रसोई घर के किसी छोटे से डिब्बे में रखी हुई बारिक दानेदार और खुशबू वाले मसाले मैं काम आने वाली वस्तु जिसे हम अजवायन के नाम से जानते है। अजवायन (Thyme) एक झाड़ीनुमा वनस्पति है जो मसाला एवं औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है। यह औषधीय गुणों की खान है इसलिए तो सभी रसोईघरों के साथ-साथ आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल होता है ।अजवाइन सिर्फ हमारे खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करता ही नही करती है वरन हमे रोग से भी दूर रखती है । भावप्रकाश ग्रन्थ के पृष्ठ 24 एवं वनोषधि चंद्रोदय के अनुसार अजवाइन अमॄत ओषधि है तथा द्रव्यगुण विज्ञान नामक आयुर्वेदिक ग्रन्थ में अजवायन को घर का वैध बताया है।
इसे देश के अलग-अलग भागों में अलग क़लग नाम से भी जानते है। अजवाइन को हिंदी में अजवाइन, अजवाइन, अजमायन, अजवाइन, जबायन, या अजवां, या फिर अजोवां के नाम से भी जानते हैंं। सामान्यतया अजवायन तीन प्रकार की होती है अजवाइन, जंगली अजवाइन ,खुरासानी अजवाइन।
अजवायन का वानस्पतिक नाम क्या है ?
जहा तक तक विज्ञानिक दृष्टिकोण की बात है अजवाइन का वानस्पिक नाम( Botanical name)- Trachyspermum ammi है तथा इसका कुल का नाम Apiaceae or Umbelliferae हैं ।
कैसे किया जाता है इसका प्रयोग
अजवाइन का उपयोग मसाले के रूप में, अजवाइन को सेक कर इसकी चिमटी भर मात्रा में लेकर या फिर इसे रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह उसे छानकर इसके पानी को खाली पेेेट पीया जा सकता है ।आज कल यह बाजार में सत्व के रूप में भी उपलब्ध हो जाती है । इसका प्रयोग काढा बनाने में भी किया जाता है ।
अजवाइन या अजवायन के पानी का सेवन
घर का वैद्य कहलाने वाले अजवाइन युगो युगो से हमारी रसोई का हिस्सा रहा है साथ ही यह हमारे स्वस्थ जीवन के लिये भी एक औषधि के रूप में महत्व रखती हैं ।दादी – नानी के नुस्खे हो या फिर आयुर्वेद और होम्योपैथिक सभी इसके गुणों से परिचित है । यह न केवल हमारी रसोई का जायका बढ़ाती है वरन इसके सेवन से सैकड़ों बीमारिया भी दूर होती है । घर के बड़े बुजुर्गों ,आयुर्वेद के जानकारो तथा आयुर्वेद के विद्वान एवं कृष्ण गोपाल कालेडा आयुर्वेद औषधालय के वरिष्ठ वैद्य श्री हनुमान प्रसाद शर्मा ने इसके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताया आइए जानते हैं ऐसी औषधि के गुण और इसके सेवन के कुछ फायदे ।
1.अजवायन डायबिटीज के रोग में भी कारगर है । प्रतिदिन इसके सेवन से डायबिटीज का खतरा खाफी हद तक कम हो जाता है।
2.यह दिल से जुड़ी बीमारियों, को दूर रखने में कारगर है.
3. मुंह से जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखने में कारगर है ।नित्य आजवाइन के पानी के सेवन से मुंह की बदबू और दांतों के दर्द की समस्या दूर होती है।.
4. . सर्दी और कफ की समस्या को दूर करता है। यह कफनाशक है. साथ हीं अस्थमा का खतरा भी टल जाता है।
5 अस्थमा जैसे रोग में अजवायन को सेख कर नाक में सूंघने पर राहत मिलती है ।
6 शरीर के मेटाबोलिज्म सिस्टम को बढ़ाने का काम करती है। जिस वजह से वजन घटाने में मदद मिलता है।अगर दिन में 2 बार सेवन करें तो डायरिया जैसी बीमारी भी खत्म हो जाती है
7 पेट से जुड़ी सारी समस्याओं जैसे पेट दर्द, गैस की समस्या, आदि में फायदेकारक रहती है साथ ही यह पाचन क्रिया को भी दुरस्त रखती है ।
8. आजवाइन के पानी में एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से खांसी की समस्या खत्म हो जाती है।
9 अगर आप सिरदर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो आजवाइन का पानी इससे राहत दिलाता है।
10. पेट में कीड़े हो तो अजवायन के पानी मे एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से कीड़े खत्म हो जाते हैं तथा अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है। सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम और बडे २५ ग्राम गुड खाकर दस – पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम और बडे एक – दो ग्राम अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं या अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चूर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें याअजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।
11. अगर आप नींद नहीं आने की समस्या से परेशान हैं तो नित्य रात को सोने से पहले एक कप आजवाइन का पानी पिएं, अच्छी नींद आएगी।
12.अक्सर छोटे बच्चे में बिस्तर गीला करने की समस्या होती है इसमें भी यह फायदेमंद होती है।
13.प्रसव के बाद महिलाओं में सर दर्द, भूख न लगना,या पाचन क्रिया सही नहीं होना जैसी समस्याएं होती है ।इन समस्याओं के समाधान के लिए आज भी विशेषकर गांवों में महिलाओं को अजवाइन से बने लडू खिलाई जाती है। अजवाइन के फायदे के बारे में जब गांव में एक किसान परिवार से बात की तो उन्होंने भी यह बताया कि जब पशुओं में गाय हो या भैंस को जब बछड़ा होता है तो गाय और भैंस को गुड ,मेथी अजवाइन और तेल से बना हुआ व्यंजन खिलाया जाता है ।
वनस्पतियों केे जानकार एवं रिसर्च स्कॉलर डॉ. हरीश गुप्ता ने बताया कि “अजवाइन का मुख्य घटक Thymol होता हैं, इसके अतिरिक्त इसमें linoleic acid, Terpinene(gamma), Pamitic acid आदि होते है। इसलिए अजवाइन सर्दी-जुकाम, बहती नाक और ठंड से निजात पाने की अचूक दवा है साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और जलनरोधी तत्व पाए जाते हैं“
अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अजवाइन के पानी का नित्य सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
अजवाइन के नुकसान
अजवायन ऐसी औषधि है जिसके साइडइफेक्ट होने की संभावना काफी कम होती है.फिर भी किसी चीज का आवश्यकता से अधिक सेवन, प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है। जिन लोगों को अजवाइन से एलर्जी होती है उनको सर्दी, रैशेज या पित्त की समस्या हो सकती है। इसलिए अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर कर लें। यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है या पेट मे छाले, अलसर की समस्या हो सकती हैं। एलर्जी होने पर यह स्किन पर प्रतिकूल प्रभाव का कारण बन सकती है।