
बघेरा में स्वचालित /सेंसर वाला कांच का गेट बन रहा है आकर्षण का केंद्र/ सेंसर के आधार पर काम करता यह गेट जो भक्तों के सामनेेे आते ही स्वत ही खुल जाता है और स्वत ही बंद भी हो जाता है।
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बघेरा – अजमेर जिले के केकड़ी तहसील का धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक कस्बा बघेरा हमेशा चर्चा का केंद्र रहता आया है, कभी अपनी प्राचीनतां, कभी ऐतिहासिक मंदिरों के कारण तो कभी उच्चक्वालिटी के पैंथर ग्रेनाइट के कारण,कभी धार्मिक और आध्यात्मिक, सांस्कृतिक गतिविधि के कारण लेकिन आज एक बार फिर बघेरा चर्चा का विषय बना हुआ है।
- क्लास के सेंसर वाला स्वचालित गेट
बघेरा के बाईपास स्थित काली पहाड़ी के पास धर्म और अध्यात्म का केंद्र ब्रह्माणी माता शक्तिपीठ मंदिर एक बार फिर चर्चाओं में है,वजह यह है कि ब्राह्मणी माता मंदिर धाम जहाँ हमेशा ही भक्तों का तांता लगा रहता है और जन-जन की आस्था का केंद्र बना हुआ है ,विशेषकर नवरात्रों के समय। बताया जाता है कि ब्रह्माणी माता मंदिर के मुख्य द्वार पर ” ग्लास का स्वचालित सेंसर वाला गेट” लगाया गया है जो भक्तजनों और ग्रामीण जनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । यह स्वचालित सेंसर वाला ग्लास का गेट स्वत ही सेंसर के आधार पर खुलता है और बंद हो जाता है । हाल ही में जयपुर से आए हुए मिस्त्रीयो ने मंदिर में इस स्वचालित सेंसर के ग्लास वाले गेट को मंदिर के मुख्य द्वार पर लगाया है।
- बघेरा का क्षेत्र में अपनी तरह का पहला सेंसर वाला गेट है
ब्रह्माणी माता मंदिर में लगाए गए स्वचालित सेंसर ग्लास का गेट इसलिए भी विशेष बन जाता है क्योंकि बताया जाता है कि इस तरह का यह सेंसर वाला गेट क्षेत्र में विशेषकर केकड़ी, सरवाड़,सावर,मालपुरा और आसपास के क्षेत्र में इस तरह का यह पहला स्वचालित सेंसर ग्लास गेट है जो लोगों की आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । ब्रह्माणी माता मंदिर धाम कमेटी के सदस्य पंडित बच्छराज शर्मा ने बताया कि बघेरा निवासी भामाशाह, रानी के भक्त श्री ज्ञानचन्द सिंघल के द्वारा इस गेट को लगवाया है । ब्रह्माणी माता मंदिर धाम कमेटी के अध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद उपाध्याय एवं कमेटी के सभी सदस्यों ने उनका तहे दिल से आभार व्यक्त किया है।