
अक्सर राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में एक अल्पसंख्यक /मुस्लिम वर्ग से एकमात्र मुख्यमंत्री का नाम पूछा जाता रहा है । कश्मीर के अलावा किसी दूसरे राज्य विशेषकर राजस्थान में मुस्लिम मुख्यमंत्री का नाम सुनते ही जरा आश्चर्य होता है लेकिन सच्चाई है और यह एक क्रांतिकारी कदम था । आखिर कौन है वह मुस्लिम व्यक्ति जो राजस्थान के एक नहीं बल्कि 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके अगर जानना चाहते हैं उस मुख्यमंत्री के बारे में उनके जीवन का हर पहलू तो यह आलेख आपके लिए जरूर उपयोगी साबित होगा ।
- बरकतुल्लाह खान है राजस्थान के मुस्लिम मुख्यमंत्री
राजस्थान की चतुर्थ विधानसभा में 9 जुलाई 1971 से 12 मार्च 1972 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर अब तक के इतिहास में पहले और एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री रहे थे । ज्ञात हो कि इस दौर में गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले बरकतुल्लाह खा विदेश यात्रा पर थे और राजस्थान में कुछ अनायास ही ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि इंदिरा गांधी ने दूरभाष पर बरकतउल्ला खां को सूचित कर तुरंत प्रभाव से राजस्थान पहुंचकर मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने का आदेश दिया ।ध्यातव्य- भारत – पाकिस्तान युद्ध के समय पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थियों का भारत आने का दौर चालू था जो एक नई समस्या उत्पन्न कर रहा था। इस गतिरोध को दूर करने के लिए इंदिरा गांधी ने एक प्रतिनिधिमंडल लंदन भेजा था। ज्ञात हो कि इसी प्रतिनिधिमंडल में बरकतउल्ला खां भी एक सदस्य के रूप में लंदन गये थे।
- बरकतुल्लाह खा दो बार रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री
बरकतुल्ला खा ने 51 वर्ष की आयु में एक मुख्यमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया । चौथी विधानसभा में ऐसी राजनीतिक परिस्थितियां उत्पन्न हो गई की मोहनलाल सुखाड़िया की जगह बरकतुल्लाह खान को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया। सन 1972 में राजस्थान की पांचवीं विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ । बरकतुल्लाह खा को मुख्यमंत्री बनाया गया । इस बार उनका कार्यकाल कम समय का रहा क्योंकि अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पद पर रहते हुए ही 11 अक्टूबर 1973 को इनकी मृत्यु हो गई। ज्ञात हो कि बरकतुल्लाह खान राजस्थान की एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनकी पद पर रहते हुए जिसकी मृत्यु हुई है।
- बरकतुल्लाह खां का जीवन परिचय
राजस्थान के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खा का जन्म 25 अगस्त 1920 में राजस्थान के जोधपुर में एक व्यवसायिक परिवार में हुआ था । अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद यह उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ चले गए जहां पर इन्होंने कानून में स्नातक किया । इसी दौरान गांधी परिवार के दामाद फिरोज गांधी से इनकी अच्छी दोस्ती हुई और यही दोस्ती आगे चलकर बरकतुल्लाह खा के राजनीतिक कद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
- बरकतुल्लाह खा की राजनीति की यात्रा
बरकतुल्लाह खा अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में जोधपुर नगर परिषद के अध्यक्ष भी रहे तथा सन् 1948 में जय नारायण व्यास की पहल पर पहली बार राजस्थान में मंत्री बनाए गए थे । इसके अतिरिक्त यह राज्यसभा के सदस्य भी रहे लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि अपने कार्यकाल से की समाप्ति से पूर्व ही राजस्थान में विधानसभा के चुनाव हुए थे जहां से इनको विधानसभा में विधायक बनने का अवसर प्राप्त हुआ । ज्ञात हो कि ये अलवर जिले के “तिजारा ” विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे और भी मुख्यमंत्री रहे । राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व यह सुखाड़िया मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके थे अपने कार्यकाल के दौरान ही मात्र 53 वर्ष की आयु में 11 अक्टूबर 1973 को हृदय गति रुक जाने की वजह से इनकी मृत्यु हो गई ।
- गांधी परिवार के नजदीकी थे बरकतुल्लाह खा
बरकतुल्लाह खा के बारे में बताया जाता है कि राजस्थान के पहले और एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री श्री बरकतुल्लाह खा, गांधी परिवार में बहुत ही नजदीकी माने जाते हैं ये श्री फ़िरोज़ गाँधी के दोस्त थे। इन दोनों ने ही लखनऊ में एक साथ कॉलेज में पढ़ाई की थी और फिरोज गांधी के प्रयासों के परिणाम स्वरुप ही बरकतउल्ला खा का कदर राजनीति में बढ़ गया था ।