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राजस्थान सरकार के द्वारा केकड़ी क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक और पूर्व मंत्री डॉ रघु शर्मा की अनुशंसा पर विधानसभा केकड़ी के और अजमेर जिले के अंतिम छोर पर बसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पुरा महत्व का कस्बा बघेरा को बहुत बड़ी सौगात दी गई है। इस सौगात से बघेरा और आसपास के क्षेत्र की दशा और दिशा ही परिवर्तित हो जाएगी । ऐतिहासिक ,आध्यात्मिक धरोहर सुरक्षित होगी क्षेत्र का विकास होगा,लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे,पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, इसको लेकर आमजन में खुशी की लहर है।
- अजमेर जिले में इन दो जगहों का हुआ चयन
राजस्थान सरकार के द्वारा बजट 2022- 23 की बजट घोषणाओं के अंतर्गत बिंदु 105(1) कि अनुपालना में अजमेर जिले के दो पर्यटन स्थलों का विकास कार्य करवाए जाने बाबत चयन किया गया है। जिनमें किशनगढ़ के पास फूलसागर और अजमेर जिले के अंतिम छोर पर बसे हुए बघेरा कस्बे के विश्व प्रसिद्ध है वराह मंदिर का चयन हुआ है।
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- वराह मंदिर के चयन से हर्ष और खुशी का माहौल
काफी लंबे समय से ऐतिहासिक, आध्यात्मिक पुरा महत्व वाले बघेरा में विकास कार्य और पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की मांग उठ रही थी ।डॉ रघु शर्मा की अनुशंसा पर वराह मंदिर बघेरा का चयन किए जाने पर बघेरा और आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल है। लोग एक दूसरे को बधाइयां देकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं ।ज्ञात हो कि डॉ रघु शर्मा के पिछले कार्यकाल में भी वराह मंदिर विकास के लिए करीब 50 लाख रुपए के विकास कार्य हुए थे।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बघेरा में शुर वराह की एक अनुपम और अद्वितीय प्रतिमा वाला विश्व प्रसिद्ध मंदिर है । जब धर्म और आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन मंदिरों के महत्व के प्राचीन मंदिरों की बात होती है तो भूमि राजस्थान के अजमेर जिले में केकड़ी तहसील में बघेरा के नाम से प्रसिद्ध एक कस्बा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है । प्राचीन कला संस्कृति और सभ्यता को अपने में समेटे हुए यह छोटा सा कस्बा पौराणिक , आध्यत्मिक ऐतिहासिक प्राचीन और पुरातात्विक दृष्टि से एक अलग ही महत्व और स्थान रखता है ।
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- विकास की संभावनाओ को पंख लगने की है उम्मीद।
वराह मंदिर बघेरा का पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास कार्य के लिए चयन करने पर विकास की संभावनाओ को पंख लगने की उम्मीद है। ज्ञात हो कि बघेरा कस्बा जो कि एक ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और पूरा महत्व का कस्बा रहा है ,जहां पर विष्णु के तीसरे अवतार वराह अवतार का प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है जिसमे विशाल आकार में वराह की अद्वितीय और प्राचीन प्रतिमा है जो न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपना महत्व रखती है।
- क्षेत्र में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बघेरा कस्बे में तरफ वराह मंदिर है तो दूसरी तरफ अमर प्रेमी ढोला मारु का शादी का प्रतीक तोरण द्वार , ब्रह्माणी माता का प्रसिद्ध मंदिर, कल्याण मंदिर सहित अनेक मंदिर व ऐतिहासिक स्मारक है। पर्यटन की दृष्टि से वराह मंदिर का चयन होने पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं बढ़ावा मिलेगा।l
आज आवश्यकता है तो इसके पर्यटन के विकास की यह क्षेत्र और यह मंदिर पर्यटन क्षेत्र में शुमार टोडारायसिंह, बिसलपुर ,अजमेर , सवाई माधोपुर मार्ग पर पड़ता है यदि यहां विकास कार्य को अंजाम दिया जाए पर्यटकों की सुविधाओं के लिए विकास कार्य किया जाए तो निश्चित रूप से भारतीय संस्कृति और उसकी इस ऐतिहासिक और आध्यत्मिक धरोहर से हम देश-विदेश के नागरिकों को परिचित करवा सकते हैं साथ ही इस धरोहर को बचाया जा सकता है l क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे इसलिए आज राजस्थान के इस ऐतिहासिक आध्यात्मिक पौराणिक कस्बे और शुर वराह मंदिर बघेरा में पर्यटन विकास की दरकार है जो राजस्थान सरकार की इस घोषणा से साकार होती नजर आ रही है और यह क्षेत्र एक पौराणिक और आध्यात्मिक कस्बा रहा है जहां पर प्राचीन मंदिरों की भरमार है यहां खुदाई में पुरातात्विक सामग्री प्राप्त होती है
काश स्थानिय जनप्रतिनिधियो व स्थानिय प्रशासन की एक नजर ऐतिहासिक तोरणद्वार पर भी पड़ जाये तो अपना अस्तित्व खोने को मजबूर इस धरोहर को समय रहते बचाया जा सकता है।