बघेरा केवल एक कस्बे का नाम ही नही,धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,आज समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है,
बघेरा केवल एक गाँव का नाम ही नही धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है, वक़्त बदलता है वक़्त के साथ जरूरते…
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के गुनहगार कौन है ?
गुनहगार हो गए टीजीटी 2012 वाले शिक्षित बेरोजगार अधिक अंक लाकर पिछली कांग्रेस सरकार के द्वारा पंचायती राज विभाग के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 की गई थी…
गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई
गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई फ़ोटो में दिख रही है इस छोटी सी …
कुछ इस तरह मनाई ससुराल में पहली होली
होली से जुड़ा एक संस्मरण……….* कुछ यूँ मनाई मित्र के साथ ससुराल की पहली होली *.कहते हैं आज त्यौहार के रंग फीके हो गए सच यह है जनाब कि आज…
बघेरा में कहां है ? तारा देवी की प्रतिमा
ब्रह्माणी माता मंदिर में “तारा देवी” की प्राचीन प्रतिमा भी विराजमान है जिसका नवरात्रा में पूजा और कथा सुनने की रही है परंपरा। ————————————————- ऐतिहासिक और पौराणिक बघेरा नगरी में ब्रह्माणी…
अनपूर्णा देवी बघेरा-जहाँ पहला भोग अनपूर्णा देवी को लगाए जाने की रही है परंपरा।
ब्रह्माणी माता मंदिर परिसर बघेरा में अनपूर्णा देवी की प्रतिमा होना रखती है आध्यात्मिक महत्व ,पहला भोग अन्नपूर्णा देवी के लगाए जाने की परंपरा रही है ————————————————- ऐतिहासिक…
विश्व पृथ्वी दिवस:कैसे चुकाये धरती मां का कर्ज
22 अप्रेल – पृथ्वी दिवसधरती ने हमे दिया सब कुछ,वक़्त हैं हम भी तो देना सीखे ———————————————— इस मिट्टी का कर्ज था मुझ पर मैंने वह कर्ज उतारा एहसान…
विश्व पुस्तक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
“माना तू टुकड़ा ही सही एक कागज का लिखा जाता है उसी पर इतिहास दुनिया का,कागज कागज को मिलाकर किताब बनती है तासीर हो कलम में तो किताब कालजयी बनती है “ कब…
पंचायतो के लिये बने मास्टर प्लान तभी हो सकता है गांधी के राम राज्य की स्थापना का सपना साकार
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल —————————————————हर ग्राम पंचायत की आवश्यकतानुसार वार्षिक या पंचवर्षीय योजना का निर्माण होपंचायत राज विभाग द्वारा हर ग्राम पंचायत की आवश्यकता को मध्य नजर…
महावीर जयंती:महावीर स्वामी का जन्म कब हुआ था ? भगवान महावीर के विचारों की प्रासंगिकता
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी समाज में रहकर ही उसका सामाजिकरण होता है उसी समाजीकरण की प्रक्रिया के दौरान उसे अनेक प्रकार के सामाजिक आयामो से रूबरू होना पड़ता है और…