भारतीय राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद को लेकर अक्सर सवाल लिए जाते रहे है कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन थी, पहली महिला राष्ट्रपति कौन थी ? उसी प्रकार अक्सर सवाल किया जाता रहा है कि अब तक देश में सिख राष्ट्रपति कौन हुए हैं।

आपको बता दे की पिछले 72 वर्षो में एक मात्र सिख व्यक्ति ने राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया है। आज इस आलेख के माध्यम से उनके जीवन राजनीतिक जीवन के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे निश्चित रूप से यह विद्यार्थियों,प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे उन प्रतियोगियों के लिए उपयोगी और सार्थक साबित होगा।

एक मात्र सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह:

ज्ञानी जेल सिंह देश के एकमात्र सिख राष्ट्रपति है जिनका कार्यकाल 25 जुलाई 1982 से लेकर 25 जुलाई 1987 तक था। इनका कार्यकाल पूरे 5 वर्षों का था। ये व्यक्तिक रूप से 07 वें और पद क्रम से 08 वें राष्ट्रपति है।

चुनाव में इनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी एच आर खन्ना थे इनको हरा कर राष्ट्रपति चुने गए और उन्होंने 25 जुलाई 1982 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। यह ऐसे राष्ट्रपति है जो राष्ट्रपति बनने से पहले उपराष्ट्रपति नहीं रहे।

ध्यातव्य: 12 जुलाई 1982 को चुनाव हुए थे और 15 जुलाई को वोटों की गिनती हुई तो सिंह 754,113 वोटों या 72.7 प्रतिशत के साथ विजेता बनकर उभरे, जबकि इनके प्रतिद्वंदी एच आर खन्ना को 282,685 वोट मिले।

  • राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले इन पदों पर रहे

गृह मंत्री: वे पहले सिख और साथ ही राष्ट्रपति बनने वाले पिछड़ी जाति के पहले व्यक्ति थे। राष्ट्रपति बनने से पहले यह इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में देश के गृह मंत्री थे।

गुट निरपेक्ष: सन1983 से 1986 तक गुट निरपेक्ष आंदोलन के अध्यक्ष रहे और राष्ट्रपति रहते हुए उनके कार्यकाल में ऑपरेशन ब्लू स्टार ऑपरेशन चलाया गया था, इंदिरा गांधी की हत्या और 1984 के सिख-विरोधी दंगे जैसी घटनायें भी उन्ही के कार्यकाल में हुई।

वीटो पॉवर: 1986 में उन्होंने राजीव गांधी द्वारा पारित भारतीय डाकघर (संशोधन) विधेयक के संबंध में पहली बार पॉकेट वीटो का प्रयोग किया।

ध्यातव्य इनके कार्यकाल के दौरान इंदिरा गांधी देश की प्रधान मंत्री थी। इनके अंग रक्षकों द्वारा इनकी हत्या के बाद इनके बेटे राजीव गांधी को प्रधान मंत्री बनाया गया था।

ध्यातव्य: राष्ट्रपति बनने से पहले इंदिरा गांधी जब प्रधान मंत्री बनी तब 14 जनवरी 1980 – 22 जून 1982 तक केंद्र में गृह मंत्री बनाया गया, और इससे पहले सिंह 17 मार्च 1972 – 30 अप्रैल 1977 तक पंजाब के मुख्य मंत्री रहे।

मंत्री और मुख्यमंत्री: सर्वप्रथम 1949 में उन्हें पंजाब प्रान्त में राजस्व मंत्री नियुक्त किया एवं वर्ष 1951 में उन्हें कृषि मंत्रालय दिया गया। सांसद : 3 अप्रैल 1956 से 10 मार्च 1962 तक वो राज्य सभा सदस्य रहे।

  • ज्ञानी जैल सिंह का जीवन परिचय

ज्ञानी ज़ैल सिंह जिनका बचपन का नाम जरनैल सिंह था इनका जन्म ब्रिटिश भारत के फरीदकोट राज्य (वर्तमान पंजाब में) के ग्राम संघवान में 5 मई 1916 को हुआ था और इनके पिता का नाम किशन सिंह एवं माता का नाम इंद्रा कौर था।

शिक्षा: जहां तक इनकी शिक्षा की बात करे तो आपको बता दे कि ये ज्यादा पढ़े लिखे नही थे यहां तक कि इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं की। इसे राष्ट्रपति है जो अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर सके।

इसमें थी रुचि : इनको हरमोनिया बजाने में रूचि थी और इन्होंने गुरु के पास रह कर हरमोनियम बजाना भी सीखा था। गुरुग्रंथ साहब के ‘व्यावसायिक वाचक’ बन गए। इसी कारण इन्हें ‘ज्ञानी’ की उपाधि मिली।

मृत्यु: ज्ञानी ज़ैल सिंह का निधन 25 जुलाई 1994 को एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के कारण करी 78 वर्ष की आयु में हो गया।

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