अक्सर एक सामान्य सा सवाल पूछा जाता रहा है कि वर्तमान में भारतीय संविधान में अनुच्छेदों की संख्या कितनी है ? कितने भाग और कितनी अनुसूचियां है।प्रतियोगिता परीक्षा की कुछ गाइडों, पुस्तकों में अलग-अलग आंकड़े बताए जाते हैं कि इनकी संख्या वर्तमान में 395 है, 470है, या 475 है, 22 भाग है 25 भाग हैं ..आदि आदि। अब सवाल उत्पन्न होता है कि आखिर वर्तमान में अनुच्छेदों की संख्या कितनी है? और यह अलग-अलग आंकड़े क्यों बताए जाते हैं ? उनके पीछे का कारण क्या है ?

इस आलेख के माध्यम से आपकी इसी दुविधा का तथ्यात्मक जानकारी के साथ समाधान किया जाएगा।निश्चित रूप से यह आलेख आपके लिए उपयोगी और सार्थक साबित होगा।

संविधान के प्रारूप में अनुच्छेदो की संख्या क्या थी ?

संविधान का प्रारूप संवैधानिक सलाहकार बी एंन राव के द्वारा तैयार कर प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर को सौंपे जिसमें 240 अनुच्छेद और 13 अनुसूचियां थी। संविधान सभा के सातवे अधिवेशन जो कि 4 नवंबर 1948 को प्रारंभ हुआ था को डॉ अंबेडकर द्वारा संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसमें 315 अनुच्छेद और आठ(08) अनुसूचियों का उल्लेख था।

26 नवंबर 1949 को अनुच्छेदों की संख्या

संविधान सभा द्वारा जब संविधान का निर्माण किया जा रहा था तब इसकी संख्या में बड़ा उतार चढ़ाव आया और अंतिम रूप से जब 26 नवंबर 1949 को यह बनकर तैयार हुआ तब 395 अनुच्छेद थे। इस संख्या में उतार चढ़ाव भले आया हो लेकिन अंतिम रूप से 395 अनुच्छेद 8अनुसूचियां और 22 भाग रहे।

वर्तमान में कितने अनुच्छेद है ?

अब सवाल ही उत्पन्न होता है कि आखिर वर्तमान समय में कितने अनुच्छेद हैं,तो आपको बता दें कि जब संविधान तैयार हुआ(26 नवंबर 1949) था तब 395 अनुच्छेद थे और आज भी 395 अनुच्छेद ही है। लेकिन अनुसूचीयों की संख्या में कुछ बदलाव जरूर आया है।

कई बार अनुच्छेदों की संख्या 470 या 475 अनुच्छेद बताई जाती है जो कि गलत है ।इसका सबसे बड़ा कारण है कि 395 अनुच्छेदों के अंतर्गत ही (मूल संविधान में ही) अनेक उपभाग थे और समय समय पर संशोधन करके भी अनेक उप अनुच्छेद जोड़े गए हैं जैसे अनुच्छेद 19 के बाद 19(1) और 19(2) भाग 4(क ) आदि आदि…और जब उनकी गणना करते हैं तो यह संख्या बढ़कर 470 या 475 के आसपास हो जाती है जबकि मूल रूप से आज भी 395 अनुच्छेद ही है।

ध्यातव्य: आपको बता दे कि 395 अनुच्छेद के पश्चात 396 क्रम का कोई अनुच्छेद संविधान में नहीं है। जब 396 क्रम का कोई अनुच्छेद है ही नहीं तो फिर 470 या 475 अनुच्छेद का सवाल ही उत्पन्न कहां होता है।

संविधान के प्रारूप में अनुसूचियो की संख्या?

जब भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार कर संवैधानिक सलाहकार बी एन राव के द्वारा सविधान सभा में प्रस्तुत किए गए प्रारूप में 13 अनुसूचियां और जब डॉ अंबेडकर द्वारा संविधान सभा में प्रारूप प्रस्तुत किया गया था तब 08 (आठ ) अनुसूचियां थी। तत्पश्चात संविधान में समय-समय पर संशोधन हुए और नवीन अनुसूचियां जोड़ी गई।

मूलरूप से थी इतनी अनुसूचियाँ

जब संविधान बनकर तैयार(26 नवंबर 1949)हुआ और जब यह लागू(26 जनवरी 1950) हुआ तब संविधान में अनुसूचियों की संख्या 8 थी।आगे चलकर इनकी संख्या में बदलाव आया। क्योंकि नवीन अनुसूचियां जोड़ी गई है।

वर्तमान में कितनी अनुसूचियां है ?

मूल संविधान में अनुसूची की संख्या 8 थी लेकिन आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर किए गए संशोधन द्वारा नवीन अनुसूचियां जोड़ी गई और उनकी संख्या में इजाफा हुआ जो आज बढ़कर 12 हो चुकी है।

कब और कौनसी जोड़ी गई अनुसूचियां

मूल संविधान में उल्लेखित आठवीं अनुसूची के बाद सर्वप्रथम नौवीं अनुसूची संविधान में शामिल की गई ।ज्ञात हो कि प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा ही यह अनुसूची जोड़ी गई थी,इसी प्रकार 52वें संविधान संशोधन द्वारा दसवीं अनुसूची,73वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा 11वीं अनुसूची और 74 संविधान संशोधन द्वारा 12वीं नवींन अनुसूची जोड़ी गई।

संविधान में मूल रूप से कितने भाग है ?

संविधान में भाग की संख्या को लेकर भी कई बार सवाल उत्पन्न किए जाते हैं कि वास्तविक रूप से और वर्तमान में इनकी संख्या कितनी है ?आपको बता दे कि जब 26 नवंबर 1949को संविधान बनकर तैयार हुआ और जब यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ तब संविधान में मूल रूप से 22 भाग थे। अब सवाल उत्पन्न होता है कि उनकी वर्तमान में संख्या कितनी है 22 या 25 या फिर 27भाग,

वर्तमान में कितने भाग है ?

ज्ञात हो कि भारतीय संविधान में आज भी 22 भाग ही है 23वां क्रम का कोई नवीन भाग नहीं जोड़ा गया है।बल्कि इन 22 भाग के ही उपभागो को गणना की दृष्टि से या संख्यात्मक दृष्टि से संविधान के उपभागों को जोड़कर देखा जाए तो उनकी संख्या 25 होती है। जबकि मूल रूप से आज भी 22 ही भाग है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page