
प्रति वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है । गांधी जी के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार करने के लिए भारतीय संविधान भाग 4 में नीति निदेशक तत्व के अंतर्गत अनुच्छेद 40 में पंचायती राज संस्थाओं के गठन का प्रावधान किया गया है।
अब मन और मस्तिष्क में सवाल उठना लाजमी है कि जब संविधान लागू होने के पश्चात पंचायत राज संस्थाओं की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को नागौर जिले (राजस्थान) के बगतरी गांव में हुई थी तो फिर राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रेल को ही क्यो मनाया जाता है।
- पंचायत राज दिवस 24 अप्रैल को ही क्यों
पंचायतराज संस्थाओं को सुदृढ़, मजबूत और व्यवस्थित करने व उन्हें सवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। इसी को मद्देनजर रखते हुए हैं तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में 73 वा संविधान संशोधन 1992 लाया गया था जो की 24 अप्रेल 1993 को पूरे भारत मे लागु हुआ था। इसीलए 24 अप्रैल को प्रतिवर्ष पंचायत राज दिवस के रूप में मनाए जाने का निश्चय किया।
ध्यातव्य-ज्ञात हो कि 73वें संविधान संशोधन को लागू करने वाला पहला राज्य कर्नाटक था।
- 73 वां संविधान संशोधन 1993 क्या है ?
पंचायत राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के उद्देश्य से पी.वी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रीत्व कार्यकाल में 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम लाया गया था जिसे 22 दिसंबर 1993 को लोकसभा में पारित किया गया और 23 दिसंबर 1993 को राज्यसभा ने इसे पारित किया था।
इसके पश्चात से 17 राज्यों की सहमति प्राप्त होने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के द्वारा 20 अप्रैल 1993 को इस पर हस्ताक्षर करने के बाद 24 अप्रैल 1993 को पूरे भारत में लागू हुआ।
- पंचायत राज दिवस मनाने की शुरुआत कब से हुई
प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के रूप में बनाए जाने की शुरुआत प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 24 अप्रैल 2010 से की गई थी तब से लगातार यह दिवस मनाया जा रहा है । इस दिन राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं साथ ही स्थानीय पंचायत राज संस्थाओं में भी इसे मनाया जाता है । ज्ञात हो कि पंचायत राज मंत्रालय के द्वारा यह दिवस मनाया जाता है इस पंचायत राज दिवस की स्थापना सर्वप्रथम मई 2004 में की गई थी।
- पंचायतराज संस्थाओं को किया जाता है पुरस्कृत
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के दिन राष्ट्रीय पंचायत राज मंत्रालय द्वारा देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों /राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को पुरस्कृत किया जाता है। इस दिन निम्न चार श्रेणियों के पुरस्कार दिए जाते हैं ।
1.दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार 2. नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 3.ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार 4 बाल हितेषी ग्राम पंचायत पुरस्कार
ज्ञात हो कि 2022 में इन पुरस्कारों के तहत पंजाब के लुधियाना जिले की पंचायतों ने तीन राष्ट्रीय पंचायत राज पुरस्कार जीतने में सफलता प्राप्त की हैं।