बुजुर्गों की उपेक्षा क्यों ?इसको एक परंपरा बनने से रोकना होगा ।
भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार प्रथा एवं परिवार में बुजुर्गों के सम्मान के लिए विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है दूसरी तरफ आज के इस भौतिकवादी युग में भारतीय…
पंचायतों के लिए एक वर्षीय और पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण की आवश्यकता
लोकतंत्र की पाठशाला कहलाने वाले पंचायती राज की चुनाव का दौर शुरू से कुछ गांव की सरकार चुनी गई कुछ गांव में अब चुना जाना है लोकतंत्र…
केकड़ी जिले के बघेरा गांव में भी है अजंता एलोरा जैसी कलाकृतियां (अस्तल मंदिर)
राजस्थान के केकड़ी जिले मे बघेरा तहसील में बघेरा के नाम से प्रसिद्ध एक छोटा सा कस्बा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है प्राचीन कला संस्कृति और सभ्यता…
अलखिया का देवरा बघेरा का सम्बन्ध कही अलखिया संप्रदाय से तो नही !
धोरा की धरती राजस्थान के अजमेर जिले के अंतिम छोर पर बसे एक ऐतिहासिक और पौराणिक कस्बा बघेरा जिसे कभी व्याघ्रपादपुर के नाम से जाना जाता था ।इस कस्बे में…
ब्रह्माणी माता मंदिर कहा है ? ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व रखता है बघेरा का ब्रह्माणी माता मंदिर धाम
राजस्थान के अजमेर जिले में केकड़ी तहसील में बघेरा के नाम से प्रसिद्ध एक कस्बा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है प्राचीन कला संस्कृति और सभ्यता को अपने में…
केकड़ी जिले का बघेरा गाँव जहाँ ढोला मारू की प्रेम गाथा आज भी जीवंत हैं
राजस्थान की वीर प्रसूता धरा शौर्य के साथ प्रेम और बलिदान की गाथाओं से भी भरी है। प्रेमी युगल ढोला-मारू के प्रेम और समर्पण की कथा राजस्थानी लोक गीतों…
बघेरा में विष्णु के दशावतार भगवान वराह की अद्वितीय प्रतिमा है
हमारा देेश और प्रदेश आध्यात्मिकता, पौराणिकता और ऐतिहासिकता को समेटे हुए है हजारों- वर्षो से यही परंपरा चली आ रही है युगों- युगों से धर्म ओर आध्यात्मिकता तथा धार्मिक ओर…
नियति अपनी अपनी-एक प्रेरणादायक कहानी।
आखिर कुत्ता है तो भोकेगा ही, राहगिर को तो अपनी राह पर चलते रहना है। एक वह दोर था ,जमाना था बचपन का जब स्कूल में पढ़ा करते थे तब गुरु जी…
केकड़ी जिले के इस गांव में है,सूर वराह और नर वराह की अद्वितीय और ऐतिहासिक प्रतिमायओ का अनूठा संगम।
राजस्थान के केकड़ी जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित और ऐतिहासिक,पौराणिक धार्मिक कस्बा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है बल्कि इसकी ऐतिहासिकता, आध्यात्मिकता, और पौराणिकता को अपने…
लॉक डाउन ने कर दिया “मजदूर को मजबूर “
” यह मजदूर का हाथ है कातिया यह ताकत खून पसीने से कमाई हुई रोटी की है जो लोहे को पिघलाकर उसका आकार बदल देता है “जी एक दम सही सुना…