श्री गंगानगर जिले के करणपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह टी.टी को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जबकि न तो उस वक्त वहां निर्वाचन हुए और नहीं सुरेंद्र पाल सिंह विधानसभा सदस्य थे। भारतीय जनता पार्टी के इस कदम का विपक्ष ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया।

ध्यातव्य: संविधान के अनुच्छेद 164 (4) अनुसार ऐसे व्यक्ति को भी मंत्री बनाया जा सकता है जो विधानसभा/विधानमंडल सदस्य नहीं हो लेकिन शपथ ग्रहण करने से 6 माह के भीतर उसे विधानसभा /विधान मंडल की सदस्यता ग्रहण करनी होती है।

केबिनेट मंत्री बनाया था :सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था, उन्हें कृषि विपणन विभाग,कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग,इंदिरा गांधी नहर विभाग,अल्पसंख्यक मामलात एवं वफ्फ बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन करणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए ।ज्ञात हो कि करणपुर में 5 जनवरी 2024 को चुनाव हुए है जिसमे उनकी पराजय हुई है।

इनसे हुई हार: कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रूपिंद्र पाल सिंह ने इनको करीब 11500 मतों से हराया ।

इनके पिता कांग्रेस पार्टी से करणपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार थे लेकिन 25 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पूर्व ही उनकी मृत्यु हो गई और करणपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन स्थगित हो गए। इसके बाद उनके ही पुत्र रूपेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाया था।

सुरेंद्र पाल सिंह ने दिया त्यागपत्र : राज्यपाल कलराज मिश्र ने 08 जनवरी को सुरेंद्रपाल सिंह टीटी के त्यागपत्र को किया स्वीकार कर लिया है। ज्ञात हो की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी का त्यागपत्र राज्यपाल को अग्रेषित किया था जिसे राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से किया स्वीकार है।

ध्यातव्य: 5 जनवरी को हुए चुनाव का परिणाम 8 जनवरी 2024 को घोषित हुए थे जिसमें सुरेंद्र पाल सिंह की हार हुई।

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