
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात व राजस्थान के एकीकरण के दौर में और राजस्थान के प्रथम आम चुनाव (1952) से पूर्व राजस्थान के तीन मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो निर्वाचित न होकर मनोनीत मुख्यमंत्री रहे । इनके नाम निम्न प्रकार से है- (1) हीरालाल शास्त्री (2) सी.एस वेंकटचारी (3) जयनारायण व्यास । आइए इस आलेख के माध्यम से जानते हैं
राजस्थान की अब तक की सभी मुख्यमंत्रियों के निर्वाचन ,कार्यकाल उनके जीवन के हर अनछुए पहलू के बारे में जिसे आप जानना चाहते हैं।
*प्रथम तीन मनोनीत मुख्यमंत्रीराजस्थान विधानसभा के प्रथम आम चुनाव से पूर्व ही एकीकरण के दौरान राजस्थान के तीन ऐसे मुख्यमंत्री रहे जो कि निर्वाचित ना होकर मनोनीत थे।
- (1) हीरालाल शास्त्री
निर्वाचित मुख्यमंत्रियों में सबसे पहला नाम आता है हीरालाल शास्त्री का । शास्त्री जी राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बनाए गए थे लेकिन ध्यान ध्यान देने योग्य बात यह है कि वे राजस्थान के पहले मनोनीत मुख्यमंत्री थे जिनका इस पद पर कार्य काल 7 अप्रैल 1949 से 5 जनवरी 1951 तक रहा । ज्ञात हो कि पहले मनोनीत मुख्यमंत्री के रूप में हीरालाल शास्त्री जी का कार्यकाल लगभग 21 माह तक आ रहा था।
- हीरालाल शास्त्री जी का जीवन परिचय
° राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री श्री हीरालाल शास्त्री का जन्म 24 नवंबर 1899 में राजस्थान के जोबनेर नामक स्थान पर हुआ औरइनकी मृत्यु 28 दिसंबर 1974 को हुई।° राजस्थान में शिक्षा को समर्पित वनस्थली विद्यापीठ जैसी संस्था के संस्थापक थे। ° इनकी आत्मकथा का नाम ” प्रलय जीवन शास्त्र”था।
- (2) सी.एस वेंकटचारी
सी.एस वेंकटाचारी राजस्थान राज्य के दूसरे मनोनीत मुख्यमंत्री थे जो कि राजस्थान के प्रथम गैर राजस्थानी मुख्यमंत्री भी थे । ये प्रथम आई.सी.एस. अधिकारी थे । इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री के पद पर की गई थी। मुख्यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल 5 जनवरी 1951 से 26 अप्रैल 1951 तक रहा।
- सी.एस. वेंकटाचारी का जीवन परिचय
सी.एस. वेंकटाचारी एक आईसीएस अधिकारी थे जो राजस्थान के दूसरे मनोनीत मुख्यमंत्री बने थे ।इनका जन्म 11 जुलाई 1899 को कोलार जिला मैसूर में हुआ था। लगभग 100 वर्ष की आयु में इनकी मृत्यु 16 जून 1999 को हुई।
- (3) जयनारायण व्यास
राजस्थान के तीसरे मनोनीत मुख्यमंत्री थे । इस पद पर इनका कार्यकाल 26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952 तक रहा।इन पहले तीनों मनोनीत मुख्यमंत्रियों को शपथ तत्कालीन राजप्रमुख सवाई मानसिंह ने दिलाई थी।
● ध्यातव्य-
राजस्थान में प्रथम तीन मनोनीत मुख्यमंत्रियों मे सबसे लंबा कार्यकाल श्री हीरालाल शास्त्री जी का रहा तथा सबसे कम समय का कार्यकाल सी.एस. वेंकटाचारी का रहा। > प्रथम चुनाव से लेकर वर्तमान तक राजस्थान के निर्वाचित मुख्यमंत्री
- (1) टीकाराम पालीवाल
1952 के प्रथम आम चुनाव के बाद राजस्थान के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री श्री टीकाराम पालीवाल को बनाया गया था। ये राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे। राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल 3 मार्च 1952 से 1 नवंबर 1952 तक यानी करीब आठ माह का कार्यकाल रहा।
- टीका राम का जीवन परिचय
टीकाराम पालीवाल राजस्थान के क्रमानुसार चौथे और प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री थे । इनका जन्म 1909 में हुआ था तथा मृत्यु 8 फरवरी 1995 को जयपुर में हुई थी। ज्ञात हो कि राजस्थान की विधानसभा के प्रथम आम चुनाव में इनका चुनाव क्षेत्र “बहुआ” था।
- (2) जयनारायण व्यास
जय नारायण व्यास राजस्थान के दूसरे निर्वाचित मुख्यमंत्री थे। इस पद पर इनका कार्यकाल 01 नवंबर 1952 से 13 नवंबर 1956 यानी लगभग 4 वर्षों तक रहा था।
● ध्यातव्य
> प्रथम विधानसभा चुनाव में जयनारायण व्यास जोधपुर और जालौर से उम्मीदवार थे। इस चुनाव में वे खुद गोकुललाल असावा और माणिक्य लाल वर्मा से चुनाव हार गए थे ।
> किशनगढ़ से उपचुनाव में इनको फिर से उम्मीदवार बनाया गया जिसमे ये विजय रहे ।
> ज्ञात हो कि किशनगढ़ के विधायक चांदमल मेहता ने विधायक पद से अपना त्यागपत्र देकर इस सीट को रिक्त किया था जहां से उपचुनाव में जयनारायण व्यास विधायक निर्वाचित हुये थे।
> श्री जयनारायण व्यास राजस्थान के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो मनोनीत मुख्यमंत्री भी रहे और निर्वाचित मुख्यमंत्री भी रहे।
- श्री जयनारायण व्यास का जीवन परिचय
राजस्थान के ऐसे मात्र मुख्यमंत्री जिन्होंने निर्वाचित और मनोनीत दोनों रूप में मुख्यमंत्री का पद सुशोभित किया था। इनका जन्म 18 फरवरी 1899 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और जन जागरूकता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।सन 1927 में इन्होंने “तरुण राजस्थान” नामक समाचार पत्र का संपादन भी किया और इसके अतिरिक्त 1936 में मुंबई से “अखंड भारत” नामक दैनिक समाचार पत्र का प्रकाशन भी किया ।राजस्थान के एकीकरण के दौरान 1948 में जय नारायण व्यास जोधपुर प्रजामंडल के प्रधानमंत्री के रूप में भी रहे।
- (3) सुखाड़िया रहे चार बार राजस्थान के सीएम
सन 1954 में देश के इतिहास में पहली बार देखा गया कि मुख्यमंत्री के पद के लिए मुकाबला हुआ था। जयनारायण व्यास और मोहनलाल सुखाड़िया । इन्होंने 13 नवंबर 1956 से 11 अप्रैल 1957 तक मुख्यमंत्री के पद अपने कर्तव्य निर्वहन किया ।
दूसरी बार 11 अप्रैल 1957 से 12 अप्रैल 1962 तक तथा 12 मार्च 1962 से 13 मार्च 1967 तक इस पद पर रहे।
मोहनलाल सुखाड़िया लगातार तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने और इन्हीं का शासन काल था जब राजस्थान विधानसभा में हुए चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं होने के कारण राजस्थान के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया जो 13 मार्च 1967 से 26 अप्रैल 1967 तक रहा ।
मोहनलाल सुखाड़िया लगातार चौथी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने इस बार मुख्यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल 26 अप्रैल 1967 से 8 जुलाई 1971 तक रहा। ज्ञात हो कि मोहनलाल सुखाड़िया लगातार लगभग 17 वर्षों तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे इनका यह कार्यकाल राजस्थान के लिये यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
- मोहनलाल सुखाड़िया का जीवन परिचय
आधुनिक राजस्थान के निर्माता कहलाने वाले और जैन परिवार से संबंध रखने वाले श्री मोहनलाल सुखाड़िया का जन्म 31 जुलाई 1916 को झालावाड़ (राजस्थान ) में हुआ था। इनके पिता एक क्रिकेटर थे जिनका नाम पुरुषोत्तम लाल सुखाड़िया था।इन्होंने वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजीकल इंस्टीट्यूट बम्बई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया राजस्थान के लगातार चार बार मुख्यमंत्री रहने के बाद में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे। इनकी मृत्यु राजस्थान के बीकानेर में 2 फरवरी 1982 को हुई थी।
- (4) बरकतुल्लाह खां
बरकतुल्लाह खां 9 जुलाई 1971 से 11 अक्टूबर 1973 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर अब तक के इतिहास में पहले और एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री थे । कार्यकाल के दौरान ही 11 अक्टूबर 1973 को इनकी मृत्यु हो गई। ज्ञात हो कि बरकतुल्लाह खां राजस्थान के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो मुस्लिम(अल्पसंख्यक) समाज से थे और साथ ही पद पर रहते हुए जिसकी मृत्यु हुई।
- बरकतुल्लाह खां का जीवन परिचय
राजस्थान के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खा का जन्म 25 अगस्त 1920 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था । ये अलवर जिले के “तिजारा ” विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे और भी मुख्यमंत्री रहे । अपने कार्यकाल के दौरान ही 11 अक्टूबर 1973 को हृदय गति रुक जाने की वजह से इनकी मृत्यु हो गई ।
- (5) शेखावत तीन बार रहे राजस्थान के सीएम
भैरू सिंह शेखावत राजस्थान के प्रथम गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। ज्ञात हो कि शेखावत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे।भैरों सिंह शेखावत जब प्रथम बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तब इनका कार्यकाल 22 जून 1977 से लेकर 16 फरवरी 1990 तक रहा। इनकेेे कार्यकाल के दोरान हीं राजस्थान में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू हुुआ था ।जिस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री नियुक्त हुये थे उस समय श्री भैरों सिंह शेखावत मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे। राजस्थान केे मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद विधानसभा के उपचुनाव हुए थे शेखावत जी को 1977 में आयोजित उपचुनाव में बारां जिले के छबड़ा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया । जहां से विजय प्राप्त कर यह विधानसभा के सदस्य बने थे।
श्री भैरों सिंह शेखावत 1990 में दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इस बार भी यह गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। इनका यह दूसरा कार्यकाल 4 मार्च 1990 से 14 दिसंबर 1993 तक रहा । ज्ञात हो कि पिछली बार की तरह ही एक बार फिर से इनके कार्यकाल के दौरान ही राजस्थान में चौथी बार राष्ट्रपति शासन लागू रहा था।
सन 1993 में शेखावत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इस बार इनका कार्यकाल 4 दिसंबर 1993 से 30 नवंबर 1996 तक रहा।
- श्री भैरू सिंह का जीवन परिचय
“राजस्थान के सिंह” नाम से जाने और पहचाने जाने वाले राजनीतिज्ञ और बाबोसा श्री भैरों सिंह शेखावत का जन्म धनतेरस के दिन 23 अक्टूबर 1924 को राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री देवी सिंह शेखावत और माता का नाम बन्ने कँवर था। ज्ञात हो कि भैरू सिंह शेखावत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री और एक बार (2002-2007) देश के उपराष्ट्रपति पद पर भी रहे।
- (6) जगन्नाथ पहाड़िया
राजस्थान की सातवीं विधानसभा चुनाव के बाद 6 जून 1980 को श्री जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने जो कि 14 जुलाई 1981 तक इस पद पर पदस्थ रहे । ज्ञात हो कि राजस्थान राज्य के लिए ये ऐसे प्रथम मुख्यमंत्री थे जो अनुसूचित जाति और दलित वर्ग से संबंधित थे।
- श्री जगन्नाथ पहाड़िया जीवन परिचय-
जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म 15 जनवरी 1932 को भुसावर (भरतपुर) राजस्थान में तथा इनका निधन 19 मई 2021 को गुरुग्राम केे मेदांता अस्पताल (हरियाणा) में हुआ । पहाड़िया अपने राजनीतिक जीवन में चार बार सांसद रहे 1957, 1967, 1971 और 1988 तथा चार बार 1980,1985, 1999 और 2003 तक विधायक भी रहे।
पहाड़िया को 1957 में सबसे कम उम्र में सांसद बनने का अवसर मिला था. जब वे सांसद चुने गए तब उनकी उम्र 25 साल 3 माह थी।श्री जगन्नाथ पहाड़िया 2009 से लेकर 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।
- (7) शिववचरण माथुर
सातवीं विधान सभा में ही जगन्नाथ पहाड़िया के बाद 14 जुलाई 1981 से 23 फरवरी 1985 तक शिव चरण माथुर राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। शिवचरण माथुर राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रहे उनका दूसरा कार्यकाल 20 जनवरी 1988 से 4 दिसंबर 1989 तक रहा था ।
- शिवचरण माथुर का जीवन परिचय
माथुर साहब के नाम से प्रसिद्ध श्री शिवचरण माथुर का जन्म 11 फरवरी 1926 को महाशिवरात्रि के दिन मध्य प्रदेश के गुना जिले के छोटे से गांव मंडी कानूनको में हुआ था तथा 83 वर्ष की उम्र में 25 जून 2009 को हृदय गति रुक जाने के कारण इनकी मृत्यु हो गई ।शिवचरण माथुर 6 बार राजस्थान विधानसभा (1967,1972,1980,1990,1998,2003) के सदस्य रहे तथा 10 वीं लोकसभा (1991-1996) के चुनाव में ये सांसद भी चुने गए।
इसके अतिरिक्त ये सन 2008 से 2009 तक असम राज्य के राज्यपाल भी रहे।ज्ञात हो कि शिवचरण माथुर ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो गैर राजस्थानी है।
- (8) हीरालाल देवपुरा
राजस्थान की सातवीं विधानसभा में ही है तीसरे मुख्यमंत्री बने जो 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे । ज्ञात हो कि राजस्थान में यह सबसे कम अवधि के मुख्यमंत्री हैं जिनका कार्यकाल इस पद पर मात्र 16 दिन तक रहा।
- हीरालाल देवपुरा का जीवन परिचय
सबसे कम समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहने वाले श्री हीरालाल देवपुरा का जन्म 15 अक्टूबर 1925 को हुआ था तथा सन 2004 में इनका निधन हुआ था। ज्ञात हो कि इनका चुनाव क्षेत्र कुंभलगढ़ था।
- (9) श्री हरिदेव जोशी
पहली बार यह राजस्थान की पांचवीं विधानसभा जिसका कार्यकाल 1972 से 1977 तक रहा जिसमें चुनाव के पश्चात राजस्थान के मुख्यमंत्री बने । इस बार उनका कार्यकाल 11 नवंबर 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक रहा।
सन 1985 में आठवीं विधानसभा के चुनाव के बाद ये राजस्थान के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाए गए थे । इस बार इनका कार्यकाल 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक रहा ।
इसके अतिरिक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक रहा।
ज्ञात हो कि हरिदेव जोशी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में लगातार 10 बार चुनाव जीते थे।हरिदेव जोशी राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण एक भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए ।
- श्री हरिदेव जोशी का जीवन परिचय
स्वतंत्रता सेनानी और लगातार 10 बार विधानसभा के चुनाव में विजयी रहने वाले श्री हरिदेव जोशी का जन्म 17 दिसंबर 1921 को खांदू(बांसवाड़ा) में हुआ था । ये तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहे ।इन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत राजस्थान के विधानसभा के पहले चुनाव में डूंगरपुर से विधायक के रूप में की और 1957 में घाटोल से तथा इसके अतिरिक्त 8 बाए बांसवाड़ा से विधायक रहे।श्री हरिदेव जोशी असम,मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे।
- (10) अशोक गहलोत
श्री अशोक गहलोत अब तक राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं । राजस्थान में 11वीं विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति के जादूगर श्री अशोक गहलोत राजस्थान के पहली बार मुख्यमंत्री बने । इस बार का कार्यकाल 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 तक रहा।मुख्यमंत्री के रूप में इनका दूसरा कार्यकाल तेरहवीं विधानसभा के चुनाव के बाद 13 दिसंबर 2008 से 12 दिसंबर 2013 तक रहा ।15 वी विधानसभा के चुनाव के उपरांत श्री अशोक गहलोत राजस्थान के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने जिनका कार्यकाल 17 दिसंबर 2018 से वर्तमान तक रहा ज्ञात हो कि श्री अशोक गहलोत मोहनलाल सुखाड़िया के बाद सबसे अधिक कार्यकाल वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे ।° यह पांच बार विधायक और पांच बार सांसद रहे। ° इनका निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा जोधपुर से है।° इनको युवा मुख्यमंत्री और मारवाड़ का युवा गांधी के नाम से भी जाना जाता है।
● अशोक गहलोत का जीवन परिचय
राजनीति के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध श्री अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह गहलोत है । इन्होंने विज्ञान और कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की । इसके पश्चात उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर भी किया यह राजस्थान में अब तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
- (11) श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया
राजस्थान की अब तक एकमात्र और प्रथम महिला मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने पहली बार 12 वी विधानसभा के चुनाव के पश्चात राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया । जिनका कार्यकाल 8 दिसंबर 2003 से 11 दिसंबर 2008 तक रहा और दूसरी बार राजस्थान की 14 वी विधानसभा के दौरान 13 दिसंबर 2013 से 16 दिसंबर 2018 तक मुख्यमंत्री रही।
● वसुंधरा राजे सिंधिया का जीवन परिचय
राजस्थान की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च 1953 को मुंबई में हुआ था । इनका संबंध है भूतपूर्व ग्वालियर राज परिवार से हैं जिनके पिता का नाम जीवाजी राव सिंधिया और माता का नाम विजयाराजे सिंधिया है। राजनीतिक कैरियर में इन्होंने पहला चुनाव सन 1984 में मध्यप्रदेश के भिंड लोकसभा क्षेत्र से लड़ा था जिसमें यह पराजित हो गई थी।
अब तक यह 5 बार सांसद रह चुकी है ।(1) 1989 से 1991 नौवीं लोकसभा (2) 1991 से 1996 10 वीं लोकसभा (3) 1996 से 1998 11वीं लोकसभा (4) 1998 से 1999 तक12 वीं लोकसभा (5) 1999 से 2003 तक लोकसभा। 1998 के दौरान श्री अटल बिहारी वाजपेय के प्रधानमंत्रीत्त्व काल में इन्होंने विदेश राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वसुंधरा राजे सिंधिया अब तक दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुकी है।
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