भारत एक राज्यों का संघ है (अनुच्छेद 01) इसके साथ-साथ भारतीय संघ में अपने केंद्र शासित प्रदेश भी है केंद्र शासित प्रदेश क्या है ? इनकी संख्या कितनी है ? इनकी संख्या को लेकर हाल ही में बड़ा बदलाव हुआ है। क्योंकि जम्मू कश्मीर एक राज्य/प्रांत श्रेणी में था जिसे दो भागों में विभाजित करके केंद्र शासित प्रदेश(जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख) का दर्जा दे दिया गया है।

ध्यातव्य: अगस्त 2019 में भारत की संसद द्वारा पारित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा समाप्त कर के साथ-साथ राज्य का दर्जा समाप्त कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।

ध्यातव्य: केंद्र शासित प्रदेशों की तरह ही स्वतंत्रता के समय भी चीफ कमिश्नर प्रांत हुआ करते थे,जिनकी संख्या चार (04) थी… अजमेर मेरवाड़ा, ब्लूचिस्तान, कुर्ग और दिल्ली। विभाजन के पश्चात बलूचिस्तान भारत से अलग हो गया।

केंद्र शासित प्रदेश क्या है ?

ऐसे प्रदेश, ऐसे क्षेत्र जिनका शासन सीधे ही केंद्र सरकार के नियंत्रण में होता है,केंद्र शासित प्रदेश कहलाते हैं। ऐसे प्रदेश स्वतंत्रता से पूर्व यानी की अंग्रेजी शासन काल में भी थे और वर्तमान समय में भी है, हालांकि स्वतंत्रता से पूर्व अंग्रेजी शासन काल में ऐसे प्रदेशों/क्षेत्रों को चीफ कमिश्नर प्रांत कहा जाता था।

केंद्र शासित प्रदेश निर्माण के कारण

केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाए जाते हैं? उनकी आवश्यकता क्या होती है ?तो आपको बता दें कि भौगोलिक,राजनीतिक और प्रशासनिक तथा सांस्कृतिक कारणों से ऐसे प्रदेश बनाए जाते हैं।

केंद्र शासित प्रदेश की संख्या और नाम

भारत में वर्तमान में 28 राज्य/प्रांत और आठ(08) केंद्र शासित प्रदेश है। जिनमे दिल्ली, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़,अंडमान निकोबार दीप समूह,पांडिचेरी, लक्षदीप, दादर व नागर हवेली तथा दमन और दीप।

ध्यातव्य: राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट जो 1955 में जारी की गई थी उसमे 16 राज्यों और तीन(03)केंद्र शासित प्रदेशों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अंतर्गत कुल 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश गठित किए गए थे।

ध्यातव्य:दिसंबर 1953 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन सैयद फजल अली की अध्यक्षता में किया था ज्ञात हो कि फजल अली उस समय उड़ीसा के राज्यपाल थे। इस आयोग को फजल अली आयोग कहा जाता है।

ध्यातव्य: राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।

ध्यातव्य: जम्मू कश्मीर,राज्य श्रेणी में था हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य का विभाजन करके इसे दो भागों में (जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में) करके इन दोनो को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया है।

ध्यातव्य: केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन सीधे ही केंद्र सरकार के अधीन होता है जो प्रशासक या उपराज्यपाल के माध्यम से संचालित किया जाता है।

केंद्र शासित प्रदेश और उनकी राजधानी

वर्तमान (2023) में भारत में कुल आठ(08) केंद्र शासित प्रदेश है जिनकी अपनी राजधानी है जो निम्न प्रकार से हैं…..

1 दिल्ली-दिल्ली

2 चंडीगढ़- चंडीगढ़

3 लक्षद्वीप- कवारती

4 पांडिचेरी(पुडुचेरी)- पुदुचेरी

5 अंडमान निकोबार – पोर्ट ब्लेयर

6 जम्मू कश्मीर -श्री नगर

7 लद्दाख -लेह

8 दादर व नागर हवेली तथा दमन दीप – दमन

इन केंद्र शासित प्रदेशों में है विधानसभा

भारत में स्थित कुल आठ (8)केंद्र शासित प्रदेशों में से तीन केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिनकी अपनी विधानसभा(विधान मंडल) है और मुख्यमंत्री भी है ।

ध्यातव्य: वर्तमान समय में भले ही 28 राज्य हो लेकिन भारत में कुल विधानसभाओ की संख्या 31 है,क्योंकि 28 राज्यों की अपनी अपनी विधानसभा हैं साथ ही इसके अतिरिक्त तीन केंद्र शासित प्रदेश में भी अपनी विधानसभा है।

1.दिल्ली विधान सभा : दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश की अपनी विधानसभा है,जिनके सदस्यों की संख्या 70 है। ज्ञात हो कि 69वें संविधान संशोधन 1991 के द्वारा दिल्ली में 70 सदस्यीय विधान सभा और 7 सदस्यीय परिषद दिल्ली के लिए भी प्रावधान था और पहला विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ था । हालांकि वर्तमान में दिल्ली में विधान परिषद का प्रावधान नहीं है।

2.जम्मू कश्मीर विधान सभा: नवनिर्मित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर एक ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है जिसकी भी अपनी अलग विधानसभा है जिसकी वर्तमान में सदस्य संख्या 87 है। अगस्त 2019 में भारत की संसद द्वारा पारित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा विधान मंडल को एक सदनात्मक बना दिया गया है।

3.पुडुचेरी विधान सभा : पांडिचेरी(पुडुचेरी) की भी अपनी विधानसभा है जो 1963 में बनी थी(14वा संविधान संशोधन विधेयक, 1962 द्वारा) और जिसकी सदस्य संख्या 30 है। इसके अतिरिक्त इस विधानसभा में तीन सदस्य मनोनीत होते हैं।

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