सन 2020 और 2021 के दौर में देश, प्रदेश बल्कि पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से त्रस्त रहा है और अभी भी राहत का इंतजार है । इस दौर में हमारे पूरे समाज को बहुत कुछ खोना पड़ा ,समाज के हर व्यक्ति को  इन मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा। किसी ने अपने परिवारजनों को खोया, किसी ने अपने पति को, किसी ने भाई ,किसी ने बहन को तो किसी ने अपना बेटा खोया,न जाने कितने बच्चों के सर से माता पिता का साया उठ गया, न जाने कितनी महिलाएं विधवा हो गई । 

केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारे या फिर विभिन्न गैर सरकारी संगठन सभी ने इस मुश्किल के दौर से बाहर निकलने के लिए हर पुरजोर कोशिश की है। इस दौर में सरकार और गैरसरकारी संगठनो ने अपने सामाजिक सरोकार के कार्य को बखूबी निभाया है ।


जहां तक राजस्थान की बात है ,राजस्थान की जनता को भी इसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा । इस दौर में जिन्होंने अपने परिवारजनों को खोया है उसकी भरपाई और क्षतिपूर्ति तो नहीं की जा सकती लेकिन राजस्थान सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए महिलाओं और अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए ,उनकी पढ़ाई-लिखाई,उनके पालन- पोषण की समस्या को देखते हुए उनके कल्याण में लिये कुछ राहत देने की कोशिश की है । 

इसी कोशिश के तहत 12 जून 2021 को विश्व बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना 2021 शुरू की है ।


क्या है? मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना

2021कोरोना-19 की वजह से अनाथ हुये बच्चों तथा विधवा महिलाओं को राहत के लिए राजस्थान सरकार द्वारा लाई गई योजना है । इस योजना की घोषणा 12 जून 2021 को राजस्थान सरकार ने की है। इस संबंध में जारी एक सरकारी बयान के मुताबिक इस योजना के तहत कोरोना महामारी से माता- पिता दोनों की मृत्यु या एकल जीवित की मृत्यु होने पर उन्हें तत्काल सहायता देने एवं उन्हें बच्चों के पालन पोषण की चिंता मुक्त करने के लिए राजस्थान सरकार ने एक सहायता पैकेज की घोषणा 12 जून 2021 को विश्व बालश्रम निषेध दिवस के दिन एक वर्चुअल कार्यक्रम में की है ।


योजना का उद्देश्य ?

कोविड -19 से अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने वाले माता/पिता की आकस्मिक मृत्यु होने से न जाने कितने बच्चे अनाथ हुए है ,पति की मौत के बाद महिलाये विधवा हो गई है, ऐसे प्रभावित परिवारों के अनाथ बच्चों के सपूर्ण विकास जैसे शैक्षिक,आर्थिक, एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है तथा ऐसे परिवार के बच्चे  गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सके। विधवा महिलाओं को भी कुछ राहत मिल सके वह अपने परिवार का लालन  निर्विघ्न रूप से कर सके |   इस योजना का उद्देश्य ही स्पष्ट है कि ऐसे लोगो को अभाव रहित एक सम्मानपूर्व जीवन जीने के लिए, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये जो आवश्यकता महसूस की जाती है उनको पूरा करने का प्रयास इस योजना के तहत किया गया है । यह नाम के अनुसार ही एक कल्याणकारी योजना है।

कौन होंगे ?  इस योजना के पात्र

 राजस्थान सरकार के द्वारा कोरोना 19 काल में संवेदनशील निर्णय लेने के तहत जो मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना शुरू की है उसके अंतर्गत वे बच्चे और महिला इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे जो राजस्थान के मूल निवासी हो तथा जिनके अभिभावक /माता पिता/पति की मृत्यु कोविड-19 के तहत हो गई हो ,उसके अनाथ बच्चों और विधवा महिला इस योजना के तहत पात्र होंगे । इस योजना के बारे में विस्तृत गाइडलाइन जल्दी ही सरकार के द्वारा जारी की जाएगी ।

कैसे करे आवेदन ?

मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना 2021 में लाभ लेने के लिये आवेदन की क्या प्रक्रिया होगी ? इसके ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे या फिर ऑफलाइन। क्या कुछ इसकी सारी प्रक्रिया रहेगी साथ ही आवेदन के लिये  किन किन डॉक्युमेंट्स/दस्तावेज की जरूरत होगी । इस बारे में जल्दी ही राजस्थान सरकार द्वारा गाइडलाइन की जाएगी।

योजना के तहत क्या -क्या मिलेगी राहत ?


मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना 2021 के तहत किये गए प्रावधान के अनुसार कोविड-19 के कारण मृत्यु होने वाले व्यक्ति के अनाथ बच्चों और उसकी विधवा महिला को क्या कुछ राहत और क्या कुछ लाभ मिलेंगे इस बारे में कहा जा सकता है  । एक सम्मानपूर्व जीवन जीने के लिए, सर्वांगीण विकास के लिये जो आवश्यकता महसूस की जाती है उनको पूरा करने की कोशिश है।

अनाथ बच्चों को मिलेगी यह राहत

  • जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना बीमारी से हो गई है, उन्हें पहली बार में एक लाख की आर्थिक सहायता दी जाने की घोषणा की है।
  • ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 2500 रुपये कीआर्थिक सहायता दी जाएगी।
  • अनाथ हुये बच्चों को 12वीं कक्षा तक की शिक्षा आवासीय स्कूल या छात्रावास में निशुल्क  उपलब्ध करवाई जाएगी ।
  • ऐसे बच्चों की आयु 18  वर्ष की पूरी होने पर उन्हें एकमुश्त पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
  • इस योजना के तहत कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
  • कॉलेज में पढ़ने वाले ऐसे बेसहारा छात्रों को जिनके माता-पिता के कोरोना से मौत हो जाने से अनाथ हो गये है उन्हें ‘अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना‘ का लाभ मिलेगा।
  • कोरोना 19 से मृत्यु होने वाले परिवार में जो युवा बेरोजगार हैं,उन्हें मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

महिलाओं को मिलेगी यह राहत 

  •  जिन महिलाओ के पति की मौत कोरोना से हुई है, उन्हें एकमुश्त एक लाख की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान की जाएगी ।
  • ऐसी विधवा महिलाओं को सहायता के तौर पर  प्रतिमाह 1500 रुपये की पेंशन दी जाएगी। इस पेंशन योजना में आयु ,वर्ग और आय सीमा का कोई भेद नही किया गया है। यह पेंशन सभी उम्र की विधवा महिलाओं को मिल सकेगी।
  • इस योजना के अंतर्गत विधवा हुई महिलाओं के यदि बच्चे हैं तो उनके पालन- पोषण के लिए 1000 रुप्रति माह  अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। 
  •  इस योजना के तहत बच्चों के स्कूल, स्टेशनरी ,बच्चों की ड्रेस खरीदने और इस प्रकार की आवश्यकताओं कोपूरा केरने के लिए 2000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी।


 राजस्थान सरकार का यह कार्य एक सामाजिक सरोकार से जुड़ा हुआ कार्य है। इस कोरोना काल में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के द्वारा राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओ की घोषणा की है ।

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