तब होगा लोकतंत्र रूपी महायज्ञ में हमारे अमूल्य मत दान का सदुपयोग  ।

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