भारत में संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद बड़े महत्व के पद है ।  इस प्रथम नागरिक राष्ट्रपति को राष्ट्राध्यक्ष भी  कहा जाता है । वही प्रधानमंत्री को शासनाध्यक्ष कहा जाता है । संविधान के भाग 5 व  अनुच्छेद 52 के अनुसार देेेश राष्ट्रपति  होगा इस बात का उल्लेख है ।

देश का राष्ट्रपति भले ही नाम मात्र की कार्यपालिका और सावधानी कार्यपालिका हो लेकिन राष्ट्रपति का मान- सम्मान प्रतिष्ठा , प्रभाव और शासन का मुखिया होता है जिसके नाम से ही सारे कार्य होते हैं (अनुच्छेद 77) । इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति  के वेतन को लेकर भी लोगो विद्यार्थियों में चर्चाएं आम बात है । हर किसी को यह जानने की जिज्ञासा रहती है कि देश के राष्ट्रपति को कितना वेतन मिलता है, किस अनुसूची के तहत मिलता हैं और क्या वह भी आम नागरिक की तरह टेक्स देता है।

  • राष्ट्रपति को मिलता है कितना वेतन

देश के राष्ट्रपति को  ₹5 लाख प्रति माह वेतन मिलता है। ज्ञात हो कि 2008 से पहले तक राष्ट्रपति को प्रतिमाह 50 हजार रुपए वेतन मिलता था । 2008 में इसे बढ़ा कर 1.50 लाख और 2018 में फिर से बढ़ा कर 5 लाख रु प्रतिमाह कर दिया । इसके अतिरिक्त पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात पराष्ट्रपति को मूल वेतन का 50%  पेंशन प्राप्त होती है। राष्ट्रपति को मिलने वाले वेतन का उल्लेख संविधान की दूसरी अनुसूची में उल्लिखित है

  •  संचित निधि से मिलता है राष्ट्रपति को वेतन

राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति ,राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जैसे सभी पदों को वेतन संचित निधि से दिया जाता है।

  • संचित निधि क्या होती है ?

भारतीय सविधान के अनुच्छेद 266(1) में इसका उल्लेख है। यह ऐसी निधि है जिसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के कर/राजस्व जमा, लिये गये ऋण जमा किये जाते है । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह भारत की सबसे बडी निधि है । यह निधि संसद के अधीन आती है । जिसकी अनुमति के बिना कोई भी धन निकाला/जमा या भारित नहीं किया जा सकता है  ।

  • वेतन में बढ़ोतरी का अधिकार किसे है ?

राष्ट्रपति के वेतन में बढ़ोतरी करने का अधिकार संसद को है और संविधान लागू होने से लेकर अब तक कई बार वेतन में बढ़ोतरी की गई है । 2008 में राष्ट्रपति के वेतन को बढ़ा कर 1.50 लाख किया गया था । इससे पूर्व उनका वेतन ₹50,000 प्रतिमाह था । सन 2018 में एक बार फिर से राष्ट्रपति का वेतन 1.50 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया ।

  • यह मिलती है सुविधायें

भारत के राष्ट्रपति को वेतन के अतिरिक्त अन्यबहते, वे सुविधायें प्राप्त भोटी है जिनमे राष्ट्रपति और उनके जीवनसाथी पूरी दुनिया में जहां चाहें वहां फ्री में यात्रा कर सकते हैं , उनके कारवां में 25 गाड़ियां होती हैं. होते हैं जिनको प्रेसीडेन्शियल बॉडीगार्ड कहा जाता है. इनकी संख्या 86 होती है। साथ ही उनको फ्री इलाज, आवास और उपचार (आजीवन) की सुविधाएं , सेक्रेटरियल असिस्टेंस के अलावा राष्ट्रपति के जीवनसाथी को ट्रेन या हवाई जहाज से फ्री यात्रा की सुविधा भी मिलती है । 

सेवानिवृत  होने के बाद भी उनको कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं,। उन्हें  रहने के लिए बंगला दिया जाता है ऒर स्टाफ पर खर्च करने के लिए 60 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है.इसके अतिरिक्त दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल भी दिया जाता है।

ध्यातव्य

जब उप राष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप  में कार्य कर्तव्य है तब उनको वही वेतन ,भत्ते, प्राप्त होते है जो एक राष्ट्रपति को मलते है । राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की बीमारी के कारण तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ.राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति के पद पर कार्य किया था । इसके अतिरिक्त डॉ.जाकिर हुसैन की मृत्यु के पश्चात तत्कालीन उप राष्ट्रपति वी.वी .गिरी ने  और फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के पश्चात उप राष्ट्रपति बी.डी .जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।

  • राष्ट्रपति को इनकम टैक्स देना होता है या नहीं?

देश के राष्ट्रपति जैसे पद पर कार्य करने वाले व्यक्तियों के वेतन पर इनकम टैक्स लगता है या नहीं लगता है। ,इस विषय पर लोगों में दो मत देखे जाते रहे हैं । कुछ लोग यह मानते है कि राष्ट्रपति के वेतन पर टैक्स नहीं लगता है और कुछ लोगो का यह मानना है कि  राष्ट्रपति पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति को भी इनकम टैक्स देना होता है । सच्चाई क्या है आइये जानते है। 

  • क्या कहता है ? इनकम टैक्स अधिनियम 1961

 राष्ट्रपति आम नागरिक की तरह इनकम टैक्स देते हैं या नही यह एक जानने योग्य विषय जरूर है  । इनकम टैक्स अधिनियम 1961 का सेक्शन 14 कहता है कि कौन-कौन सी सैलेरी इनकम टैक्स के  दायरे में आती है । 

राष्ट्रपति जैसे पदों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को मिलने वाले वेतन पर छूट का उल्लेख इस अधिनियम  और सेक्शन 14 में  उल्लेख नहीं है।  राष्ट्रपति पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति को इनकम टैक्स में छूट दी गई होती तो सेक्शन 14 में उसका उल्लेख कर दिया जाता । लेकिन सच्चाई जानकर आपको आश्चर्य होगा कि राष्ट्रपति  एक आम नागरिक की तरह इनकम टैक्स देते हैं।

  • इस परिस्थिति में मिल सकती है टैक्स में छूट

अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या राष्ट्रपति की टैक्स में कोई छूट मिल सकती हैं तो यहां यह कहा जा सकता है कि अगर राष्ट्रपति अपना वेतन सरकारी खजाने में दे देते हैं या किसी जनहित के उपयोग में दे देते हैं तो उनको छूट मिल सकती है । आपको ज्ञात होगा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साहब अपना वेतन किसी चैरिटेबल ट्रस्ट को दे देते थे । इसलिए उनको टैक्स नहीं देना होता था । अब जब वेतन ही नहीं ले रहे हैं तो इनकम  टैक्स  कैसे दिया जा सकता है।

  • वेतन में कटौती नही की जा सकती 

सामान्यतया राष्ट्रपति के वेतन में कटौती नहीं की जा सकती लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह कि जब देश में वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) लागू हो तो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ,राज्यपाल के साथ-साथ  राष्ट्रपति के वेतन में भी कटौती की जा सकती है। कोविड-19 के दौर में राष्ट्रपति ने अपनी स्वेच्छा से अपने वेतन में कटौती की थी ।

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