राजस्थान विधानसभा चुनाव (2023) में भारतीय जनता पार्टी को मिले अपार बहुमत के पश्चात जिस प्रकार से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चयन किया गया वह हर किसी को आश्चर्यचकित कर देने वाला है। भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के साथ-साथ दो उप मुख्यमंत्री को भी शपथ दिलाई गई है।
विद्याधर नगर जयपुर से विधानसभा सदस्य राजकुमारी दिया कुमारी तथा दूदू विधानसभा क्षेत्र से डॉ प्रेम चन्द बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।प्रेमचंद बेरवा जिन्होंने हाल ही में 15 दिसंबर 2023 को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है।
ध्यातव्य: राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने इनको शपथ दिलाई।
डॉ प्रेमचंद बैरवा कौन है ? इनका सामाजिक और राजनीतिक जीवन के बारे यह आलेख आपके लिए निश्चित रूप से आपके लिए उपयोगी होगा।
डॉ प्रेम चन्द का जन्म और प्रार्भिक जीवन: राजस्थान के जयपुर जिले(अब नवीन दूदू )जिले की मोजमाबाद तहसील के एक छोटे से ग्राम श्रीनिवास पुरा में 31 अगस्त 1969 को एक साधारण किसान परिवार में जन्मे डॉक्टर प्रेमचंद बेरवा,शांत स्वभाव सहज व्यक्तित्व के धनी हैं।साधारण किसान परिवार में जन्मे प्रेमचंद बैरवा ने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे।बचपन में अपनी मां को खो दिया।
अपनी करीब 12 वर्ष की आयु में ही इन्होंने अपनी माता को खो दिया। भाई चिरंजी लाल के साथ परिवार के अन्य सदस्यों ने इनका लालन पालन किया।
शिक्षा: इनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के ही समीप छाग गांव में हुई। अपने गांव में स्कूल नहीं होने के कारण आठवी तक की शिक्षा प्रेम चन्द 03 किलो मीटर दूर छाग गांव अध्ययन के लिए पैदल ही जाया करते थे। आठवी के बाद मोजमाबाद साइकिल से जाया करते थे। इन्होंने कठोर मेहनत और विपरीत परिस्थितियों होने के बावजूद भी की इन्होंने एमफिल और एचडी तक की शिक्षा प्राप्त की,और शांत और सहज,सरल स्वभाव के धनी का व्यक्ति प्रेमचंद, उप मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बेरवा बन गए।
किसान के रूप में : शुरुआत में खेतो पर कार्य किया,ट्रेक्टर चलाया, खेतो पर मजदूर की तरह किसानी की था तक की प्रारंभ में उन्होंने खेतो पर बकरिया भी चराई रही।।
टेलर के रूप में कार्य: कुछ समय तक इन्होंने जयपुर में रहकर सिलाई का कार्य भी किया जहां पर ये निवास से दुकान तक अपने साथियों के साथ साइकिल से आवागमन किया करते थे ।
LIC एजेंट के रूप में ::इसके अतिरिक्त इन्होंने लिक एजेंट के रूप में भी लगभग 10 से 12 वर्षों तक कार्य किया अपने सहज और सरल स्वभाव के कारण इन्होंने लिक एजेंट के रूप में अपनी एक नई पहचान भी बनाई।
राजनीतिक जीवन: विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे और 1995 में दूदू ब्लॉक संगठन में कार्य किया और एस सी मोर्चा जयपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष भी रहे।
इसके अतिरिक्त सन 2000 में जिला परिषद के वार्ड नंबर 15 से जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए यही से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत होती है।
पहली बार बने विधायक: भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ जयपुर जिला अध्यक्ष और भाजपा मंडल अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने अपनी जनता की सेवा की। उनकी सेवाओं का ही परिणाम था कि सन 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने इनको विधानसभा चुनाव में दूदू से अपना उम्मीदवार बनाया जहां से जीत कर यह पहली बार विधायक बने।
दूसरी बार हुई हार: सन 2018 में में भी भाजपा ने इनको फिर से विधान सभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन इनको हार का सामना करना पड़ा।
दूसरी बार बने विधायक: भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही(2023) में इन पर फिर से विश्वास जताया है और 2023 में 16वीं विधानसभा चुनाव में दूदू से इनको फिर से उम्मीदवार बनाया जहां पर कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को बड़े अंतर 35 हजार से भी अधिक मतों के साथ पराजित किया और इनका राजनीतिक सफर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री तक पहुंचा।
ध्यातव्य: डॉ प्रेम चन्द बैरवा एक दलित उप मुख्यमंत्री है।
ध्यातव्य: डॉ प्रेमचंद बैरवा 54 वर्ष की आयु में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री बने हैं।