
भारतीय खेल जगत के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है 7 अगस्त 2021 का दिन । इस दिन को खेल के इतिहास में हमेशा याद किया जायेगा । टोक्यो(जापान) ओलंपिक में देश के होनहार और महान खिलाड़ियों ने खेल जगत में भारत का नाम रोशन किया है । टोक्यो (जापान) ओलंपिक गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है । इसी शानदार प्रदर्शन के बीच एक गौरवान्वित करने वाली खबर आई कि भारत के जाने माने ऐथलीट 23 वर्षीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने एथलीट में स्वर्ण पदक जीत कर खेल जगत के इतिहास में इतिहास रच दिया है । ज्ञात ही कि नीरज चोपड़ा ने यह पदक जीत कर लगभग 13 वर्षों का वनवास दूर कर दिया है
- 100 वर्षों में ट्रैक ऐंड फील्ड से पहला मेडल
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का सपना पूरा कर दिया है । नीरज का यह पहला ओलंपिक है । इन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर तक जेवलिन फेंक कर मेडल जीता हैं ।
इसके अतिरिक्त यह दिन महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि इससे पहले किसी भी भारतीय ने इस प्रतिस्पर्धा में कोई मैडल नहीं जीता था । ज्ञात हो कि यह भारतीय ओलिंपिक इतिहास में 100 वर्षों में ट्रैक ऐंड फील्ड से पहला मेडल है। यह ओलंपिक में व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में आज का यह दूसरा पदक है ज्ञात हो कि इससे पहले सन् 2008 में शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था ।
- जैवलिन थ्रो में आने की कहानी उनके चाचा की जुबानी
हरियाणा के गांव में एक किसान के बेटे नीरज चोपड़ा का इस खेल में आने की भी एक प्रेरणादायक कहानी है । इस क्षेत्र में उनका अचनाक से जेवलिन थ्रो मे आना हुआ था । नीरज चोपड़ा जिम जाया करते थे जहां पास ही में एक स्टेडियम था । जहां वह टहलने के लिए चले जाया करते थे ।
एक दिन स्टेडियम में एक कोच के निर्देशन में कुछ लड़के जैवलिन थ्रो कर रहे थे नीरज वहां के गए और बड़ी गंभीरता स्व देखने लगे तब पास में ही खड़े कोच ने कहा कि आओ जेवलिन थ्रो करने को बोला और कहा कि देखते हैं आप कितना दूर तक थ्रो कर पाते हैं । नीरज ने सहजता से ही उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया । कोच में देखा कि उनका थ्रो काफी दूर तक हुआ है कोच में उनके इस थ्रो को देखकर उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने को कहा । बस यही से उनकी यात्रा शुरू होती है इसके बाद उन्होंने कुछ दिनों के लिए वही ट्रेनिंग ली और उसके बाद फिर वो पंचकूला में चले गए और वहां रनिंग करने लगे ।
- अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत चुके हैं 7 मैडल
अचानक ही जेवलिन थ्रो मे कदम रखने वाले नीरज की शुरू हुई यात्रा ओलम्पिक में स्वर्ण पदक तक पहुंच गई।नउन्होंने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड कायम किया था । इसके बाद भी वह रियो में क्वालीफाई नहीं कर पाए थे । इसके बाद नीरज को सेना नायब सूबेदार का पद दिया गया। 2018 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीते । 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में मैडल जीता, 2017 में एशियन प्रतियोगिता (भवनेश्वर) में, 2016 में गुहाटी दक्षिणी एशियाई खेल, सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं ।अब एक बार फिर से टोक्यो ऑलम्पिक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया हैइज उनका 7 वा मैडल है।
जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा अपने देश का नाम रोशन किया है, वहीं यह सेना में सूबेदार के पद पर रहकर देश की सेवा भी कर रहे हैं।
- खुशी के साथ बधाईयों का सिलसिला जारी
नीरज के गोल्ड जीतने पर जहां पूरे देश मे खुशी कि लहर है वही बधाइयों को तांता लग गया है ।सोशल मीडिया हो या समाचार चैनल,टी वी, सब जगह चर्चा का विषय बना है । लोग जश्न मना रहे है । नीरज के स्वर्ण पदक जितने पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा आपके गोल्ड ने बाधाओं को तोड़ते हुए इतिहास रच दिया है। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टोक्यो में इतिहास रचा गया और नीरज चोपड़ा आज आपने जो हासिल किया उसे हमेशा याद रखा जाएगा । इसके अतिरिक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि टोक्यो में हरियाणा के छोरे ने लठ गाड़ दिया ।
पुरे देश को ऐतिहासिक जीत की खुशी है, साथ ही नीरज चोपड़ा को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।