🎂 पिछले कुछ दिनों से शहर हो या कस्बा हो या छोटा गांव जन्मदिन मनाने की एक अलग ही संस्कृति विकसित हो गई है निश्चित रूप से जन्मदिन खुशी का मौका है खुशियां मनाने चाहिए क्योंकि आज की भागदौड़ की जिंदगी में हर कोई खुशी के मौके को यूं ही व्यर्थ  नहीं करना चाहता वह मौके ढूंढता है खुश रहने के लेकिन पिछले दिनों से एक अजीब ही प्रकार से जन्मदिन मनाने की परांपरा अपने जीवन का हिस्सा बन रहा है ।

जन्मदिन मनाये पर….
   जन्मदिन बधाई ओर खुशी का मौका  उसे खुशी के साथ सेलिब्रेट  वरना  आपका अपना अधिकार है  आखिर क्यों न मनाएं  जन्मदिन की खुशियां  लेकिन  जन्मदिन के मौके पर  आज एक अजीब सी संस्कृति और तरीक़े बदलाव आ गए हैं । केक काटो संस्कृति ।केक होता है खाने के लिए अपने मित्रों ,अपने परिजनों अपने शुभचिंतकों के खाने और खिलाने के लिए लेकिन उसी केक को बर्थडे बॉय के चेहरे पर लपेट दिया जाता है। मित्र केक काटते ही टूट पड़ते है बर्थ डे बॉय/गर्ल के चहरे पर उसे लपेटने के लिए । उस खाने की वस्तु को व्यर्थ कर दिया जाता है सिर्फ व्यर्थ ही नही होता वरन बर्थडे बॉय का चहेरा देखने लायक होता हैं सज धज कर नए नए परिधान/कपड़े पहन कर आने वाला कुछ ही पलों में …… अगर केक को खाना नहीं नहीं है तो न जाने कितने ऐसे नन्हे मुन्ने बच्चे होंगे जो फुटपाथ पर रह कर अपना जीवन यापन करते हैं और केक काटना उनका एक सपना होता है केक  खाना उनका एक सपना हो सकता है उस केक  को उन छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों को जाकर खिला दो ताकि उन बच्चों का भूखे बच्चों का पेट भी भरेगा उन्हें खुशी भी मिलेगी और आपको दुआएं भी देंगे ।                         

केक की बनावट से प्रकट होती इंन्सान की घटिया सोच                                                                                                    वहीं दूसरी और एक चलन यह है कि जन्मदिन के अवसर पर केक को तरह- तरह की आकृतियां देकर जैसे टॉयलेट सीट के आकार  में केक  और उसमें …छी …बना कर उसे काटा जाता है ।ऐसे ऐसे भद्दे आकार में उसको प्रस्तुत किया जाता है कि शायद उसे देखने वाले को भी शर्म आ  जाए लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात है की टॉयलेट सीट में गंदगी रूपी आकार देकर उसे काट कर खिलाया जाता है । कैसा यह भद्दा मजाक है और कैसी ये संस्कृति पनप रही है ? क्या केक को आकार देने के लिए ही वही विषय वस्तु बची थी ?  आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं आज के युवा जन्मदिन के माध्यम से और केक की उस भद्दी आकृति उस विषय वस्तु को लेकर क्या साबित करना चाहते है ?  वाह रे आधुनिकता वाह न जाने और क्या-क्या रूप दिखाएगी और न जाने क्या-क्या खाने का प्रतीकात्मक संदेश देंगे ये युवा।     इन सब से अलग एक दुनिया वह भी है जहां लोग खुशियां मनाने का एक मापदंड एक तरीका केवल और केवल शराब पीना और हुटिंग करना ही मानते हैं । इस अनजानी दुनिया में भटकने की बजाए अपने परिवारजनों के साथ अपने मित्र जनों के साथ मिलकर खुशियां मनाएं तो आपकी खुशियां दोगुनी चार गुनी हो जाएगी ।
केक को इस भद्दे रूप और प्रतीकात्मक रूप देकर और केक को चेहरे पर  लपेटने से कोनसी खुशी मिलती है ।वाह रे, वाह केसी ये खुशी, कैसा ये प्रेम , केसी संस्कृति किस ओर  जा रहे हैं। यह वही इंसान है जो कहा जाता है कि इंसान ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है लेकिन उस सर्वश्रेष्ठ कृति ने अपनी ही संस्कृति को ये कैसा रूप दे रहा है ।

 केक को चेहरे पर लपेटने और व्यर्थ केे बजाय फुटपाथ पर रह रहे उन नन्हे मुन्ने बच्चों को जाकर खिला दो तुम्हें खुशियां भी मिलेगी तुम्हें दुआ भी मिलेगी । 

केक की बनावट से दे एक सकारात्मक संदेश 
……..और हां केक को ऐसा प्रतीकात्मक रूप दो जिससे  मन में ताजगी पैदा हो जाए उस केक से उस आकृति से समाज और युवाओं को एक संदेश दिया जाने का प्रयास हो  केक की आकृति को देखकर आप में  सकारात्मक भाव पैदा हो  आपकी खुशियां  दुगनी और चौगुनी हो जाए  देखनी और खाने वालों के मन में भी घिन पैदा ना हो ।आपके बर्थडे पार्टी में इंसानियत झलके । अगर कहीं ईश्वर रूपी अदृश्य शक्ति है तो ईश्वर को भी एहसास हो कि मैंने धरती पर इंसान बना कर भेजा है जो इंसान  बनकर जी रहा है।
बाकी आपकी इच्छा सर्वोपरि है आप स्वतंत्र है अपने जन्मदिन को किस तरीके से मनाओ । चंद पलों की खुशियों के लिए हम इंसानियत को ही भूल जाते हैं और ऐसा काम हमे अपनी ही नज़रों में गिरा देता है। ..अब मर्जी आपकी इच्छा आपकी……🎂

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