15 अगस्त 2021 को भारत आपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है यानी कि आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 को लंबे संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद भारत अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था। जैसा कि आपको विदित है कि आजादी के साथ ही भारत का विभाजन भी हुआ था । बंटवारे के परिणामस्वरूप दो देश अस्तित्व में आए और दोनों ही देशों को एक साथ ही आजादी मिली थी।
- भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के तहत मिली थी आजादी
भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 जो कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली के समय 4 जुलाई 1947 को संसद में प्रस्तुत किया गया था और यह अधिनियम 18 जुलाई 1947 को पारित हो गया । इसी अधिनियम के तहत 15 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान दो नए स्वतंत्र राष्ट्र अस्तित्व में आए थे। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों ही देशों को एक साथ 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी और इसी दिन भारतीयों को सत्ता सौंपी गई थी । इसी के उपलक्ष में प्रतिवर्ष 15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
- पाकिस्तान मनाता है 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस
जैसा कि भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही दिन स्वतंत्र हुए थे और पाकिस्तान ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 को ही मनाया था लेकिन अगले वर्ष पाकिस्तान ने 15 अगस्त 1948 को पाकिस्तान ने स्वतंत्रता दिवस एक दिन पूर्व ही यानी कि 14 अगस्त 1948 को मनाया गया । इसके पीछे क्या वजह हो सकती है इस बारे में अलग-अलग विचार और मत देखने को मिलते हैं।
- 14 अगस्त को ही मनाने की यह बताई जाती है वजह
पाकिस्तान द्वारा 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने के पीछे अलग अलग वजह और कारणों का कयास लगाया जाता है । कई बार धार्मिक कारण को जोड़कर बताया जाता है कि 14 अगस्त 1948 को रमजान का 27 वा दिन था जो कि इस्लाम मे एक पाक दिन माना जाता है, और उस पवित्र दिन को यादगार बनाने के लिए 1948 में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को ही पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रा दिवस मनाना शुरू किया था । लेकिन सच्चाई यह है कि 14 अगस्त को न तो रमजान के पवित्र महीने का 27 वा दिन था और न हीं शुक्रवार था बल्कि उस दिन सप्ताह का गुरुवार का दिन और रमजान का 26 वा दिन था ।
इसके पीछे की एक वजह यह भी बताई जाती है जो कि एक सच्चाई लगती है कि आजादी के समय भारत के गवर्नर लॉर्ड माउंटबेटन थे । जब उन्होंने 15 अगस्त 1947 को सत्ता स्थानांतरण की घोषणा की तब तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड माउंट बेटन का भारत और पाकिस्तान दोनों जगह उपस्थित होना संभव नहीं था। इसलिए लॉर्ड माउंटबेटन ने एक दिन पूर्व ही 14 अगस्त 1947 को सुबह 9:00 बजे आयोजित समारोह में ही पाकिस्तान को सत्ता सौंपने दी। इसी तर्क के आधार पर पाकिस्तान के द्वारा स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया जाता है और स्वतंत्रता का तर्क दिया जाता है।
- भारत की स्वतंत्रता और बंटवारे की घोषणा
20 फरवरी 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने घोषणा की कि 30 जून 1948 से पहले ही भारत को सत्ता सौंप दी जाएगी । इस घोषणा के पश्चात देश में जगह-जगह खूनी संघर्ष हुए। इसी को देखते हुए ब्रिटेन ने लॉर्ड माउंटबेटन के परामर्श पर 15 अगस्त 1947 को ही सत्ता सौंपने का निर्णय किया था ।
बताया जाता है कि 15 अगस्त का दिन माउंटबेटन के लिए एक शुभ दिन और एक यादगार दिन था । लेकिन 15 अगस्त को सत्ता सौंपने के निर्णय का कई ज्योतिष शास्त्रियों ने विरोध किया और उसे अशुभ माना। लेकिन माउंट बेटन इस तारीख में परिवर्तन करने को तैयार नहीं थे । आखिरकार विचार विमर्श के द्वारा यह समाधान निकाला और निर्णय किया गया । इस निर्णय के तहत ही 14 अगस्त 1947 को रात्रि 12:00 बजे भारत पाकिस्तान दोनों देशों की स्वतंत्रता की घोषणा की गई स्वतंत्रता से पहले बंटवारे की घोषणा कर दी गई ।
घोषणा के पूर्व ही पाकिस्तान को सत्ता सौंपी गई इसी आधार पर पाकिस्तान ने उस दिन को अपना जन्मदिन व स्वतंत्रता दिवस मानकर 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना शुरू किया 14 अगस्त को पाकिस्तान द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने के पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण भी बताया जाता है कि पाकिस्तान यह साबित करना चाहता है कि उसे भारत से एक दिन पूर्व भी आजादी प्राप्त हो गई ।
- 14 अगस्त को मनाए जाने पर उठाए जाते हैं सवाल
पाकिस्तान के द्वारा 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने पर कई बार सवाल उठाये जाते है । क्योंकि भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 लागू ही 15 अगस्त 1947 को हुआ था तो उससे एक दिन पूर्व पहले ही पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न कैसे बना सकता है । कहा यह भी जाता है कि 14 अगस्त को भले ही सत्ता सौंप दी गई हो लेकिन यह सता सोपने का निर्णय तत्कालीन परिस्थितियों को देखकर लिया गया था।
- प्रधानमंत्री लियाकत अली ने लिया था निर्णय
पाकिस्तान के पहले मंत्रिमंडल की 29 जून 1948 को बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री लियाकत अली ने की और इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त को ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा । इस निर्णय पर मोहम्मद जिना की अनुमति मिलने के बाद से 14 अगस्त को ही पाकिस्तान के द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा है।
- 15 अगस्त को स्वतंत्र होने के यह है प्रमाण
पाकिस्तान को आजादी 15 अगस्त को ही मिली थी । इस बात का प्रमाण यह है । भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 कानूनन 15 अगस्त को लागू हुआ था और स्वतंत्रता के दस्तावेज 15 अगस्त को ही आजाद दिन का दिन साबित करते हैं ।
9 जुलाई 1948 को जारी पाकिस्तान के पहले डाक टिकट पर भी 15 अगस्त का ही उल्लेख है।
इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना ने भी अपने उद्बोधन में 15 अगस्त को ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस माना था।
अनेक लेखकों ने अपनी पुस्तकों में 15 अगस्त को ही पाकिस्तान का स्वतंत्र दिवस होना बताया है,।
14-15 अगस्त की आधी रात को 12:00 बजे दोनों देशों की आजादी का ऐलान हुआ और रेडियो पाकिस्तान पर भी इसका ऐलान हुआ था कि रात 12:00 बजे पाकिस्तान आजाद हो जाएगा
लेकिन पाकिस्तान 15 अगस्त के बजाय इस दिन की बजाय वह 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना कहां तक उचित है और कहां तक यह वैधानिक है।यह एक सोचने जरूर है।