बघेरा में है “मौलश्री का ऐतिहासिक पेड़” इसका धार्मिक महत्व क्या है?
ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व वाला बघेरा कस्बा जो कि केकड़ी जिले में ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इमारतों /मंदिरों/स्मारक के दृष्टिकोण से महत्व रखने वाला कस्बा है आज हम बात करते है…
बघेरा गाँव की धरती मूर्तियां और इतिहास उगलती है।
जहां जहां तहां रखी हुई ऐतिहासिक,धार्मिक वस्तुएं/कलाकृतियां हमारी अमूल्य धरोहर है ये हमें हमारी सभ्यता संस्कृति व धर्म और इतिहास को याद दिलाती है हमारा दायित्व है कि हम उसे…
बेटी के चरण धोकर पिया,दिया समाज की एक संदेश
समाज के चन्द लोगों की सोच और प्रयासों से ही जीवंत है हमारी संस्कृति और हमारे सांस्कृतिक मूल्य, चलो एक बार फिर उन्हें जीवंत करते हैं। सनातन संस्कृति…
बघेरा केवल एक कस्बे का नाम ही नही,धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,आज समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है,
बघेरा केवल एक गाँव का नाम ही नही धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है, वक़्त बदलता है…
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के गुनहगार कौन है ?
गुनहगार हो गए टीजीटी 2012 वाले शिक्षित बेरोजगार अधिक अंक लाकर पिछली कांग्रेस सरकार के द्वारा पंचायती राज विभाग के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 की गई थी…
गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई
गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई फ़ोटो में दिख रही है इस छोटी सी …
कुछ इस तरह मनाई ससुराल में पहली होली
होली से जुड़ा एक संस्मरण……….* कुछ यूँ मनाई मित्र के साथ ससुराल की पहली होली *.कहते हैं आज त्यौहार के रंग फीके हो गए सच यह है जनाब कि आज…
बघेरा में कहां है ? तारा देवी की प्रतिमा
ब्रह्माणी माता मंदिर में “तारा देवी” की प्राचीन प्रतिमा भी विराजमान है जिसका नवरात्रा में पूजा और कथा सुनने की रही है परंपरा। ————————————————- ऐतिहासिक और पौराणिक बघेरा नगरी में ब्रह्माणी…
अनपूर्णा देवी बघेरा-जहाँ पहला भोग अनपूर्णा देवी को लगाए जाने की रही है परंपरा।
ब्रह्माणी माता मंदिर परिसर बघेरा में अनपूर्णा देवी की प्रतिमा होना रखती है आध्यात्मिक महत्व ,पहला भोग अन्नपूर्णा देवी के लगाए जाने की परंपरा रही है ————————————————- ऐतिहासिक…
विश्व पृथ्वी दिवस:कैसे चुकाये धरती मां का कर्ज
22 अप्रेल – पृथ्वी दिवसधरती ने हमे दिया सब कुछ,वक़्त हैं हम भी तो देना सीखे ———————————————— इस मिट्टी का कर्ज था मुझ पर मैंने वह कर्ज उतारा एहसान…