राष्ट्रपति के निर्वाचन को लेकर सवाल पूछें जाते रहे है जैसे, राष्ट्रपति निर्वाचन में निर्वाचन अधिकारी कौन होता है? आवेदन किसको प्रस्तुत किए जाते हैं ? एक उम्मीदवार कितने नामांकन कर सकता है? राष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान कौन करते हैं ? राष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान कैसे होता है? इस आलेख में ऐसे ही सवालों के बारे में पूर्णतया सटीक और तथ्यात्मक जानकारी है।निश्चित रूप से यह आलेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
- कौन लड़ सकता है राष्ट्रपति पद का चुनाव?
भारत का कोई भी नागरिक कितनी भी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकता है।चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 35 साल की उम्र होना जरूरी है,लोकसभा सदस्य होने की पात्रता और किसी भी लाभ के पद पर न होने के साथ-साथ उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक होने चाहिए।
![](https://drgyanchandjangid.com/wp-content/uploads/2023/11/IMG_20231111_211358.jpg)
- नामांकन किसके समक्ष प्रस्तुत करता है
राष्ट्रपति निर्वाचन में इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करता है। ज्ञात हो कि लोकसभा का सचिव और राज्यसभा का सचिव बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभाता है जैसे इस बार लोकसभा सचिव के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया तो अगली बार चुनाव में राज्यसभा के सचिव के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किए जाते हैं।
ध्यातव्य: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उम्मीदवार के रूप में नामांकन राज्यसभा के महासचिव के समक्ष प्रस्तुत किया था।
- एक उम्मीदवार कितने नामांकन कर सकता है?
राष्ट्रपति के निर्वाचन में एक उम्मीदवार द्वारा उसकी ओर से चार से अधिक नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया जा सकते या रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकते। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भी एक से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए थे।
![](https://drgyanchandjangid.com/wp-content/uploads/2023/11/IMG_20231111_204705-1024x480.jpg)
- प्रस्तावक और अनुमोदक
राष्ट्रपति के निर्वाचन में प्रस्तुत किए जाने वाले नामांकन पत्र में 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक आवश्यक होते है ध्यान दे कि कोई भी व्यक्ति इस निर्वाचन में चाहे प्रस्तावक के रूप में हो या अनुमोदन के रूप में एक से ज्यादा नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता है और यदि कोई निर्वाचक ऐसा करता है तो प्रस्तुत किए गए पहले नामांकन पत्र से भिन्न किसी भी अन्य नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर अस्वीकार्य माने जाते हैं।
ध्यातव्य: प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्यों में से होते है,चाहे वे लोकसभा या राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य हो या राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य। इनके अतिरिक्त कोई और अनुमोदक और प्रस्तावक नहीं बन सकता।
ध्यातव्य: राष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय अनुपातिक मत प्रणाली द्वारा होता है जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य तथा विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
- मतपत्रों का रंग होता है भिन्न-भिन्न
राष्ट्रपति के चुनाव के मामले में संसद के निर्वाचित सदस्यों के लिए मत पत्रों का रंग हरा होता है जबकि राज्य की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा उपयोग में ले लिए जाने वाले मत पत्रों का रंग गुलाबी होता है।
![](https://drgyanchandjangid.com/wp-content/uploads/2023/11/IMG_20231111_205833.jpg)
ध्यातव्य: ज्ञात हो की मत पत्रों में कोई चुनाव चिन्ह नहीं होता है बल्कि केवल नाम का उल्लेख होता है। जिसके नाम के आगे वार्ता क्रमांक लिखना होता है।
- विशेष पैन से करना होता है मतदान
राष्ट्रपति के निर्वाचन में मताधिकार का उपयोग करने वाले मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी द्वारा दिए गए विशेष प्रकार के पेन से ही मतपत्र पर मतदान वार्ता क्रम में करना होता है।
ध्यातव्य: राष्ट्रपति के निर्वाचन में कुल डाले गए वेध मत मूल्य का न्यूनतम 1/6 मत मूल्य प्राप्त नहीं करने पर उस उम्मीदवार की जमानत राशि जप्त हो जाती है। जमानत राशि 15,000/ है जो आरबीआई में जमा होती है। अब तक एक मात्र नीलम संजीव रेड्डी है जिनकी जमानत जप्त हुई थी।