अजमेर जिले के अंतिम छोर और अजमेर- टोंक -सवाईमाधोपुर मार्ग (SH116)  पर बसा  ऐतिहासिकबघेरा कस्बा धर्म, आध्यत्म ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से महत्व रखता आया है और आज भी  फिर से अपनी पहचान नए रूप में बना रहा है, कारण है यहाँ का ग्रेनाइट व्यवसाय। बघेेरा मैं फलते फूलते इस व्यवसाय के कारण क्षेत्र में आज विकास कार्योंं , अपनी संस्कृति अपनी सभ्यतााऔर ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण की आवश्यकता के साथ-साथ  विकास की नई इबारत लिखे जाने की महसूस की जाती है ।

सनातन संस्कृति वाला भारतवर्ष और वीरों की धरती मरुधरा राजस्थान हमेशा से ही भामाशाह और दानवीरता के कारण जानी जाती रही है इतिहास के सभी युगों में भामाशाहो ने समाज के सामाजिक धार्मिक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक सांस्कृतिक सभी क्षेत्रों में विकास की बात हो या अपने देश अपने प्रदेश अपने धर्म की रक्षा की बात हो हमेशा से ही अग्रणी रहे हैं मरुधरा राजस्थान में भामाशाह का कोई अमर इतिहास रहा है ।

भामाशाह कौन 

अब सवाल यह उठता है कि आखिर भामाशाह होते कौन हैं   भामाशाह  मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के मित्र, सहयोगी और विश्वासपात्र सलाहकार थे। । मातृ-भूमि के प्रति अगाध प्रेम उनके मन मे  था ।  मात्रभूमि पर आए संकट के समय उन्होंने अपनी संपत्ति मात्र भूमि  ओर समाज की  रक्षा के लिये दान कर दी । अपनी दानवीरता के लिए भामाशाह का नाम इतिहास में अमर है। इसी प्रकार आज भी जब -जब समाज और राष्ट्र पर कोई संकट आता है तब तब  ऐसे  ही दानवीर समाज और राष्ट्र की रक्षा में अपना सहयोग, और दान देते है ।

अतः आज भी ऐसे दानवीरो को भामाशाह के नाम से नवाजा जाता है समाज मे इनको सम्मान की नजरों से देखा जाता है  जब जब भी देश के कोई संकट आया है ऐसे ही दान वीरो ने  हर प्रकार से भरपूर सहयोग दिया है । इसी प्रकार से देश की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण आध्यात्मिक महत्व की इमारत मंदिर धर्मशालाएं तथा सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए मुद्दों पर विकास कार्यों में भामाशाह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है प्रदेश और देश के विभिन्न आध्यात्मिक महत्व के मंदिरो का संबंध किसी बड़े औद्योगिक घराने ओर भामाशाह से रहा है ।

बघेरा में ग्रेनाइट व्यवसाय ओर विकास की संभावना

कस्बे में ग्रेनाइट खनन विकास कार्यों में नए आयाम स्थापित कर सकता है ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल के इमारतों के विकास कार्य में ग्रेनाइट व्यवसायिक लोगों का योगदान हो सकता है तथा विकास के नये आयाम स्थापित हो सकते है इसके लिए सम्भावनाये तरासे जाने की आवश्यकता है ।ग्रेनाइट व्यवसाय के व्यावसायिकगणों  को गांव की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों के बारे में अवगत कराएंगे तो विश्वास करता हूँ कि उनका सहयोग जरूर मिलेगा ।

अजमेर जिले का ऐतिहासिक और का आध्यात्मिक तथा बघेरा भी पुरातात्विक पौराणिक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अपना अलग ही महत्व रखता है । यहां के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थानों मंदिरों के विकास में ग्राम के भामाशाह व धर्म प्रेमी व्यक्तियों  विशेषकर युवा वर्ग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसी का परिणाम है कि ऐतिहासिक धरोहर आज नए रूप में निखर रही है ।

युवाओं का प्रयास ओर विकास की संभावनाएं

 पिछले कुछ समय से कस्बे के युवा साथियों ने इस ओर कदम बढ़ाया है इसके अतिरिक्त बघेरा की हृदय स्थली श्री वह मंदिर मैं विकास कार्यों का बीड़ा समाज के कुछ युवा साथियों ने उठाया है प्रतिवर्ष हो रहा जन्मोत्सव और जलझूलनी एकादशी के पर्व पर मंदिर परिसर की सजावट और मेले का आयोजन किया जाता है इस वर्ष जलझूलनी एकादशी के पावन पर्व पर श्री वराह मंदिर बघेरा परिसर में जो आलौकिक ओर अद्वितीय  सजावट की गई सच्चे मायने में  अब तक के वर्षों  में की गई सबसे सुंदर सजावट थी । इससे अद्वितीय सजावट और प्रयास को मैनेज करने वाले ,बढ़ चढ़कर भाग लेने वाले ,और जिनके प्रयासों से यह कार्य  सम्पन हुआ उन सभी मित्र मंडल सदस्यों को मैं तहे दिल से आभार व्यक्त करना चाहूंगा ।  

वर्तमान समय में ब्रह्माणी माता मंदिर में जो सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो सकारात्मक प्रयास कस्बे के धर्म प्रेमियों कर्मठ कार्यकर्ताओं युवा वर्ग की टीम और समर्पित भक्तों के द्वारा किया जा रहा है उसका परिणाम पूरे गांव के सामने एक उदाहरण के रूप में नजर आने लगा है मैं धन्यवाद देना चाहता हूं ।ऐसी समर्पित और कर्मठ टीम को जिनके प्रयासों से ब्रह्माणी माता मंदिर परिसर में विकास कार्यों को गति मिली है एक नई दिशा मिली है।

निश्चित रूप से आने वाले समय में विकास का यह दौर और अधिक तीव्र गति से आगे की तरफ बढ़ेगा ऐसी मेरी कामना भी है ऐसा मेरा युवाओं पर विश्वास भी है ऐसा मेरा ब्रह्माणी माता मंदिर विकास समिति के प्रयासों पर भी है इसी प्रकार फुट्या की पाल पर स्थित प्रसिद्ध गणेश मंदिर जो कि जन-जन की आस्था का केंद्र है युवा और धर्म प्रेमियों की प्रयासों के परिणाम स्वरुप एक विकास समिति का गठन हुआ है जिनके सकारात्मक प्रयास विकास को नई गति देने का कार्य कर रही है निश्चित रूप से आने वाले समय में यह कार्य भी एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि गांव में आज भी अपनी ऐतिहासिक आध्यात्मिक पौराणिक महत्व रखने वाला एक मंदिर विकास कार्यों के लिए सरकार की तरफ नजरें गड़ाए बैठा है ।

सरकारी प्रयास अपनी जगह हो सकते हैं होना भी चाहिए अपेक्षा भी की जा सकती है और करनी भी चाहिए लेकिन क्या इसकी विकास की दौड़ में पिछड़ने का एक कारण अपेक्षित विकास नहीं होने का एक कारण एक वजह कहीं एक समर्पित युवाओ की कार्यकारिणी और विकास समिति का अभाव तो नहीं आखिर गांव के लोग युवा शक्ति इस दिशा की ओर प्रयास क्यों नहीं करते क्यो युवाओं का ध्यान इस ओर नही जाता  ।  ब्रह्माणी माता मंदिर  ओर गणेश मांसिर विकास समिति कार्यकारिणी और कर्मठ युवा टीम जैसा प्रयास अगर इस मंदिर में हो जाए  तो देश दुनिया में एक नए आयाम खड़े किए जा सकते हैं  

मेरी मनोकामना है कि धर्म प्रेमियों कर्मठ व्यक्तियों युवाओं  की एक कार्यकारिणी एक टीम एक विकास समिति का गठन किया जाए तो एक नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं । मैं अपील करता हूं गांव के कर्मठ समर्पित युवा वर्ग से कि वह  गांव के  समर्पित युवा, गांव के वरिष्ठजन , पुजारी वर्ग सभी के सहयोग से आगे आकर पहल करें।  यही आज की आवश्यक्ता है 

यह आज की पहली जरूरत भी है और मेरे मन की आवाज भी है कि वराह मंदिर परिसर का मुख्य द्वार जो बिल्कुल रोड पर है एक तरफ सीढ़ियां बनी हुई है और दूसरी तरफ डाल्या-बाल्या का स्तम्भ है इस प्रवेश द्वार पर अगर स्टील का गेट लग जाए तो निश्चित रूप से आवारा पशुओं का आवागमन बंद होगा , सौंदर्यकरण भी होगा और पुण्य कर्म होगा ऐसा मेरा विश्वास है साथ ही ग्राम के भामाशाह, ग्राम बघेरा के युवा साथियों, मित्र मंडल के सदस्यों के प्रयासों से यह संभव भी हो सकता है ऐसा मेरा विश्वास है बस आवश्यकता है तो एक मास्टर प्लान बनाने और युवा वर्ग/मित्र मण्डल के आगे आने की….

आज आवश्यकता है कि बघेरा कस्बे में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोनत हो, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकी को पुलिस थाने में तब्दील किया जाए ,यातायात के साधनों की आवश्यकता महसूस की जाती है।

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