कैबिनेट मिशन योजना(पैथिक लॉरेस की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय आयोग) के तहत निर्मित संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांत,चीफ कमिश्नर प्रांत और देशी रियासतों से कुल 389 सदस्यों की संख्या निर्धारित की गई थी लेकिन मुस्लिम लीग द्रा संविधान सभा के बहिष्कार 3 और जून 1947 को संविधान सभा के बटवारे के साथ ही इस संख्या में बदलाव हुआ यह घाट कर 235 रह गई। 

कैबिनेट योजना के अनुसार शुरुआत में चार सदस्य चीफ कमिश्नर प्रांतों ( अजमेर मेरवाड़ा, ब्लूचिस्थान, कुर्ग,और दिल्ली) से ( प्रत्येक से एक एक) और ब्रिटिश प्रांतों से 292 तथा 93 देशी रियासतों से थे। 

  • इन प्रांतों और देशी रियासतों से थी इतनी संख्या

संविधान सभा  के कुल 389 सदस्यों में ब्रिटिश प्रांतों से 292 सदस्य जिन्हे तीन श्रेणी  में विभाजित किया था ।  

(1) A श्रेणी के प्रांत मद्रास से 49,बंबई 21, यू पी 55,बिहार 36,मध्य प्रांत 17 सदस्य थे।

(2) B श्रेणी प्रांत में पंजाब  से 28 उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत 3 और सिंध से  4सदस्य थे। 

(3) C श्रेणी प्रांतों में  असम से 10 और बंगाल से 60 सदस्य थे।

ध्यातव्य: ब्रिटिश प्रांतों और देशी रियासतों के अतिरिक्त चार चीफ कमिश्नर प्रांत अजमेर मेरवाड़ा, बलूचिस्तान पूर्व और दिल्ली से 4 सदस्य थे। देसी रियासतों में कुल 93 सदस्य थे इनमें राजस्थान से 13+1 सदस्य बताए जाते लेकिन डॉ दिनेश गहलोत(जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर )के द्वारा 20 सदस्य संख्या बताई जाती है।

  • बंटवारे के पश्चात संविधान सभा की सदस्य संख्या

मुस्लिम लीग के द्वारा संविधान सभा के बहिष्कार और दो संविधान सभा के निर्माण की मांग के पश्चात व 3 जून 1947 को संविधान सभा के विभाजन के पश्चात यह सदस्य संख्या घटकर कुल 235 + 89 रह गई ।

* मद्रास से 49,मुंबई से 2,पश्चिम बंगाल 21, संयुक्त प्रांत 55, पूर्वी बंगाल 16, बिहार 36,मध्य प्रांत एवं मरार 17, असम 8, उड़ीसा 9  कुल 232 तथा तीन चीफ कमिश्नर प्रांतों से 3 सदस्य संख्या थी तथा  देशी रियासतों से 83 सदस्य थे। 

  • इस प्रांत और देशी रियासत से थी सर्वाधिक सदस्य संख्या 

कैबिनेट मिशन योजना के तहत संविधान सभा के सदस्यों में ब्रिटिश प्रांतों में सर्वाधिक सदस्य संख्या बंगाल से 60 थी  जबकि बंटवारे के पश्चात  कम हो गई और अब सर्वाधिक सदस्य संख्या संयुक्त प्रांत से 55 थी । 

देशी रियासतों में सर्वाधिक सदस्यों की संख्या  हैदराबाद से  16 थी । ध्यान देने योग्य बात यह है की हैदराबाद रियासत ने सविधान सभा का बहिष्कार किया था और संविधान निर्माण में भाग नही लिया था।  इसके पश्चात अकेली किसी रियासत मैसूर से सर्वाधिक संख्या 07 थी। 

  • इस प्रांत और देशी रियासत से थी  सबसे कम सदस्य संख्या

संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांतों से सबसे कम सदस्य संख्या असम प्रांत से 8 थी,जबकि देशी रियासतों में सबसे न्यूनतम सदस्य संख्या कूच बिहार और कछ से 01..,01 थी यदि संयुक्त रूप से देखा जाए तो संयुक्त राजपूताना  से सर्वाधिक सदस्य संख्या थी।

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