टोक्यो (जापान) ओलंपिक 2021 में पहला पदक दिलाने वाला प्रथम खिलाड़ी जो एक महिला है और वह मणिपुर निवासी और विश्व चेम्पियन , भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू  है। यह कोई पहला मौका नहीं था कि  जब किसी

भारतीय महिला ने देश का नाम देश दुनिया में रोशन किया हो। अब चाहे राजनीति क्षेत्र हो,शिक्षा हो, प्रशासनिक सेवा हो, खेल के क्षेत्र में हो, संवैधानिक पदों को सुशोभित करना हो, भारतीय महिलाओं ने हर क्षेत्र में  अपना लोहा मनाया है । 

आजादी से पूर्व जब समाज में महिलाओं पर अनेक प्रकार के सामाजिक प्रतिबंध हुआ करते थे, सामाजिक परंपराओं के नाम पर उन्हे बेड़ियों में जखडा रहने को मजबूर किया जाता था, उन सब से लड़कर अनेक महिलाओं ने सफलता का परचम लहराया था । देश दुनिया मे जिन्हें आज भी बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है ।

आज भी देश में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहां प्रथम बार किसी महिला ने सफलता का परचम लहराया हो, प्रथम बार  अनेक सवैधानिक पदों को सुशोभित किया हो, प्रथम बार किसी महिला ने कोई इतिहास बनाया हो, आइए जानते हैं भारत की ऐसे ही प्रथम महिलाओं के बारे में….

  • 1. देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति

संविधान लागू होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष /राष्ट्रपति के प्रथम आम चुनाव से लेकर वर्तमान चुनाव तक  कुल 6  महिलाओं ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी की थी, लेकिन लंबे वक़्त के बाद सन 2007 में राष्ट्रपति पद हेतु  तेरहवाँ चुनाव में अब तक की पांचवीं महिला उम्मीदवार श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने सफलता प्राप्त की है । इनको इन चुनाव में प्राप्त कुल मत मूल्यों का योग 6,38,116 था।  इस प्रकार श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की स्वतंत्रता के बाद देश की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुई थी। श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल राष्ट्रपति बनने से पूर्व राजस्थान की पहली महिला राज्यपाल थी। इन्होंने 22 जून 2007 को राज्यपाल के पद से अपना त्यागपत्र दिया था ।

  • 2.राष्ट्रपति चुनाव में पहली महिला उम्मीदवार

देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति जैसे पद को सुशोभित करने में देश की महिलाओं ने भी अहम भूमिका निभाई थी भले ही देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल रही हो लेकिन स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रपति के प्रथम निर्वाचन जो कि 2 मई 1952 को आयोजित हुए थे । इस निर्वाचन में पहली महिला उम्मीदवार कृष्णा कुमार चटर्जी थी । जिनको  इस निर्वाचन में कुल मत (मत मूल्य) 533 था तथा इस चुनाव में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे ।

  • 3.भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री

भारत में प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले दूसरे व्यक्ति लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद 1966 में ऐसा मौका आया जब कोई महिला के सबसे शक्तिशाली पद ‘प्रधानमंत्री’ पर आसीन हुईं हो। वह देश की पहली प्रधानमन्त्री इंद्रा गांधी थी । ये वर्ष 1966 से लेकर 1977 तक और 1980 से 1984 के बीच  दो बार देश की प्रधानमंत्री रहीं।  1984 में इनके अंग रक्षकों ने ही इनकी हत्या कर दी थी। 

  • 4.भारत की पहली महिला लोक सभा अध्यक्ष

स्वतंत भारत के इतिहास में संसद के निम्न सदन लोकसभा में 03 जून 2009  को 15 वी लोक सभा अध्यक्ष पद पर पहली बार कोई महिला सुशोभित हुई हो  । ज्ञात हो इस दिन मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला स्पीकर चुन ली गईं।  इस पहली महिला  अध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति से हुआ था। ज्ञात हो कि मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री है। 

  • 5. देश के किसी राज्य में पहली महिला मुख्यमंत्री

देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं ने न केवल बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी विभिन्न राजनीतिक व सवैधानिक पदों पर रह कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया था। उस दिन इतिहास रचा गया जब पहली बार कोई महिला देश के किसी राज्य में मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुई हो । महान स्वतंत्रता सेनानी सुचेता कृपलानी (सुचेता मजूमदार) देश की पहली महिला थी जिसने देश के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने का गौरव हांसिल किया । ज्ञात हो कि इन्होंने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में  सन 2 अक्टूबर 1963 को  शपथ ली और 13 मार्च 1967 तक इस पद पर कार्य किया । देश के किसी राज्य में महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव हो सुचेता कृपलानी को ही प्राप्त हुआ था।

  • 6.देश के किसी राज्य में पहली महिला राज्यपाल

सुचेता कृपलानी भले ही किसी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रही हो लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की स्वतंत्रता के पश्चात देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राज्यपाल जैसे पद को सुशोभित करने वाली पहली महिला सरोजिनी नायडू थी । ज्ञात हो कि सरोजनी नायडू देश  के किसी राज्य में राज्यपाल बनने वाली पहली  महिला  थीं। उन्होंने 19 अगस्त 1947 से 2 मार्च 1949 (मृत्यु) तक इस पद पर कार्य किया ।

  • 7. देश की पहली महिला रक्षा मंत्री

आजादी के बाद जब पहली बार एक महिला इंदिरा गांधी देश की महिला प्रधानमंत्री बनी तब इन्होंने प्रधानमंत्री रहते देश की रक्षा मंत्रालय का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाला था लेकिन वह देश की पूर्ण रूप/पुर्णकालिन रूप से रक्षा मंत्री नही थी। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि स्वतंत्रता के पश्चात पहली बार पूर्ण रूप /पूर्णकालिक रूप से देश की रक्षा मंत्री के रूप में पद ग्रहण करने वाली  पहली महिला निर्मला सीतारमण थी।जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एक मंत्री बनी थी।  

  • 8.देश की पहली महिला IPS अधिकारी

देश की आजादी के पश्चात इंडियन पुलिस सर्विस (IPS)  जैसे उच्च पद पर पहुंचने वाली पहली महिला किरण बेदी थी । जिनका जन्म अमृतसर (पंजाब) में हुआ था तथा जिन्होंने 16 जुलाई 1972 को पुलिस ट्रेनिंग मसूरी में जॉइन की थी । अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के पश्चात सन 1975 में उनकी पहली पोस्टिंग चाणक्यपुरी दिल्ली में हुई थी।  उन्होंने चंडीगढ़, गोवा, मिजोरम  के साथ अनेक जगहों पर कार्य किया । बताया जाता है कि ट्रेनिंग के दौरान 80 लोगों के बैच में वह पहली महिला थी। इसके अतिरिक्त 26जनवरी 1975 को ही उन्होंने परेड में पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व किया था ।

  • 9. देश की पहली महिला विदेश मंत्री

वित्त मंत्रालय की तरह इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते विदेश मंत्रालय का भी अतिरिक्त कार्यभार संभालती थी। लेकिन अगर पूर्ण कालीन महिला विदेश मंत्री की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के शासन में वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज देश की पहली महिला विदेश मंत्री थी।  भारतीय जनता पार्टी सरकार में जब नरेंद्र5 मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने 26 मई 2014 को विदेश मंत्री का पद ग्रहण किया था, साथ ही उन्हें प्रवासी भारतीय मामलों का प्रभार भी दिया गया है ।

  • 10 भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त

लोकतंत्र में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव आयोग का होना पहली आवश्यकता है । चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त का पद एक महत्वपूर्ण पद है इस पद को सुशोभित करने वाली अब तक की एकमात्र महिला मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस. रमादेवी थी । इन्होंने   26 नवंबर 1990 से 11 दिसंबर 1990 इस पद पर कार्य किया था। 

  • 11. सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश

सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना से लेकर अब तक 48 मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति हो चुकी है लेकिन अब तक कोई भी महिला सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नहीं बनी है । इसके अतिरिक्त महिला न्यायाधीशों की बात करे तो सर्वोच्च न्यायालय में अब तक केवल आठ महिलाओं को न्यायाधीशों के तौर पर नियुक्त किया गया । लेकिन देश मे पहली बार सन 1989 में जस्टिस फ़ातिमा बीवी  पहली महिला न्यायाधीश बनीं थी। 

  • 12. UNO महासभा में पहली भारतीय महिला

दूसरे महायुद्ध के पश्चात जब संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई तब उसी दौर में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य पहली बार किसी महिला को मिला और वह पहली महिला थी जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित । इन्होंने सन 1946 में तथा उसके बाद के कई वर्षों तक  UNO में भारत का प्रतिनिधित्व किया । इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र में किसी देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली यह पहली महिला थीं। संयुक्त राष्ट्र संघ में न केवल उन्होंने भरत का प्रतिनिधित्व किया बल्कि सन 1953 में वह संयुक्त महासभा की प्रथम निर्वाचित महिला अध्यक्ष भी बनी  ।

  • 13 . भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय  (भारतीय मूल की अमेकि महिला) महिला थीं । यही नहीं उन्होंने दो बार अंतरिक्ष यात्रा की थी, प्रथम बार 1996 व दूसरी और अंतिम बार 2003 में ।

  • 14.भारत की पहली महिला शिक्षिका

सावित्रीबाई फुले महिला  देश की पहली महिला शिक्षिका थी। उन्होंने 1948 में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला था । जहां पर वह स्वयं पढ़ाया करती थी । उनके इस प्रयास का समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन उन्होंने इस प्रकार के विरोध की परवाह नही करते  हुए 1848 से 1852 तक के वर्षों में लड़कियों के लिये  कई स्कूल खोल दिये। इनके जन्म दिन को ही प्रति वर्ष महिला शिक्षिका दिवस मनाया जाता है ।

  • 15. भारत की पहली महिला IAS

कालीकट में 1927 की जन्मी अन्ना राजम मल्होत्रा भारत की पहली महिला  है,जो 1950 में  सिविल सर्विस परीक्षा पास कर देश की पहली महिला IAS बनी थी। 

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