देश व प्रदेश में शैक्षणिक तथा औद्योगिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध कोटा नगरी की पहचान अब रिवर फ्रंट के नाम से होने लगी है। चंबल नदी के किनारे पर बने पर्यटन स्थल को रिवर फ्रंट के नाम से जाना व पहचाना जाने लगा है।

हाल ही में हुआ था उद्घाटन

बताया जाता है कि कोटा में करीब 1400 करोड़ से बने रिवर फ्रंट का हाल ही में उद्घाटन हुआ था जिसके बाद से ये स्थल पर्यटन का महत्त्वपूर्ण केंद्र बिंदु बनकर सामने आने लगा है। दावा किया जा रहा है कि ये रिवर फ्रंट अकेले 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाने का हकदार माना जाता है ।

करीब साढ़े पांच किलोमीटर एरिया में फैला यह रिवर फ्रंट वसुधैव कुटुंबकम थीम पर तैयार हुआ है और इस रिवर फ्रंट में 22 घाट है। इन सभी घाट की अलग-अलग कहानी है।

दो सो रुपए का लगता है टिकिट

इस रिवर फ्रंट का भ्रमण करने के लिए पर्यटनों से मात्र दो सौ रूपये का टिकिट लिया जा रहा है। यहाँ बनी चंबल माता की प्रतिमा भी एक विश्व रिकॉर्ड बनाती है।

संगमरमर से बनी 242 फीट की मूर्ति अपनी तरह की पहली मूर्ति है। इसमें कलश में से एक घंटे में 7 लाख लीटर पानी गिरेगा।इसके साथ ही पंडित जवाहर लाल नेहरू का फेस मास्क भी जवाहर घाट पर पर बनाया गया है जो विश्व में पंडित जवाहर लाल नेहरू का गनमेटल से बना विश्व का सबसे बड़ा मुखौटा लगाया गया है। फेस मास्क 12 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा है।नेहरू जी ने ही कोटा बैराज का लोकार्पण किया था। इस फेस मास्क से रिवर फ्रंट का पश्चिमी छोर देखा जा सकता है।रिवर फ्रंट की और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि नंदी घाट है यहां जोधपुर पत्थर से 1 हजार टन वजनी 20 फीट ऊंची नदी की प्रतिमा लगाई गई है।

अधिकारियों का दावा है कि यह एक सिंगल पत्थर पर बनाई गई है जो काफी दूर से ही नजर आ जाती है। ये प्रतिमा 15 फीट चौड़ी व 20 फीट ऊंची है।ब्रह्मा घाट-यहां सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है।इसे बनाने वाले इंजीनियर देवेंद्र आर्य ने 6 रिकॉर्ड बनने का दावा किया है।

बताया जा रहा है कि इसकी आवाज 8 किमी दूर तक सुनाई देगी। इस घंटे में अकेले पांच रिकॉर्ड- जॉइंट लेस चैन की कास्टिंग,नॉन फेरस की एक बार में कास्टिंग, सबसे बड़ा घंटा होने का रिकॉर्ड,एक जगह पर 35 भट्टियां मेटल कास्टिंग के लिए होना, 250 टन वजनी मोल्डिंग बॉक्स पहली बार उपयोग में लिया गया।

रिवर फ्रंट की लंबाई कितनी है ?

रिवर फ्रंट के दो हिस्से हैं और दोनों छोर करीब 2.75 किलोमीटर का है यानी करीब साढ़े पांच किलोमीटर का ये पूरा एरिया है। यहां करीब 22 घाट और अलग-अलग स्ट्रक्चर है और दुनिया के अलग अलग देशों की प्रसिद्ध इमारतों के प्रतिरूप/स्ट्रक्चर बने है जो हर किसी का ध्यान आकर्षित नकारते है। इस पूरे रिवर फ्रंट को देखने में करीब 2 दिन का समय लगेगा।

पैदल घूमने का अंदाज हो कुछ और है पर अगर आप पैदल चलने में असमर्थ है तो चिंतित न हो आपके लिए बहुत ही कम चार्ज पर ई रिक्शा का मजा आप ले सकते है।

इसके अतिरिक्त यहां की लाइटिंग,फव्वारे और राजस्थानी कलाकारों द्वारा राजस्थानी कला संस्कृति को दर्शाते नृत्य, नाट्य की शानदार प्रस्तुतियां देखते ही बनती है जो शाम से ही शुरू हो जाती है। पर्यटकों के लिए विशेष सुविधा रहती है जिसके अनुसार यहां एक बार में 10 से 15 हजार लोग घूमने आ सकेंगे। इनके लिए यहां करीब 30 गोल्फ कार्ट लगाई गई है।

सिक्योरिटी के लिए रिवर फ्रंट के दोनों छोर पर 189 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड को मिलाकर 400 लोग यहां तैनात हैं जो हमेशा मुस्तैद रहते है।

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