
आज भी देश ही नही बल्कि धोरा की धरती राजस्थान में भी महिलाओं ने राजनीतिक,प्राशासनिक क्षेत्र, सवैधानिक क्षेत्रो के साथ साथ अनेक क्षेत्रो में उच्च पद प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया हैं ।अनेक क्षेत्र ऐसे है जहां प्रथम बार किसी महिला ने सफलता का परचम लहराया हो, प्रथम बार अनेक सवैधानिक पदों को सुशोभित किया हो, प्रथम बार किसी महिला ने कोई इतिहास बनाया हो, आइए जानते हैं राजस्थान में ऐसे ही अनेक उच्च पदों पर आसीन होने वाली पहली महिलाओं के बारे में…
- 1 राजस्थान की पहली महिला राज्यपाल
स्वतंत्रता के पश्चात राजस्थान के पूर्व एकीकरण होने तक राजस्थान के एकमात्र राज्य प्रमुख महाराजा सवाई मानसिंह सेवा करते थे राजस्थान के एकीकरण के बाद 1 नवंबर 1956 को संविधान के अनुच्छेद 153 के तहत राज्य प्रमुख पद की जगह राज्यपाल के पद का सृजन किया गया। राजस्थान के प्रथम राज्यपाल सरदार गुरुमुख निहाल सिंह बने लेकिन राजस्थान की महिला राज्यपाल के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा। पहली महिला राज्यपाल प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 2004 में बनी थी। इन्होंने 8.11.2004 से 21.6.2007 तक इस पद पर कार्य किया। ज्ञात ही कि राजस्थान के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने से पूर्व ही ये देश की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हो गई ।
- 2 राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री
महान स्वतंत्रता पहली महिला मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया थी जिनको राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव हांसिल किया । ज्ञात हो कि झालरापाटन (झालावाड) विधानसभा क्षेत्र से ये विधायक निर्वाचित हुई थी और 9 दिसम्बर 2003 से 10 दिसम्बर 2008 तक इस पद पर कार्य किया । वसुंधरा राजे सिंधिया सन 2013 से 2018 तक राजस्थान के दूसरी बार मुख्यमंत्री नियुक्त हुई थी।
ध्यातव्य- देश के किसी राज्य में महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव हो सुचेता कृपलानी को ही प्राप्त हुआ था।
- 3 राजस्थान की पहली महिला उपमुख्यमंत्री
वैसे उपमुख्यमंत्री के पद का उल्लेख संविधान में नही है फिर भी राजनीतिक परिस्थितियों की उपज इस पद पर नियुक्तियां होती रही है । राजस्थान की पहली और अब तक की एकमात्र महिला उपमुख्यमंत्री पद पर रहने वाली महिला कमला बेनीवाल है जिनका निर्वाचन क्षेत्र झुंझुनू था । ज्ञात हो कि अशोक गहलोत सरकार के दौरान (2003 में) इस पद पर रही ।
- 4 राजस्थान में पहली महिला मंत्री
नवंबर 1954 में जब राजस्थान में मोहनलाल सुखाड़िया ने राजस्थान के के मुख्यमंत्री पद की शपथ थी उसी वर्ष झुंझुनू निवासी ,स्वतंत्रता सेनानी और मात्र 27 वर्ष की आयु में श्रीमती कमला बेनीवाल को उन्होंने राजस्थान की पहली महिला मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
- 5 राजस्थान से पहली महिला सांसद
केंद्रीय विधान मंडल (संसद) में राजस्थान से पहली महिला सांसद के रूप में श्रीमती शारदा भार्गव निर्वाचित हुई थी ज्ञात हो श्रीमती शारदा भार्गव संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य के रूप में सन 1952 में निर्वाचित हुई थी।
ध्यातव्य श्रीमती शारदा भार्गव राजस्थान के महान स्वतंत्रता सेनानी और अजमेर मेवाडा से संविधान सभा सदस्य मुकुट बिहारी लाल भार्गव की पुत्री थी।
- 6 राजस्थान से पहली महिला लोकसभा सदस्य
जयपुर राज घराने की महारानी गायत्री देवी वह पहली महिला थी जो राजस्थान से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई थी । ज्ञात हो की 1962 में लोकसभा के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जयपुर लोकसभा क्षेत्र से यह सांसद(लोकसभा सदस्य) चुनी गई थी ।
ध्यातव्य- महारानी गायत्री देवी विश्व में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीतने वाली महिला है,जिनका गिनीज बुक ऑफ द रिकॉर्ड में नाम दर्ज है।
- 7 राजस्थान की पहली महिला विधायक
राजस्थान की पहली विधानसभा के निर्वाचन में एक भी महिला विधायक का निर्वाचन नहीं हो पाया था लेकिन पहली विधानसभा के उपचुनाव 1953 में पहली बार बांसवाड़ा से यशोदा देवी विधायक निर्वाचित हुई थी ।यशोदा देवी ही राजस्थान की पहली महिला विधायक है।
- 8 राजस्थान की पहली महिला मुख्य सचिव
मुख्य सचिव राज्य शासन सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है जो कि सामान्य प्रशासन विभाग एवं सिविल सेवा के प्रमुख के रूप में कार्य करता है।राजस्थान में इस पद को सुशोभित करने वाली पहली महिला मुख्य सचिव श्रीमती कुशाल सिंह है । जिनकी इस पद पर नियुक्ति 2009 में हुई थी। जिन्होंने 27 फरवरी 2009 से 31 अक्टूबर 2009 तक इस पद पर सेवाये दी थी।
- *9 राजस्थान की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष
राजस्थान के इतिहास में पहली बार 12 वी विधानसभा (2003- 2008) में ऐसा अवसर आया जब विधानसभा अध्यक्ष पद पर पहली बार कोई महिला सुशोभित हुई हो । ज्ञात हो कि झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित श्रीमती विधायक श्रीमती सुमित्रा सिंह विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी।
- 10 राजस्थान विधानसभा पहली महिला उपाध्यक्ष
प्रथम विधानसभा के गठन के बाद एक लंबे वक़्त के बाद 10वीं राजस्थान विधानसभा में वह अवसर आया था जब राजस्थान विधानसभा की उपाध्यक्ष एक महिला बनी हो जिनका नाम तारा भण्डारी है बनी हो। ज्ञात हो की सिरोही विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक श्रीमती तारा भंडारी (1998) राजस्थान विधानसभा की पहली महिला उपाध्यक्ष बने थी ।
- 11 राजस्थान की पहली महिला सांसद जो केंद्र में मंत्री बनी
स्वतंत्रता और संविधान लागू होने के पश्चात पहली बार 15 वी लोकसभा के गठन के पश्चात जब डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए-2 सरकार का गठन हुआ तब 17 जून 2013 से 26 अगस्त 2014 तक राजस्थान से निर्वाचित होने वाली महिला सांसद डॉ गिरिजा व्यास केंद्र में मंत्री रही थी । वह केंद्रीय शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री थी । ज्ञात हो कि राजस्थान से निर्वाचित कोई महिला सांसद केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बनी थी ।
- 12 राजस्थान की पहली महिला जिला प्रमुख
पंचायतीराज अधिनियम लागू होने के बाद राजस्थान पंचायत राज के जिला स्तरीय पंचायत राज संस्था जिला परिषद की मुखिया पद पर पहली बार एक महिला काबिज हुई थी। 1960 में कोटा जिला परिषद की जिला प्रमुख श्रीमती नगेंद्र बाला राज्य की प्रथम महिला जिला प्रमुख थी।
ध्यातव्य श्रीमती नगेंद्र बाला न केवल राजस्थान बल्कि देश की पहली महिला जिला प्रमुख थी।
- 13 राजस्थान की पहली महिला सरपंच
पंचायती राज के उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद मरुधरा में जोधपुर में फलौदी तहसील के एक छोटे से गाँव जिसका नाम खींचन था । उस गांव में एक महिला छगन बहन गोलेच्छा पहली महिला सरपंच निर्वचित हुई । इन्होंने 1961 में हुये चुनावों में वहां के पूर्व जागीरदार रेवतसिंह राजपुरोहित को हरा कर मात्र 31 वर्ष की उम्र में राजस्थान की पहली महिला सरपंच होने का गौरव हासिल किया था । अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण वह लगातार 13 साल तक उस गांव की सरपंच रहीं।
ध्यातव्य* राजस्थान के किस जिले में पहली महिला जिला कलेक्टर ओटीमा बोर्दिया थी।
* वह पहली राजस्थानी महिला जो राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष बनी वह महिला डॉ गिरिजा व्यास है।
* राजस्थान महिला आयोग की पहली महिला अध्यक्ष कांता खतूरिया थी।
- राजस्थान की पहली महिला जोधपुर निवासी डॉक्टर पार्वती गहलोत थी जो स्वतंत्रता से पूर्व ही वर्ष 1928 में राजस्थान की प्रथम महिला डॉक्टर बनीं।
- राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना के तीन दशक बाद 1978 में पहली महिला न्यायाधीश के रूप में जस्टिस कांता भटनागर की नियुक्ति कि गयी थी ।
- सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरुणा राय मेग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली राजस्थानी महिला थी।