राज्य सचिवालय का प्रशासनिक ढांचा

आधुनिक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में जब जनता के द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन किया जाता है।  इन जनप्रतिनिधि (राजनीतिक)और प्रशासनिक अधिकारियों(प्रशासनिक) के तालमेल से ही किसी शासन और प्रशासन का कार्य सुव्यवस्थित और संगठित रूप से संपन्न किया जाता है और इसी शासन और प्रशासन के दो प्रमुख आधार स्तंभ जिनमें एक को सामान्यज्ञ (राजनीतिक प्रमुख) कहा जाता है तो दूसरे को विशेषज्ञ (प्रशासनिक प्रमुख । 

  • सचिवालय 

केंद्र सरकार हो या कोई राज्य सरकार मंत्री परिषद के सदस्यों को प्रशासनिक सहयोग और परामर्श देने के लिए प्रशासनिक अधिकारी,लोक सेवक नियमित रूप से कार्य करते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों, लोक सेवक के सहयोग से ही सरकार और शासन के द्वारा जो नीति निर्धारण और योजनाओं का निर्माण किया जाता हैं। इन नीतियों/योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए भी कई लोक सेवकों की आवश्यकता पड़ती है । इन लोक सेवकों के सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी शासन सचिव कहलाते हैं। इन प्रशासनिक अधिकारियों और लोक सेवकों के संगठित व्यवस्थित और नियमित रूप से कार्य करने वाले निकाय को ही सचिवालय कहा जाता है।
 

  • भारत मे सचिवालय की शुरुआत 

भारत में सर्वप्रथम आधुनिक सचिवालय की शुरुआत ब्रिटिश शासन काल में इंपीरियल सेक्रेटेरिएट के नाम से की गई थी जो कि केंद्रीय सचिवालय का ही एक रूप था। ध्यातव्य :- सचिवालय को सरकार का केंद्र या हृदय बिन्दु भी कहा जाता है।

 राजस्थान में सचिवालय

स्वतंत्रता के पश्चात और राजस्थान के एकीकरण पूर्ण होने से पूर्व ही राजस्थान में प्रशासनिक ढांचे को सुव्यवस्थित रूप दे दिया गया था । सर्वप्रथम राजस्थान में 13 अप्रैल 1949 को तत्कालीन राजप्रमुख के द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से जयपुर में एक सचिवालय की स्थापना की गई थी। 

 सचिवालय का प्रशासनिक ढांचा 

राजस्थान राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक निकाय सचिवालय में एक सुव्यवस्थित और पदानुक्रम के आधार पर निर्मित एक प्रशासनिक ढांचा/एक प्रशासनिक संगठन है।  जिसमें राज्य सचिवालय का प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव और उनको सहायता और सहयोग देने के लिए शासन सचिव, अतिरिक्त सचिव और अपर सचिव के सहयोग के लिए उप सचिव, सहायक सचिव, अनुभाग अधिकारी, यू.डी.सी  व एल.डी.सी.जैसे पदों की व्यवस्था हैं।
इसके अतिरिक्त सचिवालय विभागों को केंद्र में मंत्रालय कहा जाता है लेकिन राज्यों में इनके लिए विभाग शब्द का प्रयोग किया जाता है । इन विभागों का भी एक सुव्यवस्थित और संगठित प्रशासनिक ढांचा होता है।  जिसमें अधीक्षक उपाधीक्षक वरिष्ठ लिपिक कनिष्ठ लिपिक स्टेनोग्राफर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होते हैं।

  • सचिवालय के कार्य और शक्तियां

राज्य सचिवालय विभागों के मध्य समन्वय से सम्बधित वह समस्त कार्य संपन्न करता है जो राज्य प्रशासन को सुव्यवस्थित रुप से संचालन करने,नीति निर्माण करने के कार्य के लिए आवश्यक है।  इसके अतिरिक्त सरकार के द्वारा जो कार्य विशेष उसे सौंपे जाते हो  वह कार्य सम्पन करता है ।सचिवालय के कार्य को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है।

० सरकार के द्वारा नीति निर्माण के कार्य और पूर्व में निर्मित नीतियों में किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता होने पर प्रशासनिक सहायता उपलब्ध करवाना 

० राज्य सरकार और प्रशासन के नीतियों, कानूनों के क्रियान्वयन करने के लिए नियम और उप नियम तथा कानून का निर्माण करना ।

० विभिन्न नीतियों, योजनाओं और प्रशासनिक आदेशों के क्रियान्वयन हेतु मानवीय संसाधन की व्यवस्था करना और उनके कार्यों का संचालन करना साथ ही बजट आदि के माध्यम से नियंत्रण करना।

० नीति निर्माण एवं उन्हें लागू करने के संदर्भ में विधायिका में उठाए गए सवालों का जवाब तैयार करना। ० नीति निर्माण व योजना निर्माण से संबंधित विभिन्न तथ्य व आंकड़े एकत्रित करना और प्रतिवेदन तैयार करना।

० मंत्रिमंडल की बैठकों का निर्धारण और संचालन तथा बैठक में लिए गए निर्णय से संबंधित विभागों को अवगत कराना।

० केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के बीच आपसी तालमेल और समन्वय बनाए रखने का कार्य करना।

० सचिवालय में विभिन्न प्रकार की सेवाओ, राज्यसेवा अखिल भारतीय सेवा आदि से संबंधित नियुक्तियां, पदस्थापन, उनका प्रमोशन/पदोन्नत, उनका स्थानांतरण और वेतन, पेंशन तथा सेवा नियमों, सेवा शर्तो का निर्धारण करना।

  • सचिवालय का मुखिया मुख्य सचिव

राज्य सरकार की प्रशासनिक इकाई सचिवालय का प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव होता है। सामान्यतया उसे सचिवों का सचिव कहा जाता है जो कि अखिल भारतीय सेवाओं में आईएएस अधिकारी होता है।  राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग या मंत्रालय का एक राजनीतिक मुखिया होता है जिसे कि हम मंत्री के नाम से जानते हैं। विभाग/ मंत्रालय के प्रशासनिक कार्यों को संपादित करने के लिए शासन सचिव जो कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होता है । मुख्य सचिव ही संपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था को नियंत्रण रखता है।

  • ब्रिटिश काल में हुआ था मुख्य सचिव पद का सृजन 

प्रशासनिक प्रमुख मुख्य सचिव मूलतः ब्रिटिश शासन की देन है, जहां सर्वप्रथम सन 1798 में तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली के द्वारा इस पद का सृजन किया गया और सर्वप्रथम 1799 में जार्ज हिलेरी बालों इस पद पर नियुक्त हुए थे। सन 1858 के अधिनियम के पश्चात यह पद राज्य सरकार का एक पद बन गया।

  • राजस्थान में मुख्य सचिव का पद

स्वतंत्रता के पश्चात राजस्थान में प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव के पद का सृजन सर्वप्रथम 13 अप्रैल 1949 को हुआ। सर्वप्रथम इसी दिन तत्कालीन राज प्रमुख के द्वारा श्री के. राधाकृष्णन जो कि एक वरिष्ठ आई.सी.एस अधिकारी थे उनको राजस्थान का पहला मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।

  • मुख्य सचिव की नियुक्ति 

राजस्थान मुख्य सचिव जो कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होता है ,जिसकी नियुक्ति मुख्यमंत्री के द्वारा की जाती है न कि राज्यपाल द्वारा। सामान्यतः इसकी नियुक्ति में तीन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है ।उसकी वरिष्ठता सेवा ,उसका सेवा अभिलेख,और मुख्यमंत्री का उस अधिकारी में विश्वास।ध्यान देने योग्य बात है कि कई बार इस वरिष्ठता का उल्लंघन हुआ है। इसके अतिरिक्त वह भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक वरिष्ठ सदस्य जिसे लगभग 25 से 30 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव कार्य हो, कार्य करने में दक्षता हो, जैसी योग्यताओं का ध्यान रखा जाता है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि यह कोई बाध्यता नहीं होती है।

  • ध्यातव्य

जहां तक मुख्य सचिव की सेवानिवृत्ति की आयु का सवाल है तो यह आपको जानकर आश्चर्य होगा की मुख्य सचिव के पद पर कोई कार्यकाल निश्चित नहीं होता है।  लेकिन मुख्य सचिव की सेवा अवधि समान्यतया मुख्यमंत्री के साथ उसके संबंधों पर निर्भर करता है। अक्सर देखा जाता रहा है कि राज्य सरकार के बदलने के साथ ही मुख्य सचिव के पद पर बैठे व्यक्ति को भी सरकार के द्वारा बदल दिया जाता है लेकिन ऐसा होना आवश्यक भी नहीं है और हर बार ऐसा हो यह भी निश्चित नहीं।

  • मुख्य सचिव के कार्य और शक्तियां

समान्यतया मुख्य सचिव को वही कार्य करने होते हैं जो सचिवालय के द्वारा किए जाते हैं। इसके कार्य को विस्तृत रूप से निम्न प्रकार से समझा जा सकता है।
० मंत्रिमंडल की बैठकों की कार्यवाही का संचालन करना।
० सचिवों, विभागों के सचिवों की बैठको की अध्यक्षता करना ।
० इस समूचे प्रशासन का प्रशासनिक नेतृत्व करता है। 
० मंत्रिमंडल की बैठकों को बुलाने की सूचना विभिन्न विभागों तथा मंत्रिमंडल के सदस्यों तक और उनके सचिव तक पहुंचाना।  
० मंत्रिमंडल की विभिन्न योजनाओं और उनका विस्तृत ब्योरा तैयार करना। 
०मंत्रिमंडल की बैठकों में लिए गए निर्णयों की सूचना राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों तक भेजना  
०मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों को विभिन्न कार्यों में सलाह और सहयोग देना। 
० मंत्रिमंडल द्वारा दिए गए निर्णय का क्रियान्वयन करना और इससे संबंधित आवश्यक आदेश संबंधित विभाग तक पहुंचाना  
० राज्य सेवा और कर्मचारियों से संबंधित सेवा नियमों,सेवा शर्तों का निर्माण करना। 
० राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में सलाह देना। 
० कर्मचारियों की नियुक्ति उनका प्रमोशन और सेवा नियम तथा स्थानांतरण में सलाह देना।
० लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में मुख्यमंत्री को सलाह देना। 
० सरकार के वरिष्ठ अतिथियों के राज्य में आगमन पर समुचित व्यवस्था का नेतृत्व करना और इसकी मॉनिटरिंग करना  
० विभिन्न अंतरराज्य विवादों की समीक्षा करना उसमें लिए जाने वाले निर्णयों से संबंधित सहायता और सलाह प्रदान करना।

  • सचिवालय और मुख्य सचिव से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

◆ राजस्थान में सर्वाधिक समय तक मुख्य सचिव के पद पर रहने वाले व्यक्ति भगवंत सिंह थे जो कि 1958 से 1964 और 1964 से 1965 तक इस पद पर रहे।

◆ राजस्थान में सर्वाधिक मुख्यमंत्रियों के साथ मुख्य सचिव के रूप में कार्य करने वाले प विपिन बिहारी लाल भार्गव थे।  ज्ञात हो कि उन्होंने राजस्थान के चार मुख्यमंत्री के साथ जिनमें शिवचरण माथुर, भैरू सिंह शेखावत और हरिदेव जोशी के कार्यकाल में कार्य किया था।

◆ राजस्थान की पहली महिला मुख्य सचिव श्रीमती कुशल सिंह थी (फरवरी 2009)

◆ 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव में पंचायत राज के उद्घाटन के समय राजस्थान के मुख्य सचिव भगवान सिंह मेहता थे।

By admin

21 thoughts on “राज्य सचिवालय का प्रशासनिक ढांचा। मुख्य सचिव से संबंधित जुड़ी समस्त जानकारियां।”
  1. Its such as you learn my tһoughts! Yoս ɑppear to know
    so much about tһіs, ⅼike you wrote the book іn іt or something.
    I belіeve tһat ʏou simply ⅽan dօ ԝith
    some % to pressure tһe message house a ⅼittle bіt, but instead of
    tһat, this is excellent blog. A ցreat гead. Ι’ll ⅽertainly bе back.

    Lօoк at mү web рage pede togel login alternatif

  2. When I originally commented I clicked the “Notify me when new comments are added” checkbox ɑnd noԝ each time a comment is
    aԁded I get fouг e-mails wiuth tһe sɑme
    comment. Iѕ tһere ɑny wаy you can remove people fr᧐m tһat service?
    Aрpreciate it!

    My site; Link Ahha4d

  3. Ι know this if off topic Ƅut І’m lo᧐king into starting my own blog and was wondering what all іs required to ɡet setup?

    Ӏ’m assuming һaving a blog ⅼike yours woyld cost a
    pretty penny? І’m not veгy internet smart sо
    I’m not 100% positive. Ꭺny recommendations or advice ѡould Ьe
    greɑtly appreciated. Ꭲhanks

    Feel free tⲟ visit my blog post – astra slot

  4. Ӏ’ve been exploring foг a bit foг any high quality articles οr blkg posts
    in tһis kind of house . Explording іn Yahoo
    I at last stumbled սpon thiѕ website. Studying this informati᧐n So i am haρpy to show that Ӏ’ve a very excellent uncanny feeling Ι
    diecovered еxactly what I neeԁed. I so muⅽh indisputably ԝill maҝe sսre too
    do not forget tһᥙѕ sitge andd giѵe іt a l᧐ok on a continuing basis.

    Feel free tto viit mу blog … jasa backlink seo

  5. Hello There. I found y᧐ur blog uѕing msn.
    Thiѕ іѕ a reaⅼly welⅼ written article. Ι’ll make sure to bookmark іt and return to rezd more of
    your useful info. Thankѕ ffor thе post. Ι’ll ϲertainly
    comeback.

    Also visit my paɡe: Jasa Backlink

  6. Hi thегe! Thіs post cоuldn’t bе written any better!
    Reading tһiѕ post reminds me οff my olɗ rоom mate!
    He alᴡays kept talking aƅout this. Ӏ wіll forward tһіs ρage to һim.
    Pretty ѕure he wiⅼl have a good read. Мany thаnks for sharing!

    Haave а lօok at mʏ blo post jasa pbn terbaik

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page