मूलतः भरतपुर जिले के निवासी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भजन लाल शर्मा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं,जो अचानक की चर्चा में आ गये ..जी हां सही पढ़ा आपने।आखिर कौन है ? राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा। इस आलेख के माध्यम से उनके जीवन परिचय, राजनीतिक जीवन और उनकी विचारधारा के बारे में जानकारी मिलेगी।

भजन लाल बने मुख्यमंत्री: 16वीं राजस्थान विधानसभा के 25 नवंबर को हुए चुनाव में सांगानेर (जयपुर) से विधायक निर्वाचित हुए भजन लाल शर्मा। राजस्थान विधानसभा विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा का नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप मे घोषित होते ही अनायास ही वे चर्चा में आ गए । नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आराध्य देव गोविंद देव जी माने जाते हैं इसीलिए मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम घोषित होने के बाद वे पहली बार अपनी पत्नी के साथ गोविंद देव जी के मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए। ध्यातव्य: इनकी पत्नी का नाम गीता शर्मा हैं।

ध्यातव्य:जयपुर में आयोजित विधायक दल की बैठक में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नव निर्वाचित्त मुख्यमंत्री भजनलाल के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया।

जन्म और जीवन परिचय : भजनलाल शर्मा मूलतः भरतपुर जिले के नंदबई तहसील के अटारी गांव के एक साधारण से परिवार के रहने वाले हैं। जिनका जन्म राजस्थान के भरतपुर जिले के अटारी गांव में 15 दिसंबर 1968 को ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्ण लाल शर्मा है।

इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अटारी गांव से ही की और कॉलेज शिक्षा इन्होंने नंदबई से की। इसी दौर में वे एबीवीपी से जुड़े साथ ही इन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और बी एड की डिग्री तक की शिक्षा प्राप्त की है।

ध्यातव्य: शिक्षक प्रशिक्षण (B.Ed) की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इनके पिता इन्हे शिक्षक बनाना चाहते थे।

विवाह : इनका विवाह डीग जिले के कुम्हेर तहसील के एक छोटे से गांव बाबोला में श्री गोविंद प्रसाद शर्मा की पुत्री गीता देवी से सन 1995 में हुई थी।

पहली बार बने हैं विधायक: 55 वर्षीय भजन लाल शर्मा एक आम भाजपा कार्यकर्ता है जिनको 12 दिसंबर जयपुर में हुई विधायक दल की बैठक में अचानक ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की गई ।भजन लाल शर्मा राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्ञात हो कि भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक चुने गए हैं।

अपने प्रतिद्वंदी को हराया भारी मतों से : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 मे उन्हें सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 मतों के अंतर से हराकर अपना स्थान प्राप्त किया है।

सरकार बनाने का दावा पेश: 12 दिसंबर 2023 मंगलवार को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल के समक्ष अपनी सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया।

ध्यातव्य : करीब 33 वर्षों बाद यह अवसर आया है कि कोई ब्राह्मण राजस्थान का सीएम बना है।

ध्यातव्य: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का जन्मदिन 15 दिसंबर है ज्ञात हो कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में वे 15 दिसंबर को ही शपथ ग्रहण की। उन्होंने 12 दिसंबर 2023 मंगलवार को राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया था।

ध्यातव्य: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन्हें शपथ पद और गोपनियता की शपथ दिलाई।

ध्यातव्य: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ के साथ साथ दो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और डॉ प्रेम चंद बैरवा ने भी शपथ ली।

राजनीतिक सफर : भजनलाल शर्मा की राजनीति में एंट्री छात्र राजनीति से हुई थी वह लंबे समय तक ABVP से जुड़े हुए थे। इन्होंने छात्र राजनीति से अपने राजनीति का सफर शुरूआत के बाद ये सन 2000 से 2005 तक अटारी ग्राम पंचायत के सरपंच भी रहे।

भजन लाल शर्मा सन 2010 से लेकर 2015 तक पंचायत समिति सदस्य भी रहे। इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी कई पदों पर इन्होंने कार्य किया साथ ही भरतपुर से भाजपा जिला अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया ।इस प्रकार छात्र राजनीति से शुरू होकर मुख्यमंत्री का इनका सफर बड़ा रोचक और संघर्षमय रहा।

भाजपा संगठन में किया कार्य : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के संगठन के साथ लंबे समय से कार्य करते आ रहे हैं । ज्ञात हो कि उन्होंने चार बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव के रूप में भी कार्य किया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं : राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं और लंबे समय से संघ के साथ मिलकर कार्य किया हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक-कार्यकर्ता होने के कारण उनके जीवन में सादगी, अनुशासन देखा जा सकता है।

ध्यातव्य: सन 1990 में कश्मीर मार्च के दौरान सैकड़ो लोगो के साथ इन्होंने अपनी गिरफ्तारी दी।

ध्यातव्य , 1992 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी इनको जेल जाना पड़ा था।

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